रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ अपराध, जातीय सफाए का चिन्ह, संयुक्त राष्ट्र संघ
(last modified Tue, 13 Mar 2018 05:16:04 GMT )
Mar १३, २०१८ १०:४६ Asia/Kolkata
  • रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ अपराध, जातीय सफाए का चिन्ह, संयुक्त राष्ट्र संघ

म्यांमार के बारे में संयुक्त राष्ट्र संघ की विशेष रिपोर्टर ने कहा है कि रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ अपराध , जातीय सफाए का चिन्ह और म्यांमार सरकार इसकी ज़िम्मेदार है।

" यांगही ली" ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र संघ की मानवाधिकार परिषद की बैठक में कहा कि मुझे विश्वास हो गया है कि म्यांमार के मुसलमानों के खिलाफ जो अपराध किये जा रहे हैं उसमें जातीय सफाए के लक्षण हैं और इसकी सीधी ज़िम्मेदारी, म्यांमार की सरकार पर है। 

संयुक्त राष्ट्र की इस अधिकारी ने कहा ज़िन्दा जलाने और सामूहिक जनसंहार जैसी घटनाओं की विश्वस्त रिपोर्टें आ चुकी है लेकिन म्यांमार की सरकार , इन क्षेत्रों में जाकर उनके निरीक्षण की बार बार की जाने वाली मांग की अनदेखी कर रही है। 

" यांगही ली"

 

म्यांमार के बारे में संयुक्त राष्ट्र संघ की विशेष रिपोर्टर ने कहा है कि म्यांमार सरकार के प्रमुख को जिन्होंने इन अपराधों को रोकन या उनकी आलोचना की दिशा में कुछ नहीं किया है, जवाब देना चाहिए। 

" यांगही ली"  ने कहा कि अगस्त के अंतिम दिनों से लेकर अब तक रोहिंग्या मुसलमानों के कम से कम 319 गांव जला कर राख कर दिये गये और इन इलाक़ों में रहने वाले लगभग 7 लाख लोग उत्तरी राखीन प्रान्त से बांग्ला देश भागने पर मजबूर हो गये। 

म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ चरमपंथी बौद्धों की हिंसा अगस्त 2017 से आरंभ हुई । इस देश की सेना पर भी रोहिंग्या मुसलमानों के खिलफ भेद भाव ्र जनसंहार का आरोप है। (Q.A.)

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