दाइश का मुक़ाबला हर स्थिति में जारी रहेगाः रूस
केन्द्रीय एशिया में दाइश से मुक़ाबले के लिए रूस ने कमर कस ली है।
रूस के रक्षामंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि उनका देश तालेबान से मुक़ाबले के उद्देश्य से ताजिकिस्तान और क़िरक़ीज़िस्तान में अपनी सैन्य छावनियों को मज़बूत कर रहा है। सरगेई शोईगू ने बताया है कि दाइश के आतंकवादी, अफ़ग़ानिस्तान के माध्यम से केन्द्रीय एशिया में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहते हैं।
रूस का कहना है कि दाइश की ओर से अपने घटकों को होने वाले संभावित ख़तरों का मुक़ाबला करने के लिए उसने ताजिकिस्तान और क़िरक़ीज़िस्तान में अपनी सैन्य छावनियों को मज़बूत करना आरंभ कर दिया है। इससे पहले रूस के विदेश मंत्रालय की ओर से एलान किया जा चुका है कि उत्तरी अफ़ग़ानिस्तान के क्षेत्र, दाइश के आतंकवादियों के शरणस्थल में बदलते जा रहे हैं। राजनैतिक टीकाकारों का कहना है कि अफ़ग़ानिस्तान में दाइश को मज़बूत करने में अमरीका का हाथ है। माॅस्को कई बार यह आरोप लगा चुका है कि अमरीका और नाटो, अफ़ग़ानिस्तान में दाइश की हथियारों से सहायता कर रहे हैं। रूसी विदेशमंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा है कि इस बात के पुष्ट प्रमाण मौजूद हैं कि अफ़ग़ानिस्तान में मौजूद अमरीकी सैनिक इस देश में दाइश के आतंकियों के सैन्य समर्थन के साथ ही साथ उनको एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने में भी सहायता कर रहे हैं। क्षेत्र के स्ट्रैटेजिक मामलों के जानकारों का कहना है कि इस बात के दृष्टिगत कि अफ़ग़ानिस्तान में दाइश के आतंकवादियों की संख्या में बहुत तेज़ी से वृद्धि हो रही है, अफ़ग़ानिस्तान में मौजूद विदेशी सैनिकों की उपस्थिति की समीक्षा की जानी चाहिए। रूस के सैन्य कमांडर एलेक्ज़ेंडर लैपिन का कहना है कि सीरिया और इराक़ में पराजय के बाद दाइश का ध्यान अब केन्द्रीय एशिया की ओर है। अफ़ग़ानिस्तान में इस समय लगभग दस हज़ार दाइश के सदस्य मौजूद हैं। अब वे केन्द्रीय एशिया में अपनी हिंसक कार्यवाहियां करके वहां तथाकथित इस्लामी सरकार के गठन के प्रयास में हैं।
वर्तमान समय में अफ़ग़ानिस्तान में हो आतंकवादी गुट सक्रिय हैं तालेबान और दाइश। हालांकि यह दोनों आतंकवादी गुट वहां की सरकार के विरुद्ध कार्यवाहियां करते रहते हैं किंतु केन्द्रीय एशिया के देशों में अशांति उत्पन्न कराने के उद्देश्य से अमरीका, इस समय अफ़ग़ानिस्तान में दाइश का साथ दे रहा है।