मेस्सी और उनकी ब्रिगेड ने दुनिया का दिल जीत लिया
अर्जेंटीना ने फ़िलिस्तीनी बच्चों की मांग पर अवैध अधिकृत बैतुल मुक़द्दस में इस्राईल के साथ अपना दोस्ताना फ़ुटबाल मैच रद्द कर दिया है।
अर्जेंटीना और अतिग्रहणकारी ज़ायोनी शासन की फ़ुटबाल टीमों के बीच अवैध अधिकृत फ़िलनिस्तीनी क्षेत्र में बनाए गये स्टेडियम में दोस्ताना मैच के कार्यक्रम के समाचार आने के बाद फ़िलिस्तीनी बच्चों ने विरोध जताते हुए विश्व विख्यात फ़ुटबाल खिलाड़ी लियोनल मेस्सी और अर्जेंटीना की फ़ुटबाल टीम से मांग की थी कि वह यह मैच न खेले।
फ़िलिस्तीनी बच्चों ने अपने पत्र में कहा था कि वह उन परिवारों के बच्चे हैं जिनसे छीनी गयी ज़मीन पर यह स्टेडियम बनाया गया है। फ़िलिस्तीनी बच्चों ने अपने पत्र में अर्जेंटीना की टीम के खिलाड़ियों विशेषकर मेस्सी को संबोधित करते हुए कहा था कि हमें बताया गया है कि आप हमारे तबाह गांवों पर बने स्टेडियम में मैच खेलने वाले हैं जिस पर हमारी ख़ुशी आंसूओं में बदल गयी है और हमारे दिल टूट गये कि हमारे पसंदीदा खिलाड़ी मेस्सी हमारे पूर्वजों की क़ब्रों पर बने स्टेडियम में खेलने जा रहे हैं।
फ़िलिस्तीनी बच्चों ने अपने भावुक पत्र में लिखा कि आइये हम ईश्वर से दुआ करें कि मेस्सी हमारे दिलों को न तोड़ें। इस पत्र पर 70 फ़िलिस्तीनी बच्चों के हस्ताक्षर थे और फ़िलिस्तीन के अतिग्रहण को भी 70 साल हो चुके हैं।
ज्ञात रहे कि फ़ुटबाल वर्ल्ड कप से पहले 9 जून को अर्जेंटीना और इस्राईल के बीच वार्मअप मैच खेला जाना था किन्तु फ़िलिस्तीनी बच्चों की अपील रंग लाई और यह मैच रद्द हो गया। अर्जेंटीना के फ़ुटबाल खिलाड़ी हेन्गोवेइन ने कहा कि हमने मैच रद्द करने का फ़ैसला किया है।
दूसरी ओर फ़िलिस्तीनी फ़ुटबाल एसोसीएशन ने अर्जेंटीना के कप्तान और स्टार फ़ुटबालर मेस्सी और उनकी टीम का मैच रद्द करने पर आभार व्यक्त किया है। फ़िलिस्तीन फ़ुटबाल एसोसीएशन के बयान में कहा गया है कि मैच रद्द रहना, खेल शिष्टाचार और मूल्यों की जीत है जबकि इस्राईल को रेड कार्ड दिखाया गया है। यह मैच पहले हैफ़ा में खेला जाना था किन्तु उसके बाद इस्राईल ने इस को अवैध अधिकृत बैतुल मुक़द्दस के गांव मालेहा में बने स्टेडियम में खेलने का कार्यक्रम बनाया था जबकि ज़ायोनी शासन ने मैच के बदले अर्जेंटीना को 30 लाख डॉलर देने की पेशकश की थी। (AK)