श्रीलंका के 9 मुसलमान मंत्रियों और 2 गवर्नरों ने दिये त्यागपत्र
(last modified Tue, 04 Jun 2019 10:16:30 GMT )
Jun ०४, २०१९ १५:४६ Asia/Kolkata
  • श्रीलंका के 9 मुसलमान मंत्रियों और 2 गवर्नरों ने दिये त्यागपत्र

श्रीलंका सरकार के नौ मुस्लिम मंत्रियों और अल्संख्यक समुदाय के दो प्रांतीय गवर्नरों ने सोमवार को अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। 

बताया जा रहा है कि इन मंत्रियों एवं गवर्नरों ने यह त्यागपत्र इसलिए दिये हैं ताकि उनमें से कुछ के खिलाफ लगे आरोपों की जांच की जा सके।  इन मंत्रियों में से कुछ पर उस चरमपंथी समूह से संबंध रखने के आरोप लगे हैं जिसे ईस्टर पर हुए घातक आत्मघाती हमलों का जिम्मेदार माना गया है।  इन सभी लोगों का इस्तीफा ऐसे वक्त में आया है जब बहुसंख्यक बौद्ध समुदाय के महंतों समेत हजारों लोग ने कैंडी तीर्थ नगरी में विरोध प्रदर्शन करके नेशनल तौहीद जमात से संबंध रखने की बात कहकर तीन मुस्लिम नेताओं को बर्खास्त करने की मांग की थी।  श्रीलंका की आबादी में मुसलमानों की संख्या 9 प्रतिशत है।  दूसरी ओर श्रीलंका के मुसलमान मंत्रियों के त्यागपत्र का वहां के हिंदु सांसदों ने कड़ा विरोध किया है।  इन हिंदु सांसदों का कहना है कि श्रीलंका के मुसलमान मंत्री भेदभाव का शिकार हो रहे हैं।  टीएनए पार्टी का कहना है कि आज श्रीलंका में मुसलमान निशाने पर हैं, कल हम होंगे और अगले दिन कोई दूसरा।  श्रीलंका के एक हिंदू नेता ने कहा कि अगर श्रीलंका की सरकार बौद्ध सन्यासियों के हिसाब से चलेगी तो फिर गौतम बुद्ध भी देश को नहीं बचा पाएंगे।  उन्होंने कहा कि मुसलमानों पर अबतक आरोप सिद्ध नहीं हुए हैं और न ही वे संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त रहे हैं।  ज्ञात रहे कि श्रीलंका के एक प्रभावशाली बौद्ध सन्यासी अथुरालिये रत्ना की भूख हड़ताल के कारण मुसलमान मंत्रियों को त्यागपत्र देने पर विवश होना पड़ा है।

उल्लेखनीय है कि 21 अप्रैल 2019 को श्रीलंका में होने वाले आतंकवादी हमलों में 359 लोग मारे गए थे जबकि 500 से अधिक लोग घायल हुए थे।इन हमलों के बाद सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे कुछ मुस्लिम राजनीतिकों को आतंकवाद के कथित समर्थन के कारण आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा था।

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