योरोप अच्छी तरह जानता है कि जेसीपीओए के उपयोगी न होने के लिए अमरीका क़ुसुरवार हैः रूस
रूस ने कहा है कि योरोप अच्छी तरह जानता है कि परमाणु समझौते जेसीपीओए के उपयोगी न होने के लिए अमरीका क़ुसुरवार है।
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़ख़ारोवा ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी, ईरान में जिन परमाणु प्रतिष्ठानों को देखना चाहती है वह मुमकिन है, जिसके लिए चरण तय करने होंगे।
रूसी विदेश मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट में सोमवार की रात को प्रकाशित बयान में, रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़ख़ारोवा ने बल दियाः “ईरान के परमाणु कार्यक्रम के संबंध में परमाणु समझौते जेसीपीओए पर पाबंद रहने और इस्लामी गणतंत्र के ख़िलाफ़ अमरीका के एकपक्षीय प्रतिबंधों के असर को कम करने का रास्ता निकालने के बारे में ब्रिटेन, फ़्रांस और जर्मनी ने जो गैरंटी दी थी, वह आईएईए में ईरान के परमाणु कार्यक्रम के संबंध में स्थिति को जटिल बनाने की उनकी कोशिश से मेल नहीं खाती।”
मारिया ज़ख़ारोवा ने कहाः “हम समझते हैं कि बर्लिन, लंदन और पेरिस, आईएईए के निदेशक मंडल में ईरान विरोधी उनके प्रस्ताव के बारे में सर्वसम्मति न होने पर निराश हैं। सच्चाई यह है कि ईरान के बारे में आईएईए के निदेशक मंडल का पारित प्रस्ताव, इस्लामी गणतंत्र में गैरंटी के उपयोग के संबंध में ज़मीनी सच्चाई से मेल नहीं खाता। हमें यक़ीन है कि प्रस्ताव में एजेंसी के मद्देनज़र प्रतिष्ठानों तक पहुंच सहित सभी वर्णित मुद्दे, आईएईए के सचिवालय और देशों के बीच सहयोग के स्टैंडर्ड प्रक्रिया के तहत हल हो सकते हैं।”
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़ख़ारोवा ने कहा कि मॉस्को ने चीन के साथ मिल कर इस प्रस्ताव को तय्यार करने वालों को सचेत किया था कि उनके इस क़दम का अच्छा नतीजा नहीं निकलेगा।(MAQ/N)