आज़रबाइजान-आर्मेनिया युद्ध, तुर्क राष्ट्रपति की आर्मेनिया को कड़ी धमकी
तुर्की का कहना है कि नारगोनो-क़राबाग़ क्षेत्र में आज़रबाइजान और आर्मेनिया के बीच जारी भीषण लड़ाई उस वक़्त तक बंद नहीं होगी, जब तक आर्मेनिया वहां से अपने सैनिकों को बाहर नहीं निकाल लेगा।
तुर्क राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोगान ने गुरुवार को टीवी पर अपने संबोधन में कहा कि न आर्मेनिया को न केवल विवादित क्षेत्र से बाहर निकलना है, बल्कि आज़रबाइजान की एक एक इंच ज़मीन को छोड़ना होगा।

उन्होंने कहा कि क्षेत्र में स्थायी युद्ध विराम का सिर्फ़ एक ही रास्ता है, और वह है आज़रबाइजान की एक एक इंच ज़मीन का आज़ाद होना।
क़राबाग़ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आज़रबाइजान का भाग माना जाता है, लेकिन 1992 से इस पर आर्मेनिया ने क़ब्ज़ा कर रखा है।
रविवार से क़राबाग़ को लेकर, दोनों देशों के बीच भीषण झड़पें जारी हैं, जिसमें अब तक 100 से ज़्यादा सैनिकों और आम नागरिकों की मौत हो गई है।
इस बीच, रूस ने कहा है कि उसके विदेश मंत्री ने अपने तुर्क समकक्ष के साथ आज़रबाइजान और आर्मेनिया के बीच जारी संघर्ष के समाधान के बारे में बातचीत की है।
रूस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके बताया कि सरगेई लारोव और मौलूद दाउद ओग़लू के बीच गुरुवार को टेलीफ़ोन पर बातचीत हुई और दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने इस विवाद का समाधान निकालने पर बल दिया।
बयान में कहा गया है कि लारोव और ओग़लू युद्ध विराम और शांति की स्थापना के लिए अधिक सहयोग करने पर सहमत हो गए हैं।
ग़ौरतलब है कि नारगोनो-क़राबाग़ विवाद में जहां तुर्की खुलकर आज़रबाइजान का समर्थन कर रहा है, तो वहीं रूस आर्मेनिया के साथ खड़ा हुआ है और उसे हथियारों की आपूर्ति कर रहा है। msm