May १५, २०१६ १६:३७ Asia/Kolkata
  • पुलिस अधिकारियों से वरिष्ठ नेता की मुलाक़ात

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने पुलिस कर्मियों के शिष्टाचार और उनके क्रियाकलापों पर पुलिस अधिकारियों की ओर से और गंभीर निरिक्षण तथा सामाजिक व नैतिक सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने पर बल दिया है।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने पुलिस कर्मियों के शिष्टाचार और उनके क्रियाकलापों पर पुलिस अधिकारियों की ओर से और गंभीर निरिक्षण तथा सामाजिक व नैतिक सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने पर बल दिया है। 

रविवार को इस्लामी गणतंत्र ईरान के पुलिसकर्मियों और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने वरिष्ठ नेता से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में वरिष्ठ नेता ने सुरक्षा विषय को बहुत ही महत्वपूर्ण और पहली प्राथमिकता बताया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि सुरक्षा के बिना लोगों की दिनचर्या, देश का संचालन, और आर्थिक, शैक्षिक व वैज्ञानिक गतिविधियां संभव नहीं हैं। वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रतिरोधक अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में कार्यवाही और पालन तथा भीतरी अर्थव्यवस्था के पवित्र वृक्ष के अस्तित्व में आने के लिए सुरक्षा बहुत ही आवश्यक है।

वरिष्ठ नेता ने पुलिसकर्मियों और सुरक्षा संस्थाओं की ओर से अशांति के कारणों की समीक्षा को बहुत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि उच्च रैंक के पुलिस अधिकारियों में ज़िम्मेदारी की भावना और पुलिसर्मियों के साथ गृहमंत्री का पिता जैसा स्नेहपूर्ण व्यवहार वास्तविक रूप में अवसर हैं जिनसे निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए लाभ उठाया जा सकता है।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह आवश्यक है कि लोगों के मन में पुलिसकर्मियों का वांछित व पूर्ण चित्रण हो। उन्होंने कहा कि बिना निर्दयता के ठोस व शक्ति, आंतरिक सुरक्षा, तेज़ी से और समय पर उपस्थिति, स्नेह व विनम्रता तथा जनता की सहायता और क़ानून की ओर रुझहान आदि वे कारक हैं जो पुलिसकर्मियों का सकारात्मक चित्रण पेश कर सकते हैं।

वरिष्ठ नेता ने इसी प्रकार 37 वर्षों के शत्रुओं के प्रयासों के बावजूद ईरान की प्रगति और विकास को अच्छा और अग्रसर बताया और कहा काि जनता के समर्थन से इस्लामी व्यवस्था ने दुश्मनों की नाक ज़मीन पर रगड़ दी है। उन्होंने कहा कि देश में भतभेद, निराशा और भ्रांतियां फैलाने के लिए शत्रुओं के प्रयास तथा ईरान की प्रगति से उनके क्रोध जैसी बातें इसी में निहित हैं।