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कार्यक्रम

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  • रमज़ान 1443
     कार्यक्रम मेें पवित्र रमज़ान की अहमियत, रोज़े के फ़ायदे और रोज़ेदार को होने वाले लाभ पर चर्चा की गयी।
  • पत्र संसार
  • एकता सप्ताह
  • क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार
  • जीने की कला
  • ईरानी व्यंजन
    कार्यक्रम ईरानी व्यंजन ईरान के अलग अलग इलाक़ों की सैर करवाता है और वहां के स्थानीय खानों और उन्हें बनाने की विधि से परिचित कराता है। 
  • सफल महिलाएं
  • रोहिंग्या त्रास्दी
  • आइए ईरान घूमें
  • जल संकट, आशा व निराशा
  • विज्ञान की डगर, ईरान का सफ़र
  • नया सवेरा
  • क़ुरआनी क़िस्से
  • अफ़ग़ानिस्तान में दाइश
  • पश्चिमी जीवन की सच्चाई
  • ईरान में विदेशी पूंजीनिवेश की संभावनाएं
  • विज्ञान की डगर
  • शेर की दुनिया
  • अमरीका भेदभाव का साम्राज्य
  • बंदगी की बहार
  • ईरान भ्रमण
  • शौर्य गाथा
  • इस्लाम में बाल अधिकार
  • अपनी देखभाल
  • क़ुरआन की समीक्षा
  • घर परिवार
  • हज का विशेष कार्यक्रम
  • इस्लामी क्रांति और समाज
  • सृष्टि के रहस्य
  • ईश्वरीय आतिथ्य
  • आयतें और निशानियां
  • ईरानी संस्कृति और कला
  • फ़ार्स खाड़ी के ईरानी द्वीप
  • इतिहास के पन्नों में
  • अल्लाह के ख़ास बन्दे
  • विकास पथ
  • क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-2
    पवित्र क़ुरआन की आयतों की विभिन्न आयामों से समीक्षा पर आधारित कार्यक्रम।  
  • हालीवूड में भेदभाव
  • मस्जिद और उपासना
  • इस्लामी जगत
    इस्लामी जगत
  • ईरान के तालाब
  • मार्गदर्शन
    मार्गदर्शन
  • ईरानी बाज़ार
    ईरानी बाज़ार
  • इस्लाम और मानवाधिकार
    इस कार्यक्रम में विभिन्न आयामों से इस्लाम में मानवाधिकार की चर्चा की गई है।
  • हम और पर्यावरण
    पर्यावरण के महत्व से लोगों को अवगत कराने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का प्रसारण किया जाता है।
  • पैग़म्बरे इस्लाम सलल्लाहो अलैह व आलेही व सल्लम
    स्वर्ण कथन
  • तकफ़ीरी आतंकवाद
    तकफ़ीरी आतंकवाद
    इस कार्यक्रम में आधुनिक सलफ़ीवाद के वजूद में आने और इसके विस्तार पर चर्चा की जाएगी।
  • युवावस्था
    ज़िन्दगी की बहार
    इस कार्यक्रम में युवाओं और आयु के इस काल की विशेषताओं पर चर्चा की गई है।
  • बच्चों के लिए अच्छे नाम का चयन करना
    घर परिवार और बच्चे
    इस साप्ताहिक कार्यक्रम में बच्चों के प्रशिक्षण, उनके प्रति माता-पिता के दायित्व, प्रशिक्षण के लिए उचित वातावरण और माता-पिता के प्रति बच्चों की ज़िम्मेदारी के विषयों पर चर्चा की गई है।
  • मौलाना जलालुद्दीन मुहम्मद मौलवी
    ईरानी बुद्धिजीवी-51
    मौलाना जलालुद्दीन मुहम्मद मौलवी की गणना फ़ारसी साहित्य के महान साहत्यकारों में होती है। जलालुद्दीन मुहम्मद, फ़ारसी भाषा के विश्व ख्याति प्राप्त कवि हैं। उनकी रचनाओं का अनुवाद विश्व की कई भाषाओं में किया जा चुका है। यही कारण है कि विश्व के कई साहित्यकार, मौलवी के विचारों से प्रभावित रहे हैं। उन्हें रूमी के नाम से भी जाना जाता है।     जैसाकि आप जानते हैं कि जलालुद्दीन मुहम्मद मौलवी, परिज्ञानी और साधक भी थे। उनके विचारों को दो पुस्तकों में संकलित किया गया है, दीवाने कबीर और मसनवी। मसनवी, फ़ार्सी साहित्य का अनूठा ग्रंथ है। मौलवी की इन पुस्तकों ने विश्व के बहुत से लोगों को अपनी ओर आकृष्ट किया है। ईरान के इस महान कवि की कविताएं वास्तव में उनके विचारों का प्रतिबिंबन हैं। शताब्दियां गुज़र जाने के बावजूद मौलवी के विचार आज भी ज़िंदा हैं। मौलवी की कविताओं और ग़ज़लों में सृष्टि, उसका आरंभ और अंत, संसार से ईश्वर का संबन्ध, मनुष्य से संबन्धित बातें, प्रेम, स्वतंत्रता और मनुष्य तथा ईश्वर के बीच संपर्क के मार्गों जैसे विषय स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं। मौलवी ने अपनी कविताओं में अपने अनुभवों का भी उल्लेख किया है। ईरान के महान कवि मौलवी की कविताओं की विशेषता उनका नयापन है। उनकी बातों से सबोधक ऊबता नहीं है क्योंकि उनमें नयापन पाया जाता है। मौलवी के विचार, पुस्तकें और उनकी व्यापक सोच, फ़ारसी भाषा तथा साहित्य में रुचि रखने वालों के मध्य व्यापक रूप से फैले और इन्होंने शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों को अपनी ओर आकृष्ट किया। मौलवी ने स्वयं को काल के बंधनों से मुक्त रखा है। विशेषज्ञों का कहना है कि मौलवी के संकलन को काल के बंधन में बांधा नहीं जा सकता। यही कारण है कि उनकी रचनाओं में नयापन पाया जाता है। नएपन के अतिरिक्त मौलवी की रचना सदाबहार है। इन्ही बातों के दृष्टिगत मौलवी के मानने वालों की संख्या में कमी नहीं होती। जानकारों का कहना है कि मौलवी ने स्वयं को ईश्वर से जोड़ रखा था इसलिए उन्होंने ईश्वरीय पहचान के बारे में जो बातें कही हैं उसे सुनकर संबोधक उनसे प्रभावित होता है।       तत्कालीन शोधकर्ता और जानेमाने साहित्यकार, डा. ज़र्रीनकूब का कहना है कि मौलाना जलालुद्दीन मुहम्मद मौलवी की रचनाओं के ताज़ापन का एक कारण उनकी सोच का व्यापक एवं विस्तृत होना है। यह बात ज़र्रीनकूब ने मौलाना पर किये अपने शोध में कही है। मौलवी की ग़ज़लों में विशेष प्रकार की लय पायी जाता है। मौलवी ने अपने शेर, वास्तव में विचारों की दुनिया में डूबकर कहे हैं। यह ऐसी स्थिति है जिसमें कवि, कविता के मूल नियमों की ओर ध्यान न देकर विचारों में डूब जाता है। इस स्थिति में जो कविता कही जाती है वह संबोधक को बहुत अधिक प्रभावित करती है। इसका कारण यह होता है कि ऐसे में मन की बात कह रहा होता है। मौलाना जलालुद्दीन मुहम्मद मौलवी की कविता की एक अन्य विशेषता यह है कि उन्होंने शब्दों का प्रयोग अपनी इच्छा के अनुसार किया है न कि कविता की परंपरा का अनुसरण करते हुए। कभी-कभी तो मौलवी अपनी बात कहने के लिए कविता में नए सिंटेक्स या वाक्य विशलेषण का प्रयोग है। एक शोध के अनुसार मौलवी की कविताओं में कम से कम 75 हज़ार नए सिंटेक्स या वाक्य-विशलेषणों का प्रयोग मिलता है। इनको स्वयं मौलाना ने बनाया है जिससे उनकी वैचारिक योग्यता का पता चलता है। इससे पता चलता है कि मौलवी को किस सीमा तक फ़ार्सी भाषा का ज्ञान था। मौलवी की कविताओं पर शोध करने वाले भारतीय उप महाद्वीप के एक शोधकर्ता का कहना है कि मौलवी द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली नई बातें उनके गहन चिंतन का परिणाम हैं।       बहुत से कवियों और अपने समकालीन साहित्यकारों के विपरीत मौलवी ने स्वयं को प्रचलित शब्दों आडंबर से सुरक्षित रखते हुए भाषा में नए शब्दों का समावेश किया है ताकि उनका साहित्य, प्रवाहित नदी की भांति आगे बढ़ती रहे। उनकी भाषा सरल और आसानी से समझ में आने वाली है। मौलवी का मानना था कि भाषा वास्तव में बात को समझने और समझाने का माध्यम है इसलिए उस भाषा का प्रयोग किया जाए जिसे समझने में आसानी हो। मौलवी का यही विचार उनके साहित्य के आजतक जीवित रहने और लोगों को प्रभावित करने का कारण है। डा. सीरूस शमीसा का मानना है कि मौलवी की कविताओं में सच्चाई पाई जाती है। उनकी कविताओं को सुनने वाला आसानी से कवि की बातों को समझ सकता है। मौलवी की कविताओं और शेरों का अध्ययन करने के बाद इस बात को समझा जा सकता है कि वे शायरी में प्राचीन पारंपरिक नियमों के प्रयोग को पसंद नहीं करते थे। उन्होंने सदैव ही नई शैली अपनाई। उनके शेरों की एक विशेषता उनका नयापन है। दूसरे शब्दों में जलालुद्दीन मुहम्मद मौलवी को शायरी की नई शैली का जनक भी कहा जा सकता है।  फ़ेसबुक पर हमें लाइक करें, क्लिक करें 
  • वर्ष १९२३ में ईरानी युवाओं का एक गुट विमान चलाने का प्रशिक्षण लेने के लिए रूस और फ़्रांस गया था।
    फ़ारसी सीखे -46
    इस कार्यक्रम के माध्यम से श्रोताओ को अत्यंत सरल भाषा और शैली में फ़ारसी बोलना सिखाया जाता है। फ़ारसी के साथ उसका अनुवाद भी प्रस्तुत होता है।
  • मौलाना की ‘मसनवी मानवी’ पर शोध करने वालों का मानना है कि यह रचना वास्तव में ज्ञान व मार्गदर्शन की किताब है और मौलाना इस गूढ़ अर्थों वाली किताब के शिक्षक हैं।
    ईरान के महान बुद्वीजिवी
    इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों से संबंध रखने वाले ईरान के समकालीन बुद्धिजीवियों की जीवनी से श्रोताओ के समक्ष प्रस्तुत की जाती है।
  • एक रात हारून रशीद ने अपने मंत्री जाफ़र बरमक्की और मसरूर शमशीरज़न के साथ भेस बदलकर शहर में निकलने का इरादा किया ताकि लोगों के हालात से अवगत हो सके।
    मनोरम कहानियां
    शिक्षाप्रद कहानियों के माध्यम से नैतिकता व शिष्टाचार के प्रसार के साथ ही हम श्रोताओ को इस कार्यक्रम द्वारा ईरानी संस्कृति से भी अवगत कराते हैं।
  • सिल्क रोड बहुत ही प्राचीन मार्ग है जो कई देशों से होकर गुज़रता है तथा इसने विभिन्न देशों के मध्य आर्थिक तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान की भूमिका प्रशस्त की है।
    फ़ारसी सीखें
    इस कार्यक्रम के माध्यम से श्रोताओ को अत्यंत सरल भाषा और शैली में फ़ारसी बोलना सिखाया जाता है। फ़ारसी के साथ उसका अनुवाद भी प्रस्तुत होता है।
  • दुनिया में शीशागरी की कला या शीशे का काम में बहुत विविधता मौजूद है।
    संस्कृति
    इस कार्यक्रम में ईरान की सांस्कृतिक धरोहरों पर चर्चा की गई है।
  • इस्लामी गणतंत्र ईरान में धार्मिक लोकतंत्र व्यवस्था है।
    वरिष्ट नेता
  • तेहरान के राजधानी होने तथा इसकी स्ट्रेटिजिक स्थिति के कारण इस शहर में औद्योगिक, आर्थिक, सामाजिक, वाणिज्यिकि व व्यापारिक गतिविधियों में बहुत तेज़ी से विस्तार हुआ और आज तेहरान का बाज़ार ईरान का सबसे बड़ा बाज़ार बन चुका है।
    सपनों का देश ईरान
    श्रोता ईरान के विभिन्न दर्शनीय स्थलों की सैर अपने इस मनपसंद कार्यक्रम के माध्यम से कर सकते हैं।
  • होजोरात सूरे में 18 आयतें हैं और यह सूरा मदीने में नाज़िल हुआ था।
    ईश्वरीय वाणी
    पवित्र क़ुरआन की आयतों की विभिन्न आयामों से समीक्षा पर आधारित कार्यक्रम
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