तेहरान के पार्कों की सैर
तेहरान संसार के प्रमुख महानगरों में से एक है और इसमें जगह जगह बड़े सुंदर पार्क बने हुए हैं।
हमने उचित समझा कि आजके कार्यक्रम में आपको तेहरान के पार्कों की सैर कराई जाए। जमशीदिया पार्क, तेहरान के अति सुंदर व दर्शनीय पार्कों में से एक है जो इस नगर के उत्तरी छोर पर पहाड़ के निकट स्थित है। लगभग दस हेक्टेयर पर स्थित यह पार्क उत्तर से कुलकचाल पर्वत, दक्षिण से बाग़े दोलू, पूरब से जमशीदिया रोड और पश्चिम से कुलकचाल राजमार्ग से घिरा हुआ है।
यद्यपि तेहरान के उत्तरी छोर पर स्थित पर्वतीय दीवार, एक बांध की तरह खड़ी है और इस नगर से प्रदूषण का रास्ता रोक कर उस क्षेत्र के आकाश के नीले रंग को काला बना देती है लेकिन इसी के साथ जमशीदिया पार्क उसी पहाड़ के समानांतर, एक स्वास्थ्य दायक फेफड़े की तरह काम करता है। इस पार्क में मौजूद विभिन्न प्रकार के सैकड़ों पेड़ों ने तेहरान के उत्तर में ऑक्सीजन बनाने के कारख़ाने को सक्रिय कर रखा है।
जमशीदिया पार्क की एक बेजोड़ विशेषता इसका पत्थरों से बनाया गया ऊबड़-खाबड़ फ़र्श है जो एक जंगली पार्क के वातावरण का आभास कराता है। इस पार्क की कृत्रिम झील, पास का झरने और पत्थर के बने फ़व्वारे ने इस पार्क को एक विशेष सौंदर्य प्रदान कर दिया है। जमशीदिया पार्क का इसकी स्थापना के बाद से दो बार पुनर्निर्माण किया जा चुका है। इनमें से एक बार इसके क्षेत्रफल में 16 हेक्टेयर की वृद्धि की गई और उसे ईरान के प्रख्यात कवि और शाहनामे के रचयिता फ़िरदौसी का नाम दिया गया।
ज्ञात रहे कि फ़िरदौसी पार्क अपनी बनावट और निर्माण में किए जाने वाले प्रयोगों के चलते, पर्यटकों को अपनी ओर खींचने में मूल पार्क को टक्कर दे रहा है। इस पार्क में पत्थर के बड़े-बड़े तख़्ते, जो विभिन्न पशुओं का विचार मन में लाते हैं, पूरे पार्क में हर स्थान पर रखे हुए हैं और 600 सीढ़ियां चढ़ कर आने वाले सभी लोगों का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट करते हैं। जीव शास्त्रियों का कहना है कि जमशीदिया पार्क के पेड़ों पर साठ से अधिक प्रकार के पक्षियों ने घोंसले बना रखे हैं या वे वहां आते-जाते हैं।
मिल्लत पार्क, तेहरान का एक और सुंदर पार्क है जो वली अस्र सड़क के किनारे स्थित है। प्राचीन काल में इस पार्क को शहंशाही पार्क कहा जाता था। यह पार्क 34 हेक्टेयर पर फैला हुआ है। अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण यह पार्क दो चरणों में तैयार हुआ। वर्ष 1966 में इसके निर्माण का पहला चरण आरंभ हुआ और 1968 में समाप्त हुआ। दूसरा चरण 1974 में समाप्त हुआ। इस पार्क का डिज़ाइन ब्रिटिश पार्कों की शैली में है जिसे पोसेन नामक एक व्यक्ति ने तैयार किया है।
इस पार्क में 120 प्रकार के विभिन्न पेड़ हैं जिनमें फल, फूल और सजावट वाले पेड़ शामिल हैं। मिल्लत पार्क के कुछ पेड़ बहुत ही मूल्यवान हैं और उनकी सुंदरता देखती ही बनती है। पार्क के उत्तरी छोर में बड़ी संख्या में विभिन्न प्रकार के पेड़ लगाए गए हैं जो घने जंगल का आभास कराते हैं जबकि दक्षिणी छोर में घास उगा कर मैदान बनाया गया है।
मिल्लत पार्क के पश्चिमी भाग में एक छोटा सा चिड़ियाघर है जिसमें मोर, तोते और इसी तरह के पक्षी और शुतुर मुर्ग़, बंदर व लोमड़ी जैसे जानवर मौजूद हैं। इस पार्क में प्रवेश के स्थान का फ़र्श बड़ा चिकना बनाया गया है जो स्केटिंग और रिमोट कंट्रोल वाली गाड़ियों के मुक़ाबले के लिए उचित है। यही कारण है कि इन दोनों चीज़ों में रुचि रखने वाले बड़ी संख्या में मिल्लत पार्क का रुख़ करते हैं।
पार्क के ऊपरी भाग में आप एक सीढ़ीदार फ़व्वारा देख सकते हैं जिसमें दो ओर से सीढ़ियां बनी हैं जो आपको ऊपर की ओर ले जाती हैं। फ़िरदौसी, सअदी, शहरयार, नीमा यूशीज और ऐसी ही ईरान की प्रख्यात हस्तियों की प्रतिमाएं बनी हुई हैं जिन्हें पूरे पार्क में और विशेष रूप से उसकी बड़ी बड़ी सीढ़ियों के पास देखा जा सकता है। ये प्रतिमाएं भी इस पार्क में लोगों के आने का एक मुख्य कारण हैं।
मिल्लत पार्क का एक और बड़ा आकर्षण, इसका म्यूज़िकल फ़व्वारा है जो मध्यपूर्व का पहला विकसित म्यूज़िकल फ़व्वारा समझा जाता है। यह फ़व्वारा, पार्क की झील में जो 22 हज़ार वर्ग मीटर पर स्थित है, 36 मुख्य और 456 आंशिक पाइपों के सहारे बनाया गया है। इस फ़व्वारे से पानी और प्रकाश संगीत की लय पर बड़े समन्वित ढंग से निकलता है और उससे विभिन्न प्रकार के सुंदर और त्रिआयामी चित्र बनते चले जाते हैं। फ़व्वारे से निकलने वाला पानी तीन से 35 मीटर तक ऊंचा जाता है। इस फ़व्वारे में लेज़र के 1850 रंग बिरंगे बल्ब लगे हुए हैं जिनके माध्यम से पानी पर 45 बाइ 15 मीटर के पानी के पर्दे पर फ़िल्म दिखाने की संभावना भी उत्पन्न हो गई है। पार्क के केंद्रीय भाग में भी एक फ़व्वारा है जिसके ऊपर एक पुल बनाया गया है। पुल के दूसरे छोर पर एक रेस्त्रां और एक एक कॉफ़ी शॉप है जहां से फ़व्वारे का दृश्य बड़ा मनमोहक लगता है।
कुछ पशु-पक्षियों वाले एक छोटे से चिड़ियाघर, चारआयामी सिनेमा हॉल, शतरंज के हॉल, बच्चों के खेलने के गार्डन और पार्क के विभिन्न स्थानों पर खेल के साधनों को, मिल्लत पार्क में मनोरंजन के अन्य साधनों में गिना जा सकता है। इसके अतिरिक्त इस पार्क के अंदर ही परदीस नामक मल्टीप्लेक्स भी स्थित है जिसकी इमारत बड़ी मनमोहक है और इसमें कई सिनेमा हॉल हैं जो हर एक का ध्यान अपनी ओर आकृष्टि करते हैं।
गुफ़्तुगू पार्क भी तेहरान के बड़े अच्छे व सुंदर पार्को में से एक है जिसका उद्घाटन वर्ष 2003 में तेहरान नगरपालिक ने किया। यह पार्क उत्तर से शहीद हकीम राजमार्गों, पूरब से शहीद चमरान और पश्चिम से कूये नस्र नामक सड़क से घिरा हुआ है। यह पार्क क्षेत्र के प्रदूषण को कम करने और लोगों के अवकाश के समय को अच्छे ढंग से बिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। गुफ़्तुगू पार्क का क्षेत्रफल लगभग साढ़े चौदह हज़ार वर्ग मीटर है और इसमें 900 प्रकार के पेड़ पौधे लगाए गए हैं।
इस पार्क तक पहुंचने वाले रास्ते दो भागों में विभाजित हैं। एक रास्ता पैदल चलने वालों के लिए है और दूसरा गाड़ी से आने वालों के लिए। पार्क के अंदर रास्ते इस प्रकार बनाए गए हैं कि व्हील चेयर पर आने वालों को भी कोई समस्या न हो। इस पार्क में विभिन्न उद्देश्यों के लिए अलग अलग स्थान बनाए गए हैं जिन्होंने इसे तेहरान के सबसे सुंदर से एक में बदल दिया है और यही कारण है कि यहां ईरानी और विदेशी पर्यटकों का तांता बंधा रहता है। यहीं पर यह भी उल्लेखनीय है कि फूलों और पेड़-पौधों से संबंधित तेहरान नगरपालिका की स्थायी प्रदर्शनी भी इसी पार्क के दक्षिणी भाग में लगी रहती है।
गुफ़्तुगू पार्क की एक बड़ी विशेषता इसकी डिज़ाइनिंग की विविधता है जो यहां आने वाले को यह अवसर प्रदान करती है कि वह विभिन्न देशों में पार्क बनाने की शैलियों से निकट से परिचित हो सके। इस आधार पर इस पार्क को, शैक्षिक पार्क भी कहा जा सकता है। पार्क के अंदर अत्यंत सुंदर ढंग से बनाए गए ईरानी पार्क, ब्रिटिश पार्क, इतालवी पार्क और इसी प्रकार के कई अन्य पार्क देखे जा सकते हैं। गुफ़्तुगू पार्क में बने हुए इतालवी पार्क के केंद्रीय भाग में हज़रत मयरम की एक प्रतिमा, इटली के प्रख्यात कलाकार फ़्रेंको शिरोकी के तोहफ़े के रूप में मौजूद है। इस प्रतिमा को विभिन्न राष्ट्रों के बीच शांति और मित्रता के प्रतीक के रूप में लगाया गया है। खेल का मैदान, स्केटिंग की फ़ील्ड, झील और उसके निकट बना हुआ रेस्त्रां और पुस्तकालय इस पार्क के अन्य आकर्षणों में शामिल हैं।
तेहरान में बहुत सारे पार्क हैं और कार्यक्रम के समय को देखते हुए उन सभी की सैर कराना संभव नहीं है। आजके कार्यक्रम के अंतिम भाग में हम आब व आतिश और तालेक़ानी पार्क के बीच बने हुए पुले तबीअत या प्रकृति पुल के बारे में बताना चाहेंगे। यह तीन मंज़िला पुल केवल पैदल चलने वालों से विशेष ईरान का पहला पुल है जो आब व आतिश पार्क और तालेक़ानी पार्क को आपस में जोड़ता है। भौगोलिक स्थिति से यह पुल, चार राजमार्गों मुदर्रिस, हक़्क़ानी, हिम्मत और रेसालत के संगम पर स्थित है।
यह पार्क सुबह के व्यायाम, पैदल चलने, आराम करने और मनोरंजन की दृष्टि से बड़ा उचित स्थान है। पुले तबीअत के निर्माण में इस्फ़हान के पुले ख़ाजू से प्रेरणा ली गई है और यह ईरान की प्राचीन वास्तुकला और संसार की नवीन वास्तुकला का मिश्रित नमूना है। यह पुल अपनी बेजोड़ परिस्थिति के कारण तेहरान शहर में पर्यटन का एक केंद्र और राजधानी का एक उल्लेखनीय स्थान बन गया है। इस पुल के निर्माण से संबंधित अध्ययन वर्ष 2009 में आरंभ हुआ और वर्ष 2014 में इसका उद्घाटन हो गया।
इस पुल का क्षेत्रफल सात हज़ार वर्ग मीटर है जिसमें 720 मीटर हरियाली और 480 मीटर रेस्त्रां, कॉफ़ी शॉप और अन्य सांस्कृतिक व मनोरंजक स्थानों से विशेष है। तबीअत पुल की चौड़ाई विभिन्न भागों में 6 से 13 मीटर के बीच है। यह पुल ज़मीन से 40 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है और विशालकाय खंबों पर स्थित है। पुल के निर्माण में 14 हज़ार फ़ौलादी बोर्ड प्रयोग हुए हैं। इस पुल का भार लगभग दो हज़ार टन है और यह पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है। इस तरह के पुल फ़्रान्स, कनाडा, हॉलैंड, बेल्जियम, मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया वग़ैरह के पार्कों में भी बनाए गए हैं। पुल से गुज़र कर लोग साइकल सवारी और तांगे की सवारी का भी आनंद ले सकते हैं। अंत में आपको यह भी बताते चलें कि वर्ष 2015 में संसार के 300 बड़े शिल्पकारों ने विश्व के जिन पांच सबसे अच्छे पुलों का चयन किया था उनमें से एक तेहरान का पुले तबीअत भी था।