मार्गदर्शन -47
हर पतझड़ के बाद बहार है, जिस तरह से बहार में प्रकृति हरी भरी और ताज़ा हो जाती है, उसी तरह इस दुनिया की बहार मोक्ष-दाता के प्रकट होने का काल है।
निःसंदेह हज़रत इमाम मेहदी के प्रकट होने का समय, मानव इतिहास का सबसे स्वर्णिम दौरा होगा। यह ऐसा ज़माना होगा, जब ईश्वर द्वारा किया गया वादा पूरा होगा और भले लोग शासन करेंगे। भले लोगों का शासन होगा और लोग न्याय के मीठे स्वाद का अनुभव करेंगे। इस काल में विश्व में न्याय और एकेश्वरवाद का बोल बाला होगा। मानव बुद्धि परिपक्व हो जाएगी और सदाचार अपने चरम पर पहुंच जाएगा।
ईरान की इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई के मुताबिक़, समस्त इब्राहीमी धर्म मोक्ष-दाता के प्रकट होने पर बल देते हैं, लेकिन इस्लाम धर्म ने मोक्ष-दाता के जन्म की तिथि और उसके नाम को निर्धारित एवं स्पष्ट कर दिया है। उनका नाम मेहदी है। वे पैग़म्बरे इस्लाम (स) के परिवार से और इमाम हसन असकरी (अ) के बेटे हैं। वरिष्ठ नेता का कहना है कि हम इतना ही जानते हैं कि इमाम मेहदी का पवित्र वजूद, ईश्वर के वादे को साकार करता है। हम इतना ही जानते हैं कि पैग़म्बरे इस्लाम (स) का यह वंशज धरती पर ईश्वरिय ध्वज है। ईश्वर का प्रतिनिधि लोगों के बीच जीवित है, मौजूद है, लोगों के बीच ही जीवन व्यतीत करता है, लोगों का देखता है, उनके साथ रहता है, उनके दुख-दर्द को महसूस करता है। जो लोग भाग्यशाली हैं, वे कुछ अवसरों पर उसकी ज़ियारत करते हैं, लेकिन उसे पहचान नहीं पाते। वह मौजूद है, एक वास्तविक इंसान है, जिसके नाम और मां-बाप की पहचान स्पष्ट है और लोगों के बीच रहता है। यह हम शियों के विश्वास की विशेषता है।
मोक्ष-दाता के प्रकट होने के बाद की स्वर्णिम स्थिति एवं असीम सुन्दरता के बारे में सुनकर इंसान उत्साह से भर जाता है और सोचने लगता है कि क्या वह भी इस आश्चर्यजनक काल को देख पाएगा। अगर हम उसके प्रकट होने के काल के बारे में खोज करेंगे तो देखेंगे कि इस्लामी इतिहास में केवल उसके प्रकट होने की निशानियों का उल्लेख है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण निशानी दुनिया में ज़ुल्म और अत्याचार का फैलना है, इस तरह से कि अत्याचारियों के मुक़ाबले में कोई पीड़ितों का साथ देने वाला नहीं मिलेगा। यहां यह सवाल उठता है कि कया इस ज़माने में कि जब दुनिया भर में अत्याचारी बड़ी आसानी से हिंसा फैला रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं उनका समर्थन कर रही हैं, मोक्ष-दाता के प्रकट होने का समय निकट है? संभव है उसके प्रकट होने का समय निकट हो, लेकिन ईश्वर के अलावा कोई दूसरा इस वास्तविकता से अवगत नहीं है। मोक्ष-दाता के प्रकट होने का इंतेज़ार करना, दिलों में आशा की जोत जगाता है। हदीसों में उसके प्रकट होने के इंतेज़ार को बेहतरीन इबादत बताया गया है।
वरिष्ठ नेता इस संदर्भ में कहते हैं कि हज़रत मेहदी के प्रकट होने के इंतेज़ार को फ़रज का इंतेज़ार कहा गया है। फ़रज का अर्थ क्या है? फ़रज का अर्थ है खोलना एवं विस्तार, इंसान को कब फ़रज का इंतेज़ार होता है? जब कोई जटिलता या गांठ पाई जाती हो, जब कोई समस्या हो, तो इंसान को उसके खोलने की ज़रूरत पड़ती है। फ़रज का मतलब है समस्या का समाधान और गांठों को खोलने वाला। यह महत्वपूर्ण बिंदु है।
फ़रज के इंतेज़ार का मतलब यह है कि इस्लाम पर ईमान रखने वाला और पैग़म्बरे इस्लाम के परिजनों का अनुयायी, दुनिया की परिस्थितियों को इंसान के लिए जीवन की गांठ समझता है। वास्तविकता भी यही है। उसे इस बात का इंतेज़ार होता है कि इंसान की यह समस्याएं और कठिनाईयां दूर हो जाएं। यहां मुद्दा मेरी या आपकी समस्याओं का नहीं है। इमाम मेहदी (अ) समस्त इंसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रकट होंगे। फ़रज का इंतेज़ार अर्थात इंसान की नादानियों के कारण उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों को अस्वीकार कर देना। यह फ़रज का इंतेज़ार करने का मतलब है।
इस इंतेज़ार का आश्चर्यचकित करने वाला प्रभाव होता है और वह है दिलों में आशा की ज्योति जगाना। आशा इंसान को आगे बढ़ाती है। अगर आशा न रहे तो दिलों पर निराशा छा जाती है। इसलिए जिस समाज को उज्जवल भविष्य की आशा नहीं होती है, वह पिछड़ जाता है। जो लोग अत्याचारियों के सामने खड़े नहीं होते हैं औऱ उज्जवल भविष्य की उम्मीद नहीं रखते हैं, वे अत्याचारियों को अधिक साहसी बना देते हैं, इस प्रकार अत्याचार में वृद्धि होती है।
वरिष्ठ नेता मोक्ष-दाता पर विश्वास को आशा की किरण बताते हुए कहते हैं, इस विश्वास में कुछ विशेषताएं पाई जाती हैं, जो किसी भी समाज के लिए शरीर में ख़ून की भांति हैं। उनमें से एक आशा है। कभी कभी धौंस जमाने वाले और शक्तिशाली लोग, किसी अत्याचार ग्रस्त राष्ट्र को ऐसी स्थिति में पहुंचा देते हैं कि वह निराश हो जाता है। जब आशा ही ख़त्म हो जाती है तो फिर वह कोई क़दम नहीं उठाता है, लोग कहते हैं कि इसका क्या फ़ायदा है? अब हम कर ही क्या सकते हैं, किससे मुक़ाबला करें? क्या करें और क्यों करें? हम अब कुछ नहीं कर सकते। लेकिन मोक्ष-दाता पर विश्वास से दिलों में उम्मीद जागती है। जो इंसान इस पर विश्वास रखता है, वह कभी निराश नहीं होता है। क्यों? इसलिए कि वह जानता है कि इसका अंजाम अच्छा ही होगा, वह वहां तक ख़ुद को पहुंचाने के लिए प्रयास करता है।
अगर आशा बिना प्रयास के है, तो वह सूखे हुए पेड़ की तरह व्यर्थ है। दूसरे शब्दों में यह कि अगर इंसान केवल मोक्ष-दाता के प्रकट होने पर विश्वास रखता हो, लेकिन ख़ुद को उसके प्रकट होने के लिए तैयार न करे और उसके लिए भूमि प्रशस्त करने के लिए कोई क़दम न उठाए, तो यह आशा लाभहीन है। इस संदर्भ में वरिष्ठ नेता कुछ महत्वूपर्ण बिंदुओं का उल्लेख करते हैं। उनके अनुसार मोक्ष-दाता के प्रकट होने के लिए सामाजिक स्तर पर तैयारी करना ज़ूरूरी है। वे कहते हैं, आज आपको भूमि प्रशस्त करनी चाहिए, ताकि वे महान हस्ती प्रकट हो सके और मिशन को आगे बढ़ाए। शून्य से तो शुरू नहीं किया जा सकता न। वह समाज इमाम मेहदी के प्रकट होने का स्वागत कर सकता है, जो इसके लिए तैयार हो, वरना अन्य ईश्वरीय दूतों और प्रतिनिधियों की तरह हो जाएगा। क्या कारण था कि अनेक महान ईश्वरीय दूत आए, लेकिन वे दुनिया को बुराईयों से मुक्ति नहीं दिला सके, क्यों? इसलिए कि भूमि प्रशस्त नहीं थी।
हां, इमाम मेहदी का इंतेज़ार, उस शक्तिशाली ईश्वरीय प्रतिनिधि का इंतेज़ार है, जिसे आना चाहिए और इन्हीं लोगों की सहायता से ज़ुल्म को मिटा दे और सत्य को जिता दे और न्याय की स्थापना कर दे। वरिष्ठ नेता इस बिंदु पर बल देते हैं कि इंतेज़ार का मतलब, हाथ पर हाथ धर के बैठ जाना नहीं है कि सब काम ख़ुद ही हो जायेंगे। इंतेज़ार का मतलब है, सक्रियता और तैयार रहना।
वरिष्ठ नेता सभी लोगों से विशेष रूप से युवाओं से कहते हैं कि मोक्ष-दाता के प्रकट होने के लिए तैयार रहें। वे युवाओं से सिफ़ारिश करते हैं कि आप लोग जो अभी जीवन के आरम्भिक भाग में हो प्रयास करो ताकि उस काल के लिए भूमि प्रशस्त हो सके कि जब अत्याचार किसी भी रूप में बाक़ी नहीं रहेगा, ऐसा काल कि जब इंसान की बुद्धि और विचार सबसे अधिक सक्रिय एवं रचनात्मक होगा। ऐसा काल जब विभिन्न राष्ट्र एक दूसरे नहीं लड़ेंगे, युद्ध भड़काने वाले हाथ फिर कोई युद्ध नहीं भड़का सकेंगे, जो पहले क्षेत्रीय और विश्व युद्ध भड़का चुके होंगे, विश्व में पूर्ण रूप से शांति व स्थिरता होगी, उस काल के लिए प्रयास करना चाहिए।