Aug २८, २०१७ १३:५८ Asia/Kolkata

ईरान से निर्यात किये जाने वाले ग़ैर पेट्रोलियम उत्पादों में से एक बादाम है।

विशेष भौगोलिक परिस्थितियों के कारण ईरान में बादाम की खेती बहुत व्यापक स्तर पर होती है। ईरान के कई प्रांतों में बादाम पैदा किया जाता है। बादाम बहुत ही प्राचीन मेवा है। बादाम की गणना मेवो में होती है। इसके बारे में कहा जाता है कि तीन हज़ार वर्ष ईसापूर्व भी बादाम की खेती हुआ करती थी। वनस्पति विज्ञान के विशेषज्ञों का कहना है कि बादाम सबसे पहले मध्यपूर्व विशेषकर ईरान में पाया जाता था। वर्तमान समय में यह विश्व के बहुत से देशों में पाया जाता है किंतु वास्तव में बादाम, मध्यपूर्व से ही विश्व के अन्य क्षेत्रों में पहुंचा है।

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बादाम का पेड़ 4 से 10 मीटर का होता है। इसकी जड़ें बहुत मज़बूत होती हैं जो धरती के भीतर 3 मीटर तक रहती हैं। यही कारण है कि सूखे और कम पानी के बावजूद यह फलता-फूलता है। बादाम के पेड़ को पानी की बहुत कम आवश्यकता होती है। बहार या बसंत ऋतु के आरंभ में बादाम के फूल खिलते हैं जो बहुत सुगंधित होते हैं। बादाम का पेड़ एक मध्यम आकार का पेड़ होता है जिसमें गुलाबी और सफ़ेद रंग के सुगंधित फूल लगते हैं। ये पेड़ पर्वतीय क्षेत्रों में अधिक संख्या में पाए जाते हैं। इसके तने मोटे होते हैं। इसके पत्ते लम्बे, चौड़े और मुलायम होते हैं। बादाम का पेड़ बहुत मज़बूत होता है। बादाम के यही सुन्दर फूल बाद में फल का रूप धारण कर लेते हैं। बादाम के पेड़ पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकतर पाए जाते हैं। बादाम का फल वास्तव में बादाम के फल का बीज होता है जो बहुत ही स्वादिष्ट होता है।

बादाम मूल रूप से दो प्रकार का होता है शीरीन या तल्ख़ अर्थात मीठा और कड़वा । मीठा बादाम वह है जिसे लोग खाद्य उत्पाद के रूप में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खाते हैं। कई प्रकार के पकवानों और व्यंजनों में बादाम का प्रयोग किया जाता है जिससे उनका स्वाद कई गुना बढ़ जाता है। बादाम का प्रयोग बहुत सी दवाओं के बनाने में भी किया जाता है। कड़वा बादाम , मीठे बादाम की तुलना में बहुत कड़वा होता है जो तुल्नात्मक रूप में थोड़ा छोटा और चौडा होता है। वैसे तो कड़ते और मीठे दोनों प्रकार के बादामों से तेल निकाला जाता है किंतु कड़वे बादाम के तेल का प्रयोग अधिक देखा गया है। इसे खाद्य के रूप में उपयोग नहीं किया जाता है क्योंकि यह विषेला होता है। जिन क्षेत्रों में बादाम पैदा होता है वहां उसे कच्चा भी खाया जाता है। कच्चा बादाम खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है जो हरे रंग का होता है। सामान्यत: कच्चे बादाम का निर्यात नहीं किया जाता।

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बादाम ऐसा मेवा है जो मज़ेदार होने के साथ ही स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है। चिकित्सकों का कहना है कि स्वस्थ्य रहने के लिए मनुष्य को बादाम का प्रयोग करते रहना चाहिए। बादाम में प्रोटीन, रेशा, वसा, विटामिन और मिनरल पर्याप्त मात्रा में होते हें, इसलिए यह स्वास्थ्य के लिए अच्छा होते के साथ त्वचा के लिए भी अच्छा है। बादाम में पोटैशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, लौह, फासफोरस और विटमिन-ई आदि पाए जाते हैं। बादाम में पाया जाने वाला कैलश्यिम , शरीर की हड्डियों को मज़बूती प्रदान करता हैं शरीर की वचा को यह शीतला प्रदान करता है। बादाम में फोलिक एसिड भी पाया जाता है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि बादाम एक ऐसा मेवा है जिसके बहुत लाभ हैं अत: स्वस्थ रहने के लिए बादाम का प्रयोग करते रहना चाहिए।

बादाम एक ऐसा फल या मेवा है जिसके पेड़, फल, फूल , पत्ते, जड़, छाल र तना सब काम आते हैं। बादाम की कलियों को पानी में उबाल कर पीने से पेट सही रहता है। बादाम के पत्तों को उबाल कर पीने से गुर्दे की बीमारियां दूर होती हैं। बादाम की छाल से क्रीम बनाई जाती है। त्वचा को सुन्दर रखने के लिए बादाम से बने साबुन का प्रयोग किया जाता है। बहुत सी बीमारियों के उपचार में चिकित्सक बादाम से मदद लेते हैं। कहीं-कहीं पर बादाम को अकेले तो कहीं इसको दूसरी चीज़ों के साथ मिलाकर प्रयोग किया जाता है जैसे शहद।

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हालिया कुछ वर्षों के दौरान बादाम के प्रयोग में बहुत तेज़ी से वृद्धि हुई है। सन 2005 से 2015 के बीच बादाम की वैश्विक पैदावार बढ़कर दो बराबर हो गई है। वर्तमान समय में बादाम की पैदावार तीस लाख टन प्रतिवर्ष हो चुकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि ड्राई फ्रूट या सूखे मेवे का अन्तर्राष्ट्य व्यापार तीस अरब डालर से अधिक का है जिसमें बादाम सर्वोपरि है। ईरान ऐसा देश है जहां पर बहुत से क्षेत्रों में बादाम पैदा होता है । ईरान में एक लाख पचास हज़ार हेक्टर भूमि में बादाम पैदा किया जाता है। हर हेक्टर से प्रतिवर्ष एक टन बादाम पैदा किया जाता है। ईरान से कम से कम 20 देशों के लिए बादाम निर्यात किया जाता है। ईरान के जिन प्रांतों में बादाम पैदा किया जाता है उनमें पूर्वी आज़रबाइजान, फ़ार्स , ख़ुरासान, यज्द, हमदान, मरकज़ी, ज़ंजान, तेहरान, क़ज़वीन, सेमनान और चहारमहाल व बख़तेयारी हैं। ईरान के जिन प्रांतों में बादाम पैदा हात है उनमें सबसे अधिक पैदावार चहारमहाल व बख़्तयारी में होती है। यहां के बादाम ईरान में भी लोकप्रिय हैं और विदेश में भी।  

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