मार्गदर्शन- 61
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई देश के वैज्ञानिक आंदोलन पर विशेष ध्यान देते हैं।
उनकी प्रेरणा और उनके दिशा निर्देश के कारण ईरान में असाधारख प्रगति हुई है। उनका मानना है कि एक देश की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति, देश की पहली प्राथमिकता है और देश की वैज्ञानिक प्रगति को किसी भी बहाने यहां तक कि एक क्षण के लिए भी कम नहीं होनी चाहिए बल्कि इसमें दिन प्रतिदिन प्रगति होनी चाहिए।
इस्लामी गणतंत्र ईरान ने हालिया वर्षों में प्रतिबंधों के बावजूद विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में उल्लेखनिय प्रगति की है। इस प्रकार से वर्तमान समय में क्षेत्र में विज्ञान में ईरान पहले नंबर पर है जबकि दुनिया और दो सौ देशों में उसका 16वां स्थान है। दुनिया में विज्ञान के क्षेत्र में ईरान के स्थान को बढ़ाने का मुख्य कारक चिकित्सा उपलब्धियां हैं। ईरान ने इसी प्रकार स्टेम सेल्स के उत्पादन और दवाओं के निर्माण में उसको प्रयोग करके विशेषकर नैनो दवाओं के उत्पादन के क्षेत्र में दुनिया में विभिन्न प्रकार के आलेख पेश किए हैं। स्टेम सेल्स की तकनीक और इसके अनुसंधान के क्षेत्र में ईरान दुनिया में दसवें नंबर पर है।
ईरानी शोधकर्ताओं ने स्टेम सेल्स को कठिन बीमारियों के उपचार में प्रयोग किया तथा उन्होंने हड्डी, त्वचा और दिमाग़ के प्रत्यारोपण और दिल को होने वाले नुक़सान की मरम्मत करने के लिए देश में स्टेम सेल्स से लाभ उठाया है। इसी मध्य रोयान संस्था के शोधकर्ताओं ने बहुत अधिक प्रयास व साहस के बांझपन की बीमारी को दूर करने में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है। वर्तमान समय में इस्फ़हान और रोयान शोध केन्द्रों में स्टेम सेल्स की क्लोनिंग का काम हो रहा है जो अपने आप में अद्वितीय है।
स्वर्गीय डाक्टर सईद काज़मी आश्तयी रोयान शोधकेन्द्र के निर्माणकर्ताओं में महत्वपूर्ण व्यक्ति थे। इस युवा और क्रांतिकारी बुद्धिजीवी के अनथक प्रयास से स्टेम सेल्स के क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिणाम सामने आए हैं। इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने स्वर्गीय डाक्टर सईद काज़मी आश्तीयानी के प्रयासों और उनके कामों की सराहना करते हुए कहा कि डाक्टर सईद काज़मी आश्तीयानी ने पूरे ईमान, पूरे साहस, पूरी शक्ति और सफल प्रबंधन से एक वैज्ञानिक संस्था का गठन किया जिसका आधार रखने में उन्होंने ईमान और ईश्वरीय भय के साथ गंभीर वैज्ञानिक शोध पर पूरा ध्यान दिया। वह कहते हैं कि रोयान संस्था एक सफल और अद्वितीय संस्था है, यह संस्था उस चीज़ का पूर्ण नमूना थी और है जिसकी मनुष्य कामना करता है। इसका कारण यह है कि मैं स्वर्गीय सईद काज़मी को इतना पसंद करता हूं और अब भी मेरे दिल और मेरे मन में इस प्रिय युवा का विशेष स्थान और महत्व है। यही है उनकी कार्यवाही, उनके काम करने की शैली, काम करने का तरीक़ा, एक संपूर्ण संग्रह है जिसको मनुष्य पसंद करता है और उसकी कामना करता है। रोयान भी उनकी और उनके दूसरे साथियों की सहायता से जो आरंभ से रोयान संस्था में व्यस्त रहे, ऐसे सामने आया, ऐसे विकसित हुआ, इस प्रकार पला बढ़ा, मैंने इसे आरंभ में ही देख लिया था।
रोयान शोध संस्था का नाम इस समय बांझपन की बीमारी को दूर करने में पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो चुका है। यह संस्था पूरी दुनिया के शोधकर्ताओं और बुद्धिजीवियों के बीच प्रसिद्ध है। इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने देश में हालिया कुछ वर्षों में आरंभ होने वाले हालिया वैज्ञानिक आंदोलन की ओर संकेत करते हुए कहा कि रोयान शोध संस्था ने देश के विकास में बड़ी क्षमताओं और योग्यताओं का प्रदर्शन किया है। इस सेन्टर ने वास्तव में स्टेम सेल्स की ओर देश की वैज्ञानिक प्रगति को बढ़ाया है जैसा कि हर शोधकर्ता और वैज्ञानिक का यह मानना है कि ईमान और ज्ञान के कारण ही इस क्षमता को प्राप्त किया जा सकता है।
रोयान शोध केन्द्र में विभिन्न विभाग मौजूद हैं। इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने इस शोध सेन्टर के दौरे के दौरान, विज्ञान और उपचार के इस केन्द्र को ईमान, विज्ञान और प्रयास का सफल परिणाम और इन तीनों चीज़ों का बेहतरीन नमूना बताया। इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने इस सेन्टर के दौरे के दौरान इसके विशेषज्ञों और चिकित्सकों से मुलाक़ात में उनसे कुछ सवाल किए।
रोयान सेन्टर में विभिन्न प्रकार के शोध केन्द्र शामिल हैं। स्टेम सेल्स का विभाग, लिंक परीक्षण का विभाग इत्यादि। इस शोध केन्द्र में सामान्य सेल्स को स्टेम सेल्स बनाने पर भी अध्ययन किया जा रहा है जबकि स्टेम सेल्स को इंसूलीन बनाने, लीवर और स्नायुतंत्र के सेल्स में बदलने का काम किया जा रहा है। इस केन्द्र के शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों ने इसी प्रकार बड़े बूढ़े की हड्डियों के गूदों के स्टेम सेल्स को अलग करने तथा उनको हड्डियों के सेल्स में बदलने के विषय पर भी काम कर रहे हैं। इस शोध केन्द्र में एक काम यह भी होता है कि इसमें ग़ैर भ्रूण सेल्स से लाभ उठाते हुए क्लोनिंग होती है जिसमें भेड़ के क्लोनिंग को सफल रूप से बनाया गया है।
रोयान केन्द्र की एक अन्य विशेषता यह है कि इसमें नाड़ी के ख़ून का बैंक है जो इस शोध केन्द्र का सबसे महत्वपूर्ण भाग समझा जाता है। नवजात की नाड़ी का ख़ून, स्टेम सेल्स से समृद्ध होता है जिसको सुरक्षित रखकर नवजात या उसके परिवार के किसी भी व्यक्ति की बहुत सी ला इलाज बीमारियों का उपचार किया जा सकता है।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने रोयान केन्द्र के दौरे के दौरान, इस सेन्टर के वैज्ञानिक, चिकित्सकीय, इन्जीनियरिंग, कृषि तथा ह्यूमनीटीज़ से संबंधित शोध और उपलब्धियों को निकट से देखा। बिजली के सिस्टम की बनावट और निर्माण, औद्योगिक कारख़ाने में जलवायु पर्यावरण को रोकने वाली मशीन का निर्माण और उसकी डिज़ाइनिंग, खुदाई स्टेशन की निगरानी, एमडब्लयू व एफ़ एम शक्तिशाली रेडयो रेज़ों का निर्माण तथा कृषि और इंजीनियरिंग के उत्पादों में सुधार और उनका उत्पादन, इस शोध केन्द्र के अन्य विभाग हैं।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने इसी प्रकार बांझपन उपचार केन्द्र का भी निरिक्षण किया। रोयान बांझपन विभाग गुणवत्ता और मापदंड के लेहाज़ से वैश्विक मापदंड से संपन्न है और यह दुनिया के बेहतरीन उपचार केन्द्रों को टक्कर दे रहा है। इस दौरे के दौरान इस विभाग से संबंधित अधिकारियों ने वरिष्ठ नेता को विभिन्न रिपोर्टें दी और कहा कि अब तक 70 हज़ार ईरानी दंपतियों ने इस केन्द्र में अपने नाम लिखाए हैं और उनका उपचार चल रहा है जबकि सैकड़ों विदेशी बांझ महिलाओं का उपचार हुआ है और उनको संतान की दौलत से मालामाल किया गया।
यह कहा जा सकता है कि स्टेम सेल्स विज्ञान की प्राप्ति वह भी प्रतिबंध के काल में, ईरान का बहुत बड़ा गौरव है। इस ज्ञान के कारण कठिन और ला इलाज बीमारियों के उपचार में बहुत बड़ा तूफ़ान आया और इसने मानवता के लिए नये नये द्वार खोले हैं। यह नवआधार ज्ञान इसके बावजूद कि अपने आरंभिक चरण में है, चिकित्सक और विशेषज्ञ अब भी इसमें बहुत अधिक प्रयास कर रहे हैं और इसने अब तक बहुत अधिक प्रभाव डाले हैं।
आज ईरान के विशेषज्ञ स्टेम सेल्स से श्वासनली में होने वाली समस्याओं तथा मधुमेह के दौरान दिल, लीवर तथा नाड़ी की बीमारियों को दूर करने में भी लाभ उठा रहे हैं। ईरान के विशेषज्ञ आज भ्रूण सेल से कठिन और ला इलाज बीमारियों के उपचार से लाभ उठा रहे हैं। इस समय भ्रूण का स्टेम सेल्स और क्लोनिंग ईरान में स्थानीय तकनीक और विज्ञान में बदल चुके हैं और हालिया वर्षों में बकरी, भेड़ और गाए के क्लोनिंग बनाने में असाधारण हासिल की गयी है।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई देश के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के सघन प्रयासों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहते हैं कि कुछ युवाओं ने अपनी क्षमताओं से लाभ उठाते हुए स्टेम सेल्स के मामले पर छानबीन की, और देश के कुछ लोगों ने उनका समर्थन भी किया, अचानक उन्होंने देखा कि वह दुनिया में विख्यात लोगों में गिने जाने लगे। नैनो तकनीक का मुद्दा भी ऐसा ही है, इसी प्रकार दूसरे मामले भी हैं, यह विषय मीज़ाइलों से भी जुड़ा हआ है। चाहे वह उपग्रह वाले मीज़ाइल हों या सैटेलाइट ले जाने वाले मीज़ाइल, चाहे सैन्य मीज़ाइल हो, यह सभी काम ऐसे हैं जो शौक़, जज़्बे और प्रेरणा के कारण एक गुट की ओर से एक स्थान से शुरु हुए और उसके बाद पूरी दुनिया ने इसके परिणाम देखे। मैं आप लोगों से यह कहना चाहता हूं कि देश के स्तर पर बेपनाह क्षमताएं और योग्यताएं पायी जाती हैं, हम उनसे बहुत आगे निकल सकते हैं।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ईरान से वर्चस्ववादी शक्तियों और साम्राज्यवादियों की दुश्मनी की ओर संकेत करते हुए कहते हैं कि ईरानी राष्ट्र को अपमानित करने और ईरानी समाज में हीन भावना पैदा करने और अक्षमता का एहसास जगाने के लिए साम्राज्यवादियों के हालिया शताब्दियों के प्रयासों के कारण आंतरिक क्षमताओं के विशाल भंडार से लाभ उठाने में रुकावटे पैदा हुईं किन्तु भ्रूण सेल्स के उत्पादन, उनको बढ़ाने और उनको फ़्रीज़ करने की तकनीक और ज्ञान की प्राप्ति से इस प्रकार की बाधाएं टूट गयीं और इससे ईरान अपनी अपार मानव शक्ति से लाभ उठाने के विषय से और निकट हुआ है।