क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-662
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-662
فَلَمَّا جَاءَ السَّحَرَةُ قَالُوا لِفِرْعَوْنَ أَئِنَّ لَنَا لَأَجْرًا إِنْ كُنَّا نَحْنُ الْغَالِبِينَ (41) قَالَ نَعَمْ وَإِنَّكُمْ إِذًا لَمِنَ الْمُقَرَّبِينَ (42)
फिर जब जादूगर आ गए तो उन्होंने फ़िरऔन से पूछा, कि यदि हम विजयी रहे तो क्या हमारे लिए कोई बड़ा पारितोषिक भी होगा? (26:41) उसने कहा, हाँ, और उस स्थिति में निश्चित रूप से तुम (मेरे) निकटवर्ती लोगों में से हो जाओगे। (26:42)
قَالَ لَهُمْ مُوسَى أَلْقُوا مَا أَنْتُمْ مُلْقُونَ (43) فَأَلْقَوْا حِبَالَهُمْ وَعِصِيَّهُمْ وَقَالُوا بِعِزَّةِ فِرْعَوْنَ إِنَّا لَنَحْنُ الْغَالِبُونَ (44) فَأَلْقَى مُوسَى عَصَاهُ فَإِذَا هِيَ تَلْقَفُ مَا يَأْفِكُونَ (45)
(निश्चित दिन आ गया और जादूगर एकत्रित हो गए तो) मूसा ने उनसे कहा, डालो जो कुछ तुम्हें डालना है। (26:43) तब उन्होंने अपनी रस्सियाँ और लाठियाँ डाल दीं और बोले, फ़िरऔन की शक्ति की सौगंध! कि हम ही विजयी रहेंगे। (26:44) फिर मूसा ने अपनी लाठी फेंकी तो सहसा ही (वह एक बड़ा सांप बन गई) उस धोखे को निगल गई जिसे उन्होंने तैयार किया था। (26:45)
فَأُلْقِيَ السَّحَرَةُ سَاجِدِينَ (46) قَالُوا آَمَنَّا بِرَبِّ الْعَالَمِينَ (47) رَبِّ مُوسَى وَهَارُونَ (48)
फिर (तो) सारे ही जादूगर सजदे में गिर पड़े। (26:46) और बोल उठे, हम ब्रह्मांड के पालनहार पर ईमान ले आए। (26:47) मूसा और हारून के पालनहार पर! (26:48)