क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-663
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-663
قَالَ آَمَنْتُمْ لَهُ قَبْلَ أَنْ آَذَنَ لَكُمْ إِنَّهُ لَكَبِيرُكُمُ الَّذِي عَلَّمَكُمُ السِّحْرَ فَلَسَوْفَ تَعْلَمُونَ لَأُقَطِّعَنَّ أَيْدِيَكُمْ وَأَرْجُلَكُمْ مِنْ خِلَافٍ وَلَأُصَلِّبَنَّكُمْ أَجْمَعِينَ (49)
फ़िरऔन ने कहा कि क्या इससे पहले कि मैं तुम्हें अनुमति देता तुम उस पर ईमान ले आए? निश्चय ही वह तुम सबका प्रमुख है, जिसने तुम्हें जादू सिखाया है तो शीघ्र ही तुम्हें (अपनी सज़ा के बारे में) ज्ञात हो जाएगा। निश्चय ही मैं तुम्हारे हाथ और पाँव दाहिने बाएं से कटवा दूँगा और तुम सभी को सूली पर चढ़ा दूँगा। (26:49)
قَالُوا لَا ضَيْرَ إِنَّا إِلَى رَبِّنَا مُنْقَلِبُونَ (50) إِنَّا نَطْمَعُ أَنْ يَغْفِرَ لَنَا رَبُّنَا خَطَايَانَا أَنْ كُنَّا أَوَّلَ الْمُؤْمِنِينَ (51)
उन्होंने कहा, कोई डर नहीं; हम तो अपने पालनहार ही की ओर पलटकर जाने वाले हैं। (26:50) हमें आशा है कि हमारा पालनहार हमारी ग़लतियों को क्षमा कर देगा क्योंकि हम सबसे पहले ईमान लाने वालों में से थे। (26:51)
وَأَوْحَيْنَا إِلَى مُوسَى أَنْ أَسْرِ بِعِبَادِي إِنَّكُمْ مُتَّبَعُونَ (52)
और हमने मूसा की ओर की ओर अपना विशेष संदेश वहि भेजा कि मेरे बन्दों को लेकर रातों-रात (मिस्र से) निकल जाओ कि निश्चय ही तुम्हारा पीछा किया जाएगा। (26:52)