क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-668
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-668
رَبِّ هَبْ لِي حُكْمًا وَأَلْحِقْنِي بِالصَّالِحِينَ (83) وَاجْعَلْ لِي لِسَانَ صِدْقٍ فِي الْآَخِرِينَ (84)
हे मेरे पालनहार! मुझे तत्वज्ञान प्रदान कर और मुझे योग्य लोगों के साथ शामिल कर। (26:83) और बाद में आने वालों में मुझे भला नाम प्रदान कर। (26:84)
وَاجْعَلْنِي مِنْ وَرَثَةِ جَنَّةِ النَّعِيمِ (85) وَاغْفِرْ لِأَبِي إِنَّهُ كَانَ مِنَ الضَّالِّينَ (86)
और (हे ईश्वर!) मुझे नेमत से भरे स्वर्ग के उत्तराधिकारियों में शामिल कर। (26:85) और मेरे बाप को क्षमा कर दे कि निश्चय ही वह पथभ्रष्ट लोगों में से है। (26:86)
وَلَا تُخْزِنِي يَوْمَ يُبْعَثُونَ (87) يَوْمَ لَا يَنْفَعُ مَالٌ وَلَا بَنُونَ (88) إِلَّا مَنْ أَتَى اللَّهَ بِقَلْبٍ سَلِيمٍ (89)
और उस दिन मुझे अपमानित न करना जिस दिन लोग (जीवित करके) उठाए जाएँगे। (26:87) जिस दिन न माल काम आएगा और न संतान। (26:88) सिवाय उसके कि जो पवित्र हृदय के साथ ईश्वर के पास आया हो। (26:89)