Jun २४, २०१९ १६:३६ Asia/Kolkata

हम अतीत को कभी भी नहीं बदल सकते किन्तु हम अपना भविष्य संवार सकते हैं।

हर व्यक्ति की अपनी स्थिति उसके अतीत की युक्ति और प्रयास का परिणाम है किन्तु उसके भविष्य की स्थिति, उसके आज के प्रयासों और युक्ति पर निर्भर है।

एक महत्वपूर्ण कारक जो हमारे जीवन को बेहतरीन दिशा की ओर ले जाता है, वह समय का सही उपयोग है। समय हमारी सबसे महत्वपूर्ण पूंजी है और इसका अधिकार हमारे पास होता है कि इसको कैसे प्रयोग किया जा सकता है। जीवन और काम में सफल होने के लिए समय का सही और प्रभावी उपयोग एक अटल सच्चाई है। वह व्यक्ति जो अपने समय का सही ढंग से प्रबंध करते हैं या समय का सही इस्तेमाल करते हैं वह अपने जीवन में सफलता की सीढ़ियां तय करते हैं। समय का सही प्रयोग का अर्थ है, अपनी इच्छाओं और लक्ष्यों की प्राप्ति के मार्ग में समय का सही ढंग से प्रयोग करना है। विचारकों के अनुसार Time management, समय की एक आवश्यकता है जिसमें हम जीवन व्यतीत करते हैं।

आपने निश्चित रूप से सुना होगा कि "समय सोना है" किन्तु समय का मूल्य सोने से भी अधिक है क्योंकि यह कभी भी लौट कर वापस नहीं आता और इसको दोबारा प्रयोग नहीं किया जा सकता। न तो समय किसी को दिया जा सकता है और न ही किसी से समय ऋण लिया जा सकता है। हमको जीने का अधिकार केवल एक ही बार है और इसके बाद हमको कभी भी समय नहीं मिलेगा। हम समय का जितना सही ढंग से प्रयोग करेंगे, अच्छा जीवन व्यतीत करेंगे।  प्रसिद्ध इतिहास की पुस्तक बेहारुल अनवार के पांचवें खंड में इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के हवाले से बयान किया गया है कि बुद्धिमान व्यक्ति की ज़िम्मेदारी है कि वह अपने समय को सही ढंग से प्रयोग करे और उसे अपनी ज़िम्मेदारियों का आभास होना चाहिए। जो धर्मगुरु अपने समय की मांग के अनुसार जीवन व्यतीत करेगा वह कही भी ग़लती का शिकार नहीं होगा। पैग़म्बरे इस्लाम (स) के हवाले से हदीस में आया है कि ज़िंदगी के दिनों में ईश्वरीय क्षण पाए जाते हैं, इसमें अवसर छिपे होते हैं जिनका हमें प्रयोग करना चाहिए।

मानव जीवन नदी की धारा के समान होता है। जिस तरह से नदी की धारा ऊँची नीची भूमि को पार करती हुई लगातार आगे बढती है उसी प्रकार जीवन की धारा सुख-दुःख रूपी जीवन के अनेक संघर्षों को सहते-भोगते आगे बढती रहती है। जीवन का उद्देश्य लगातार आगे बढना होता है इसी में सुख है, आनंद है।

 

आगे बढने में जो मदद करता है वह समय कहलाता है। जो भागते हुए समय को पकडकर इसके साथ-साथ चल सकते हैं, जिस किसी ने भी समय के महत्व को पहचाना है और उसका सदुपयोग किया है, वह उन्नति की सीढियों पर चढ़ता चला गया है। लेकिन जिसने इसका तिरस्कार किया है समय ने उसे बर्बाद कर दिया है। समय का सदुपयोग ही विकास और सफलता की कुंजी है।

मानव जीवन में समय का बहुत महत्व होता है। जब समय के मूल्य को पहचान लिया जाता है तो वही समय का सदुपयोग होता है। बीता हुआ समय कभी भी वापस लौट कर नहीं आता है। समय किसी का भी दास नहीं होता है। समय किसी पर भी निर्भर नहीं होता है वह अपनी गति से चलता है। जो व्यक्ति समय के महत्व को नहीं समझ पाता है वह कभी भी अपने जीवन को सफल नहीं बना सकता है।

हम अतीत को कभी भी नहीं बदल सकते किन्तु हम अपना भविष्य संवार सकते हैं। हर व्यक्ति की अपनी स्थिति उसके अतीत की युक्ति और प्रयास का परिणाम है किन्तु उसके भविष्य की स्थिति, उसके आज के प्रयासों और युक्ति पर निर्भर है। बेहतर जीवन व्यतीत करने और प्रकाशमयी क्षणों को गुज़ारने के लिए आगे बढ़ें। सारी चीज़ों को भाग्य के हवाले न करें, ज़िन्दगी के खेल का तमाशा न करें, आपका इरादा, प्रयास और कोशिश, उन छोटी ईंटों की भांति हैं जो एक इमारत में एक दूसरे से चिपकी हुईं हैं और अंत में वह एक सुन्दर और बड़े घर में परिवर्तित हो जाती हैं। समय का सही प्रयोग करना शुरु कर दें कि वक़्त बहुत ही कम बचा है।

समय के सदुपयोग का बहुत महत्व होता है। अगर समय पर काम नहीं होता है तो समय का सदुपयोग नहीं हो पाता है जिससे जीवन अभिशाप बन जाता है। हर व्यक्ति अपने जीवन में उन्नति करने की इच्छा रखता है। वह हमेशा अपने जीवन में धनवान, बलवान और विद्वान् बनना चाहता है। जब मनुष्य ऐसी इच्छा रखता है तो उस के समय के महत्व को समझना बहुत जरूरी होता है।

जिस किसी ने भी समय के सदुपयोग को समझा है वह उन्नति के शिखर पर पहुंच चुका है। बहुत से महान पुरुषों ने भी समय के महत्व को समझकर ही सफलता प्राप्त की थी। जो व्यक्ति समय का सम्मान करता है समय भी उसका सम्मान करता है। जो समय को बर्बाद करता है समय उसे बर्बाद कर देता है।

सुस्त आदमी हमेशा बड़ी सरलता से अपने समय को बर्बाद कर देता है यह वही लोगों हैं जिनका अपने जीवन में निर्धारित लक्ष्य नहीं है और वह हमेशा यही कहते रहते हैं कि जो भी होगा सही होगा, या अब तो अल्लाह ही मालिक है, या ईश्वर जो करेगा अच्छा ही करेगा।

वह दिन के अधिकतर समय सोते रहते हैं या टेलीवीजन से चिपके विभिन्न कार्यक्रम देखते रहते हैं, या आन लाइन गेम खेलते रहते हैं या सोशल मीडिया पर ही लगे रहते हैं। सुस्त आदमी ऐसा जीवन व्यतीत करता है जिससे वह अपने आसपास रहने वालों पर बहुत अधिक निर्भर हो जाता है क्योंकि वह यह सोचता है कि वह अकेले कोई काम नहीं कर सकता या अकेले उसके बस की कोई चीज़ नहीं हैं। अवसाद भी ऐसे लोगों में पाया जाता है जो आत्म सम्मान या आत्मबल के न पाए जाने के कारण पैदा होता है।     

एक-एक बूंद के एकत्रित रूप विशाल सागर को देखा जा सकता है और जब एक-एक बूंद टपकती है तो बड़े-से-बड़ा बर्तन भी खाली हो जाती है। कुछ इसी तरह से जीवन भी पल और क्षण के मिलने से बना होता है। जितने भी पल और क्षण बीत जाते हैं वे कभी वापस लौटकर नहीं आते हैं।

समय बीतते हुए अनुमान नहीं होता है लेकिन इन क्षणों के बीतने से दिन, सप्ताह, मास और साल बीतते जाते हैं। समय के बीतने के साथ ही जीवन के दिन भी बीत जाते हैं। जो लोग समय की गति को नहीं जानते और इसके महत्व को नहीं समझते हैं, समय को नष्ट करते हैं समय भी ऐसे लोगों को नष्ट कर देता है।

यही कारण है कि इंसानों के बीच कुछ लोग ऐसे भी पाए जाते हैं जिनके काम समय की कमी के कारण पूरे नहीं हो पाते। अब हमें यह देखना है कि हमें जीवन में अधिकतर समय की कमी क्यों हो जाती है। मनोवैज्ञानिक विभिन्न चीज़ों की समीक्षा करने के बाद इस परिणाम पर पहुंचे कि समय के प्रबंधन में रुकावट के कुछ कारण है।

दर्शनशास्त्रियों और मनोवैज्ञानिकों की नज़र में समय के प्रबंधन और काल के सही प्रयोग में सबसे महत्वपूर्ण रुकावट, अवास्तविक और बड़े बड़े लक्ष्य रखना या ऊंचे ऊंचे सपने देखना हैं।  हममें से बहुत से लोग ऊंचे ऊंचे सपने देखने की वजह से हम यह समझते हैं कि कम समय की समस्या से जूझ रहे हैं।

जो व्यक्ति समय का सदुपयोग करता है केवल वही सभी सुखों को प्राप्त कर पाता है। जो व्यक्ति अपने काम को समय पर कर लेता है उसे कोई भी व्यग्रता नहीं होती है। जो व्यक्ति अपने काम को समय पर करता है वह केवल अपना ही भला नहीं करता है बल्कि अपने परिवार गाँव, और राष्ट्र की उन्नति का कारण भी बनता है।

जो व्यक्ति समय का सदुपयोग करता है वह धनवान, बुद्धिमान और बलवान बन सकता है। ऐसे व्यक्ति की संतान कभी भी पैसे की वजह से दुखी नहीं होती है। अगर हम बहुत ही ध्यानपूर्वक देखते हैं तो हमें पता चलता है कि आज तक जितने भी महान व्यक्ति हुए हैं वे सभी समय के सदुपयोग को जानते थे इसी वजह से महान कहलाए गए।

समय का हर पल, हर क्षण और हर साँस ही जीवन होता है। जो अपने जीवन के एक-एक पल का सदुपयोग करता है उसका जीवन सफल हो जाता है लेकिन जो एक पल भी व्यर्थ कर देता है उसका जीवन निरर्थक बन जाता है। कार्य की सफलता कार्य की कुशलता से अधिक कार्य की तत्परता पर निर्भर करती है। समय ही सत्य होता है।

समय का सदुपयोग ही सफलता और समृद्धि के प्रतीक और परिचायक होते हैं। समय का सदुपयोग करने के लिए मनुष्य को नियमित जीवन जीना चाहिए। हमारे देश में समय का बहुत अधिक दुरूपयोग होता है। बेकार की बातों में समय को बेकार किया जाता है। समय का सबसे अधिक दुरूपयोग मनोरंजन के नाम पर किया जाता है। समय को खोकर कोई भी व्यक्ति सुखी नहीं रह सकता है।

जब समय बीत जाता है तब हमें समय के महत्व का एहसास होता है। जब समय का दुरूपयोग किया जाता है तब दुःख और दरिद्रता के अलावा कुछ प्राप्त नहीं होता है। समय का सबसे बड़ा शत्रु आलस्य होता है। आलस्य जीवन का एक कीड़ा होता है। अगर वह जीवन में लग जाता है तो जीवन नष्ट हो जाता है। जब लखपति समय से चूक जाता है तो वह भी निर्धन हो जाता है।

बुद्धिजीवियों का मानना है कि समय के प्रबंधन के न होने का एक महत्वपूर्ण कारण, लोगों में प्राथमिकता देने और फ़ैसला करने की कला का न होना है।  अलबत्ता फ़ैसला लेने में हमारी सारी समस्याओं की जड़, फ़ैसला लेने की दक्षता में कमज़ोरी के कारण ही नहीं है बल्कि कभी कभी भय और शंका के कारण भी हम फ़ैसला लेने से घबराते हैं कि कहीं ऐसा न हो कि हमारा यह फ़ैसला हमें मुसिबत में फंसा दे।

"ना" कहने में कमज़ोरी भी विशेषज्ञों की नज़र में समय के प्रबंधन को बाधित करने का कारण बनती है। यदि आप में "न कहने" की कला नही है तो आप भी उन कमज़ोर लोगों में शामिल होंगे जो "न ना कहने" की भारी क़ीमत चुकाते हैं। जिन लोगों में "न कहने" का साहस नहीं होता वह अपनी ज़िंदगी में बहुत सी समस्याओं का सामना करते हैं। (AK)

 

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