अनमोल बातें- 30
इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता शिष्टाचारिक मूल्यों के व्याख्यान पर आधारित अपनी क्लास में कहते हैं हदीसों में कहा गया है कि अच्छे काम का रास्ता दिखाने वाला अच्छा करने वाले की भांति है।
इससे पता चलता है कि सही और हमदर्दी भरा मशवेरा देने का महत्व कितना अधिक है। यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को अच्छे काम का मशवेरा देता है और अच्छे काम का रास्ता दिखाता है तो वह भी उसी व्यक्ति की भांति है जिसने वह अच्छा काम अंजाम दिया है। यानी अच्छा काम करने का जितना सवाब वह काम करने वाले को मिलेगा उतना ही पुण्य इस अच्छे काम का मशवेरा देने वाले को मिलेगा। इससे यह भी पता चलता है कि यदि आपसे लोग मशवेरा ले रहे हैं तो यह आपके लिए सौभाग्य की बात है। यदि समाज में यह चीज़ सही ठंग से स्थापित और आम हो जाए तो बडे अच्छे हालात पैद होंगे।
पैग़म्बरे इस्लाम का एक कथन है कि यदि कोई घमंडी है तो वह अपने ऊपर गुनाहों का बहुत बड़ा बोझ लाद लेता है। इसका कारण यह है कि घमंड का इंसान के अमल पर तथा ईश्वर और अन्य बंदों से उसके संबंध पर बहुत बुरा असर पड़ता है। घमंड इंसान को बड़ी गहरी खाई में ले जाता है। इंसान गुनाहों में पड़ जाता है। हो सकता है कि कोई इंसान बहुत अच्छे काम करता हो लेकिन इन सबसे बड़ी चीज़ यह है कि वह ख़ुद को गुनाहों से बचाए। कारण यह है कि गुनाह करने के पीछे इंसान के भीतर मौजूद कुछ अंदरूनी कारण होते हैं। इंसान की इच्छांए वह अंदरूनी कारक हैं जो इंसान को गुनाहों की ओर ले जाती हैं। यदि इंसान गुनाहों से बचना चाहता है तो उसके लिए ज़रूरी है कि अपनी आंतरिक इच्छाओं से हमेशा संघर्ष करता रहे। महापुरुष जब बच्चों और युवाओं को कोई नसीहत करना चाहते हैं तो सबसे पहले जिस चीज़ पर वह ज़ोर देते हैं वह गुनाहों से दूरी है। यदि इंसान गुनाह से खुद को दूर न रखे तो उसकी इबादत और अच्छे कामों का बहुत कम असर होगा। गुनाह आपके भले कर्मों के भंडार में एसा सुराख बना देता है जिससे अच्छे काम बाहर निकलते जाते हैं।