Jul ३०, २०१९ १४:३८ Asia/Kolkata

हमने शरीर की देखभाल के एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में बुरे बर्ताव के ख़तरों और उससे बचने के उपाय के बारे में चर्चा की थी।

हमने बताया गया था कि यह बर्ताव सामान्य रूप से समाज और स्वास्थ्य पर परोक्ष या अपरोक्ष प्रभाव डालता है। जी हां यदि हम अपने जीवन में इन छोटी छोटी चीज़ों पर ध्यान दें तो हमारा जीवन स्वस्थ्य और हम हमेशा तंदुरुस्त रहेंगे।

शराब पीना या मदिरापान करना, एक ख़तरनाक व्यवहार और अपराध,  हत्या, आत्महत्या और ड्राइविंग के समय मौत का कारण बनता है क्योंकि अल्कोहल मन और मस्तिष्क पर बहुत ख़राब प्रभाव पड़ते हैं और इससे मनुष्य का व्यक्तित्व और उसके बर्ताव बुरी तरह प्रभावित हो जाते हैं।  यहां पर यह बात भी महत्वपूर्ण है कि चूंकि अल्कोहल या शराब मनुष्य में सही फ़ैसला करने की शक्ति कम कर देती है इसीलिए शराब पीने वाला व्यक्ति बहुत से अपराध और त्रासदियां अंजाम दे बैठता है।

अल्कोहल का प्रभाव आपके शरीर पर उसकी पहली घूंट से ही शुरू हो जाता है। अर्थात शराब की थोड़ी सी भी मात्रा का सेवन करने से वह मनुष्य के खून में मिल जाती है और निर्जलीकरण का कारण बनती है। अधिक मात्रा अल्कोहल पीने से आपको उच्च रक्तचाप, अनियमित हृदय धड़कन और कभी-कभी दिल का दौरा भी पड़ सकता है, जिसके कारण आपकी जान भी जा सकती है।

शराब पीने वालों की किडनी ख़राब होने की संभावना होती है, क्योंकि शराब पीने से मूत्र निर्माण ज्यादा होता है, जिससे किडनी पर अधिक दबाव पड़ता है। लम्बे समय तक लगातार शराब का अत्यधिक सेवन करने से किडनी ख़राब हो सकती हैं।

शराब का पर सीधा असर पड़ता है, क्योंकि शराब सबसे पहले लीवर में ही पहुंचती है। चूँकि अल्कोहल (alcohol) का 90% विघटन लीवर में ही होता है, इसलिए जब आप बहुत अधिक मात्रा में शराब का सेवन करते हैं तो आपका लीवर खराब (liver damage) हो सकता है।

ज्यादा शराब पीने से लम्बे समय में रक्त शर्करा में कमी आ जाती है, जिसे हाइपोग्लाइसेमिया कहा जाता है जिसका अग्नाशय पर दुष्प्रभाव पड़ता है। चूँकि शराब पीने से रक्त संचार बढ़ जाता है जिसका सेक्सुअल हेल्थ पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

 

कुछ लोग स्ट्रेस बढ़ने और शांति प्राप्त करने के लिए शराब का सहारा लेते हैं। अल्कोहल के सेवन से संभव है कि आरंभ में व्यक्ति में झूठे हल्केपन या शांति का आभास हो किन्तु थोड़े समय बाद शराब के विध्वंसक और वास्तविक प्रभाव सामने आने लगते हैं और इसका सबसे महत्वपूर्ण प्रभाव सेन्ट्रल नर्वज़ सिस्टम का कमज़ोर होना है। शराब नर्व्ज़ को प्रभावित करने की वजह से नाड़ियों में एक प्रकार की प्रतिक्रिया पैदा कर देती है जिसके कारण शरीर में बड़ी मात्रा में ख़ून दौड़ने लगता है और कभी कभी शराब पीने वाले की त्वचा, अप्राकृतिक रूप से लाल हो जाती है। शराब पीने से बदन में गर्मी पैद हो जाती है किन्तु यह असर ज़्यादा देर तक नहीं रहता क्योंकि थोड़े ही समय के बाद शरीर अपनी गर्मी को दो गुना से अधिक खो देती है।

जो व्यक्ति शराब पीता है तो आरंभ में उसकी गतिविधियां सामान्य से अधिक हो जाती हैं, उसके दिल को धड़कने तेज़ हो जाती हैं और उसकी सांसें उखड़ने लगती हैं। उसके बाद मस्तिष्क में बोलने का केन्द्र नशे से प्रभावित हो जाता है और वह उल्टी सीधी बकवास करने लगता है, उसके बाद मस्तिष्क में उसके सुनने का केन्द्र प्रभावित हो जाता है और अजीबो ग़रीब आवाज़ें सुनने लगता है और उसके बाद उसके मस्तिष्क में देखने के केन्द्र में विघ्न पैदा हो जाता है और उससे हर चीज़ें धुंधली नज़र आने लगती हैं।

उसके बाद केन्द्रीय रक्षा सिस्टम प्रभावित हो जाता है और आदमी लड़खड़ाने लगता है। इस प्रकार से शराब पीने के बाद मनुष्य का शरीर सुस्त हो जाता है और शरीर तथा मन मस्तिष्क पर उसका कंट्रोल ख़त्म हो जाता है और वह पूरी तरह से नशे में होता है और इधर उधर गिरने पड़ने लगता है। इस प्रकार से शराबी का सामाजिक बर्ताव पूरी तरह बदलने लगता है। जो व्यक्ति शराबी होता है, वह नशे की वजह से समाज की बहुत से बंधनों, रितीरिवाजों और नैतिकेताओं की अनदेखी करने लगता है और इसके परिणाम में अचानक हमले, हिंसक बर्ताव और अभद्रता इत्यादि फैलने लगती है।

 

शराब पीने से आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर बुरा प्रभाव पड़ता है। चूँकि प्रतिरक्षा प्रणाली हमारे शरीर का सुरक्षा कवच है, जो Bacteria, Virus और भी अन्य बाहरी कारकों से हमारी रक्षा करता  है। किन्तु अत्यधिक शराब पीने से Immune system कमजोर हो जाता है, जिससे हमारी रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है।

अल्कोहल की अधिक मात्रा लेने से मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है, जिससे चिंता, अवसाद (depression) और मनोविज्ञान का उच्च जोखिम होता है जिसके कारण कोई भी दुर्घटना घटित हो सकती है।

शराब का अधिक सेवन करने से कैल्शियम निर्माण और हड्डियों द्वारा उसे अवशोषित करने की क्षमता कम हो जाती है, जिसे ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) कहते हैं। यदि गर्भवती महिला शराब का ज्यादा सेवन करती है, तो उसकी संतान अपंगता का शिकार हो सकती  है।

अधिक शराब का सेवन आंत (Intestine) में विटामिन और अन्य पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा उत्पन्न कर सकता है। जिसके कारण कुपोषण हो सकता है। अधिक शराब के सेवन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है और इससे पागलपन या खराब मानसिक संतुलन में गड़बड़ी हो सकती है।

शराब की अधिक मात्रा का सेवन, या अल्कोहल विषाक्तता, एक स्वास्थ्य समस्या है जो बहुत अधिक शराब पीने के परिणामस्वरूप हो सकती है। ऐसा तब होता है जब आप एक बार में बहुत अधिक शराब पीते हैं। अल्कोहल ओवरडोज के लक्षण हो सकते हैं।

 

शराब पीने से परिवार के शारीरिक व आत्मिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होते हैं। अनेक आंकड़ों से पता चलता है कि परिवार के किसी सदस्य के शराबी होने से वह परिवार का ढांचा बड़ी सरलता से धराशायी हो जाता है जैसा कि आप जानते हैं कि बच्चों के पालन पोषण में परिवार इकाई की बहुत अधिक भूमिका होती है और यदि यह ईकाइ ही धराशायी हो जाए तो बच्चे का जीवन तबाह ही हो जाता है। माता पिता का बर्ताव और उनके प्रशिक्षण की शैली बच्चों के बर्ताव को बहुत हद तक प्रभावित करती है। यदि परिवार का माहौल अस्वस्थ्य हो और माता पिता शराबी हों तो बच्चा भी उनके ही रास्ते पर निकल पड़ेगा और उसमें पथभ्रष्टता के प्रभाव दिखने लगेंगे। इसका कारण यह है कि किसी भी व्यक्ति के सामने एक ही चीज़ जब बार बार की जा जाती है कि उससे वह प्रभावित हो जाता है, यदि शराबी माता पिता अपने बच्चे के सामने दिन में दो से तीन या इससे अधिक बार शराब पीते हैं तो यह बच्चे को शराबी बनाने और उसको शराब की लत की ओर जाने में बहुत अधिक सहायक होता है।

शराब पीने वाले अधिकतर विभिन्न प्रकार की बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। शराब पीने वालों में अधिकतर लीवर की ख़राबी पैदा होती है। एक अनुमान के अनुसार 15 से 30 प्रतिशत शराबी अंत में लीवर की ख़राबी या लीवर के इन्फ़ेंक्शन में ग्रस्त हो जाते हैं। शराब पीने वाले कैंसर का अधिकतर शिकार होते हैं।

यहां तक हमने आपको शराब से होने वाले नुक़सानों और उसके समाज और व्यक्ति पड़ने वाले प्रभाव पर प्रकाश डाला और अब हम आपको हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम का एक कथन सुनाने जा रहे हैं। इमाम जाफ़र सादिक अलैहिस्लात कहते हैं कि ईश्वर ने शराब को वर्जित क़रार दिया है क्योंकि शराबी के दिल में प्रकाश और दया व करुणा समाप्त हो जाती है, वह वर्जित काम करने, रक्तपात व हिंसक तथा अतिक्रमण करने में दुस्साहसी हो जाता है, शराबी पर बुराई के अतिरिक्त कोई और चीज़ नहीं बढ़ती। (AK)

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