ईरान में विदेशी पूंजीनिवेश की संभावनाएं- 5
वर्तमान समय में किसी भी देश की प्रगति में पूंजी निवेश की महत्वपूर्ण भूमिका को बिल्कुल भी अनदेखा नहीं किया जा सकता ।
ईरान , प्रतिरोधक अर्थव्यवस्था का प्रबल समर्थक देश है। भौगोलिक दृष्टि से ईरान संसार के बहुत ही महत्वपूर्ण क्षेत्र में स्थित है। इसके अतिरिक्त भी बहुत सी एसी बाते हैं जिनके कारण ईरान में विदेशी पूंजीनिवेश किया जा सकता है।
इस बात की ओर पहले भी संकेत कर चुके हैं कि ईरान के भीतर पूंजी निवेश के लिए बहुत से अवसर पाए जाते हैं।
इन अवसरों में से एक, ईरान की भौगोलिक स्थिति है।
जलवायु की विविधता, व्यापक कृषि क्षेत्र, विस्तृत प्राकृतिक संसाधन, कृषि के योग्य अधिक भूमि, क्षेत्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय मंडियों तक सरलता से पहुंच, सिनंचाई व्यवस्था का मशीनीकरण, कृषि उत्पादों की पैकिंग और इसी प्रकार की बहुत सी एसी बाते हैं जिनके दृष्टिगत ईरान में पूंजी निवेश करके अधिक लाभ उठाया जा सकता है।
ईरान एसा देश है जहां पर एक ही समय में सारे ही मौसमों को देखा जा सकता है।
ईरान का क्षैत्रफल १६४८१९५ वर्गकिलोमीट अर्थात सोहल लाख अइतालिस हज़ार एक सौ पच्चानवे वर्ग किलोमीटर है। ईरान की ३७ प्रतिशत भूमि पर खेती की जाती है। यहां पर अभी भी ६३ प्रतिशत कृषि योग्य भूमि मौजूद है।
ईरान की आबादी आठ करोड़ है। इसके १५ पडोसी देश है जो कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए बहुत ही उपयुक्त हैं। भौगोलिक दृष्टि से ईरान , विश्व में एसी जगाह पर स्थित है जहां से धरती, आकाश तथा जलमार्गों से यूरोपवीय देशों, केन्द्रीय एशिया, पश्चिमी एशिया और पूर्वी एशिया के क्षेत्रों तक बड़ी सरलता से पहुंचा जा सकता है।
इन क्षमताओं के बावजूद ईरानियों को दो चुनौतियों का सामना है जिनके कारण देश को कृषि के उत्पादों में वांछित परिणाम नहीं मिल पा रहे हैं।
इस समय ईरान में कृषि योग्य भूमि का एक तहाई भाग ही सिंचाई की उचित व्यवस्था का लाभ उठा रहा है।
ईरान में पारंपरिक सिंचाई व्यवस्था के चलते देश के कुछ प्रांतों में जलस्तर नीचे चला गया है। हालांकि यह बात भी उल्लेखनीय है कि इस वर्ष २०१९ में होने वाली अधिक वर्षा के कारण नीचे चला गया जल स्तर किसी तक ऊपर आया है। कृषि में विस्तार के अतिरिक्त ईरान की एक अन्य योजना, कृषि उत्पादों को अलग रूप देना है जैसे उनमें भौतिक या रासायनिक परिवर्तन करना, उनको लंबे समय तक सुरक्षित रखना तथा उनकी पैकिंग आदि जैसे काम। वे कंपनियां जो ब्रैंडेड उत्पाद बनाती हैं वे इस क्षेत्र में पूंजी निवेश करके अधिक से अधिक लाभ उठा सकती हैं।
ईरान के उत्पादों में ज़ाफ़रान या केसर, पिस्ते , अनार, कई प्रकार के सूखे शहतूत, खजूर, ख़ूबानी, अख़रोट , सेब, प्याज़, अंगूर, बादाम, ख़रबूज़ा, आड़ू, चना, दालें, नाशपानी, तरबूज़, नारंगी, नीबू, संतरा या माल्टा और टमाटर आदि का नाम लिया जा सकता है।
संसार में जो केसरा का उत्पादन किया जताता है उसका ८० प्रतिशत ईरान करता है।
ईरान संसार में सबसे अधिक ज़ाफ़रान या केसर का उत्पादन करके उसका निर्यात करता है। इस बारे में कृषि मामलों के एक ईरानी विशेषज्ञ गुल मुहम्मदी कहते हैं कि ज़ाफ़रान को कृषि तथा ओषधि उत्पाद के रूप में संसार में जाना जाता है। ईरान से निर्यात किये जाने वाले उत्पादों में यह सर्वोपरि है। ईरान के केसर को विश्व के सबसे अच्छे केसर के रूप में देखा जाता है।
ज़ाफ़रान की ही भांति पिस्ता ही वह उत्पाद है जो ईरान से निर्यात किया जाता है। आर्थिक दृष्टि से इसको विशेष महत्व प्राप्त है। इसको हरे सोने की ही संज्ञा दी जाती है। ईरान के ग़ैर पेट्रोकैमिकल उत्पादों में पिस्ते का स्थान बहुत पहले से सर्वोपरि रहा है।
ईरान में केसर और पिस्ते के बाद कृषि उत्पादों में खजूर का नंबर आता है। इसकी सालाना पैदावार एक मिलयन टन से भी अधिक है। संसार में ईरान खजूर पैदा करने वालों में दूसरे नंबर पर आता हे। विशेष बात यह है कि ईरान में पैदा होने वाले खजूर की वेराइटियां बहुत हैं। अन्य उत्पादों की ही भांति खजूर ही एसा उत्पाद है जिसको व्यापक स्तर पर निर्यात करने के लिए बड़े पैमाने पर पूंजी निवेश की आवश्यकता है।