उमर ख़य्याम का जन्म उस समय हुआ था जब राजनीतिक दृष्टि से अस्थिरता का माहौल था।
मौलाना रोम 13वीं शताब्दी ईसवी के प्रख्यात कवि थे और फ़ार्सी भाषी क्षेत्रों के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी उनकी शायरी और ज्ञान का लोग लोहा मानते थे।