Jul २८, २०२३ ०९:०५
कर्बला की हृदयविदारक घटना को 1400 साल से ज़्यादा का समय बीत रहा है, लेकिन आज तक इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और उनके वफ़ादार साथियों को शहीद करने वाले यज़ीदी कर्बला का ग़म मनाने वाले हुसैनियों के ख़ून के प्यासे हैं। जब भी मौक़ा मिलता है यज़ीदी नस्ल के आतंकी इमाम हुसैन के श्रद्धालुओं को अपने आतंक का निशाना बना लेते हैं।