Pars Today
परमाणु समझौते से अमरीका के निकल जाने के बाद ईरान के तेल पर प्रतिबंध लगाने की अमरीकी सरकार की कार्यवाही पर ओपेक सहित ईरान से तेल आयात करने वाले देशों की कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है।
तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक के महासचिव ने कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय मंडी से ईरान के तेल को समाप्त करना संभव नहीं है और ओपेक में एकपक्षीय नीतिंया नहीं चलतीं।
रूस का कहना है कि अमरीका ने तेल निर्यात करने वाले संगठन ओपेक पर पूर्ण नियंत्रण के उद्देश्य से वेनेज़ुएला को लक्ष्य बना रखा है।
ईरान के पैट्रोलियम मंत्री ने कहा है कि वियना में ओपेक की हालिया बैठक से अमरीका को झटका लगा है।
ईरान के पैट्रोलियम मंत्री बीजन ज़ंगने ने कहा है कि ईरान के मामलों में अमरीका के विशेष प्रतिनिधि का वियना में ओपेक के सदस्य देशों के प्रतिनिधियों से मुलाक़ात करना, अनुचित, हस्तक्षेपपूर्ण एवं ग़ैर पेशेवराना है।
ईरान पर अगले कुछ हफ़्तों के भीतर तेल प्रतिबंध लगाए जाने की अमरीकी तैयारियों के बीच विशेषज्ञों ने यह कहना शुरू कर दिया है कि कच्चे तेल की क़ीमत अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में 100 डालर प्रति बैरल के पार पहुंच जाएगी।
तेल उत्पादक देशों के संगठन (ओपेक) में ईरान के प्रतिनिधि ने चेतावनी दी कि अगर अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्वीट करने बंद नहीं किए तो तेल की क़ीमतों में इसी तरह वृद्धि जारी रहेगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने तेल उत्पादक देशों के संगठन (ओपेक) को धमकी दी है कि कोई ऐसा काम न करें कि जिससे तेल मंडी प्रभावित हो।
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा ह कि परमाणु समझौते से अमरीका के बाहर निकलने के बावजूद, अभी भी यह समझौता बाक़ी है और इसके भविष्य के बारे में वार्ता जारी है।
ओपेक में ईरान के प्रतिनिधि ने सऊदी अरब को तेल की पैदावार बढ़ाने पर तैयार करने की अमरीका की कोशिश की निंदा करते हुए कहा है कि यह संगठन अमरीका के आदेशों का पालन नहीं करता।