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ग़ज़्ज़ा में इंडोनेशियाई अस्पताल पूरी तरह से बंद, अल अहली अस्पताल की भी आतंकी इस्राईली सेना ने की घेराबंदी
Nov १७, २०२३ १३:४५आतंकी इस्राईली सेना किसी भी अंतर्राष्ट्रीय अपील, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को मानने के लिए तैयार नहीं है। लगातार वह मानवाधिकारों को अपने पैरों तले रौंद रही है। इस बीच ग़ज़्ज़ा से मिलने वाली जानकारी के अनुसार, जहां इंडोनेशाई अस्पतला की सेवा पूरी तरह ठप हो गई है तो वहीं अल अहली अस्पताल की आतंकी ज़ायोनी सेना ने पूरी तरह घेराबंदी कर ली है।
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आख़िर अवैध इस्राईली शासन में ऐसा क्या है कि हज़ारों बच्चों के हत्यारे नेतन्याहू के साथ खड़ा है अमेरिका और कुछ यूरोपीय देश?
Nov १५, २०२३ १६:०२इस समय दुनिया के ज़्यादातर इंसानों के मन में एक सवाल ऐसा सवाल है कि जिसका जवाब किसी को भी नहीं मिल पा रहा है। सवाल यही है कि आख़िर पश्चिमी एशिया में मौजूद अवैध शासन इस्राईल में ऐसा क्या है कि उसके हर अपराध और विशेषकर उसके द्वारा हज़ारों बच्चों की हत्या किए जाने का बावजूद अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और कनाडा समेत कई अन्य देश उसका समर्थन करते चले आ रहे हैं। अवैध ज़ायोनी शासन का समर्थन करने के पीछे क्या उनकी मजबूरी है या फिर यह उनकी किसी साज़िशी योजना का हिस्सा है।
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ग़ज़्ज़ा का शिफ़ा अस्पताल, जो अब मुर्दाघर में बदल गया है! मनगढ़ंत कहानी बनाकर मीडिया तक पहुंचा रहा है आतंकी इस्राईल
Nov १४, २०२३ १९:०७जैसे-जैसे आतंकी अवैध इस्राईली शासन के युद्ध अपराधों से पर्दा उठता जा रहा है वैसे-वैसे उसने अब अपने जघन्य अपराधों को छिपाने के लिए झूठी और मनगढ़ंत कहानियां बनाकर मीडिया के माध्यम से आम जनमत को गुमराह करने की भरपूर प्रयास आरंभ कर दिया है। वहीं ग़ज़्ज़ा के शिफ़ा अस्पताल से सामने आई तस्वीरों ने मानवता को शर्मसार कर दिया है। यह अस्पताल अब पूरी तरह मुर्दाघर में बदल चुका है।
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हम तो डूबे हैं सनम तुमको भी ले डूबेंगे, अमेरिका के कारण गिरती संयुक्त राष्ट्र संघ की साख!
Nov १३, २०२३ १८:५९जिस प्रकार ग़ज़्ज़ा में अवैध इस्राईली शासन द्वारा अमेरिका और कुछ पश्चिमी देशों के समर्थन से सभी मानवाधिकारों और राष्ट्र संघ के प्रस्तावों को पैरों तले रौंदा जा रहा है उसको देखते हुए अब यह कहा जाने लगा है कि अमेरिका की मनमानी और उसकी वर्चस्ववादी नीतियों के कारण जिस प्रकार उसका पतन हो रहा है उसी तरह संयुक्त राष्ट्र संघ पर अमेरिका के लगातार बढ़ते प्रभाव की वजह से इस अंतर्राष्ट्रीय संस्था की साख मिट्टी में मिलती जा रही है।
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ग़ज़्ज़ा में शर्मसार होती इंसानियत को देखकर यूएन मानवीय राहत एजेंसियों की निकली चीख़, ‘बस, अब बहुत हो चुका’
Nov ०७, २०२३ १४:३५संयुक्त राष्ट्र की 10 से अधिक एजेंसियों ने इस्राईल द्वारा ग़ज़्ज़ा पर किए जाने वाले पाश्विक हमलों के दूसरे महीने में प्रवेश करने से ठीक पहले, ग़ाज़ा में तत्काल मानवतावादी युद्धविराम लागू करने की अपील दोहराई है, ताकि ज़रूरतमन्दों तक जीवनरक्षक सहायता पहुंचाई जा सके।
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दाइश, अलक़ायदा और अन्य आतंकवादी गुटों का असली चेहरा आया सामने, केवल मुसलमानों के नरसंहार की योजना का नाम है इस्लामी आतंकवाद!
Oct २५, २०२३ १४:५९पिछले कुछ दशकों से पूरी दुनिया में आतंकवाद की ऐसी लहर चली कि हर कोई उससे ख़ुद को प्रभावित होता हुआ देख रहा था। वहीं ख़ास बात यह थी कि इस आतंकवाद के साथ इस्लाम का शब्द भी जोड़ दिया गया था। देखते ही देखते अंतर्राष्ट्रीय मंच पर इस्लामी आतंकवाद को लेकर चर्चा होने लगी। इसका असर यह हुआ कि विश्वभर में लोग मुसलमानों को आतंकी के तौर पर देखने लगे। लेकिन इस आतंकवाद ने अगर सबसे ज़्यादा किसी को नुक़सान पहुंचाया तो वह कोई और नहीं बल्कि मुसलमान और इस्लामी देश ही हैं।
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लाशों के ढेर, घायलों की चीख़-पुकार और चुप-चाप देखता विश्व समाज, अनगिनत तुफ़ानों के लिए तैयार रहे दुनिया!
Oct २३, २०२३ १५:३९इन दिनों फ़िलिस्तीन में साम्राज्यवादी शक्तियां जो आतंकी इस्राईल के साथ मिलकर कर रही हैं वह एक ऐसी त्रास्दी है कि जिसके बारे में भी सोच कर रूह कांप जाती है। कोरोना महामारी के नाम पर दुनिया को पूरी तरह रोक देने वाला संयुक्त राष्ट्र संघ ग़ाज़ा के हालात पर बेबस नज़र आ रहा है। आख़िर ऐसा क्या है कि फ़िलिस्तीनी बच्चों के नरसंहार पर विश्व के ज़्यादातर देश अपनी आंखें मूंदे हुए हैं? यह एक ऐसा सवाल है कि जिसके जवाब के साथ ही दुनिया में शांति स्थापित हो सकती है।
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यह कैसे वहशी जानवर हैं जो केवल बच्चों के ख़ून के प्यासे हैं? चुन-चुनकर फ़िलिस्तीनी मासूमों का नरसंहार करता इस्राईल+ वीडियो
Oct १८, २०२३ १५:४८बहुत से लोग यह सवाल करते हैं कि आख़िर फ़िलिस्तीनियों में इतना आक्रोश क्यों देखा जाता है। तो उनकी जानकारी के लिए यह बता दें कि जब माओं की गोद उजड़ती है तो ज़मीन कांप जाती है, आसमान भी ख़ून के आंसू रोता है तो फिर यह तो इंसान हैं जो अपने बच्चों के नरसंहार पर केवल अपना ग़ुस्सा ही दिखा रहे हैं। ज़रा कल्पना करके देखें कि हज़ारों की संख्या में आपके सामने बच्चों की लाशें हों और उनके क़ातिल को दुनिया शाबाशी दे रही हो।
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आतंकवाद से मुक़ाबले के नाम पर आतंक के सबसे बड़े समर्थक बने अमेरिका और यूरोपीय देश! हमास और इस्राईल युद्ध में बिकाऊ मीडिया की भी खुली पोल
Oct १६, २०२३ १९:०३हमास और इस्राईल के बीच भयानक युद्ध चल रहा है। इस युद्ध के नुक़सान का अंदाज़ा भी नहीं लगाया जा सकता। नुक़सान दोनों तरफ हो रहा है। फ़र्क़ सिर्फ इतना है कि इस्राईल के पास नवीनतम हथियार, लाखों प्रशिक्षित सैनिक, एक रक्षा प्रणाली के साथ-साथ विश्व शक्तियां उसका समर्थन कर रही हैं। दूसरी तरफ, केवल हमास है, जिसके पास हज़ारों सैनिक हैं। कोई नई तकनीक नहीं, कोई नए हथियार नहीं, कोई रक्षा प्रणाली नहीं।
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ग़ाज़ा की स्थिति काफ़ी चिंताजनक, नस्लीय सफ़ाए की तरफ़ बढ़ रहा है इस्राईलः संयुक्त राष्ट्र संघ
Oct १५, २०२३ १४:१७संयुक्त राष्ट्र की एक स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ फ़्रांसेस्का अलबानीज़ ने शनिवार को आगाह करते हुए कहा है कि फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में, नागरिक आबादी अब “सामूहिक नस्लीय सफ़ाए” के गंभीर ख़तरे का सामना कर रही है। उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय से तुरंत युद्धविराम लागू करवाने की अपील की है।