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भारत की सेक्यूलर छवि को नुक़सान पहुंचाती फिल्म, द केरल स्टोरी
Mar २१, २०२४ १४:१९वर्तमान समय में भारत में सरकारी स्तर पर कुछ एसे काम हो रहे हैं जो इस देश की वैश्विक छवि के लिए हानिकार हैं।
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हिज़्बुल्लाह की सॉफ़्ट ताक़त और होशियारी ने शैतानी नरसंहार की मशीन को कैसे रोक दिया?
Mar २०, २०२४ १४:१७पश्चिम एशिया के हालिया घटनाक्रमों में लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हिज़बुल्लाह की भूमिका का एक महत्वपूर्ण आयाम यह है कि इस आंदोलन ने बड़े पैमाने पर युद्ध में दाख़िल हुए बिना ही इस्राईल की हत्या मशीन में एक बड़ा व्यवधान पैदा कर दिया है।
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पश्चिम ऐसे चीन को पंसद करता है!
Mar २०, २०२४ १०:१४चीन में प्राचीन काल से ही अफ़ीम का उपयोग दवाओं के रूप में किया जाता रहा है।
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ज़मीन पर क़ब्ज़ा करने से लेकर नैरेटिव हथियाने तक, साम्राज्यवादी ताक़तों के तौर तरीक़ों का जायज़ा
Mar १८, २०२४ १४:१०पार्स टुडे- अतीत से लेकर अब तक साम्राज्यवादी शक्तियों का तौर तरीक़ा काफ़ी बदलाव से गुज़रा है लेकिन बुनियादी तौर पर इसके तीन मूल स्तंभ हैं। एक है पूंजीवाद, दूसरे हिंसा का बचाव और तीसरे हक़ीक़त पर पर्दा डालकर पूंजी और हिंसा से ख़ुद को किसी काल्पनिक अस्तित्व के रूप में स्थापित कर देना।
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अड़तीस हज़ार झूठ पर आधारित ईरान विरोधी झूठी किताब, "ज़न,ज़िंदगी,आज़ादी"
Mar १६, २०२४ १८:२५ज़न,ज़िंदगी,आज़ादी नामक झूठी किताब, पिछले साल ईरान में पश्चिम के समर्थन से हुए उपद्रव से संबन्धित ईरान विरोधी झूठ का पुलंदा है।
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तेहरान होटल फ़िल्म बनाने के पीछे इस्राईल की क्या है साज़िश
Mar १५, २०२४ १४:०५हालिया वर्षों में, मोसाद के सहयोग से ज़ायोनी फ़िल्म निर्माण की मात्रा बहुत बढ़ गई है और इन कार्यों के दौरान "तेहरान" नाम बहुत बार दोहराया जाता है।
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इस मासूम बच्ची को किस तरह से क़त्ल कर दिया गया?
Mar १२, २०२४ १६:४१4 साल की फ़िलिस्तीनी बच्ची "सलमा जाबिर" उन हज़ारों शहीद बच्चों में से एक है, जो ग़ज़्ज़ा में ज़ायोनी शासन के नए दौर के हमलों में शहीद हुए हैं।
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बाइडनः नेतनयाहू इस्राईल को फ़ायदा नहीं नुक़सान पहुंचा रहे हैं
Mar ११, २०२४ २०:१९अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडन कहते हैं कि उन्हें यक़ीन है कि ज़ायोनी शासन के प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतनयाहू इस्राईल के लिए फ़ायदेमंद से ज़्यादा नुक़सानदेह हैं।
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दैरे यासीन का क़साई जिसे शांति का नोबल पुरस्कार भी दिया गया
Mar ११, २०२४ ०९:४४9 मार्च 2024 दैरे यासीन के क़साई मनाख़िम बेगिन की मौत की वर्षगांठ है।
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इस्लाम धर्म को हिंसक धर्म बताने के पीछे क्या साज़िश है?
Mar १०, २०२४ २२:०५अब यह प्रश्न उठता है कि आखिर प्रेम और दया से भरे इस्लाम धर्म को हिंसा और तलवार के बल पर फैलने वाले धर्म के रूप में क्यों पेश किया गया? एक ऐसा धर्म जो अपनी पवित्र पुस्तक क़ुरआन में प्रत्येक अध्याय की शुरुआत ही ईश्वर की दया के नाम से करता है।