भारत में नफ़रत का कारोबार करने वालों को कौन दे रहा है मेडल? राजधानी दिल्ली की सड़कों पर लोकतंत्र का चीरहरण
दिल्ली के जंतर मंतर पर रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कथित तौर पर मुस्लिम विरोधी और भड़काऊ नारे लगाए जाने का मामला सामने आया है।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रवक्ता और कट्टरपंथी हिन्दू संगठनों की ओर से भारत की राजधानी दिल्ली में‘भारत जोड़ो आंदोलन’ के तहत आयोजित कार्यक्रम में समान नागरिक संहिता को लागू कर औपनिवेशक काल के क़ानूनों को ख़त्म करने की मांग की गई। इस कार्यक्रम में भाजपा नेता गजेंद्र चौहान भी मौजूद थे। लेकिन देखते ही देखते यह कार्यक्रम पूरी तरह मुस्लिम विरोधी कार्यक्रम में बदल गया। कार्यक्रम में शामिल कट्टरपंथी हिन्दू संगठन के कार्यकर्ता मुसलमानों के ख़िलाफ़ नारे लगाने लगे और भड़काऊ टिप्पणी करने लगे। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इस कार्यक्रम का आयोजन कथित तौर पर पुलिस की मंज़ूरी के बिना हुआ. इस मामले पर रविवार शाम तक कोई कार्यवाही नहीं की गई और भीड़ को इकट्ठा होने दिया गया। इस कार्यक्रम की तस्वीरों और वीडियो में लोगों को कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते और मास्क नहीं पहने देखा जा सकता है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आयोजकों ने मंजूरी मांगी थी लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया।
इस कार्यक्रम के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिनमें सांप्रदायिक, भड़काऊ और मुस्लिम विरोधी नारेबाज़ी होती देखी जा सकती है। एक वीडियो में तो प्रत्यक्ष तौर पर मुस्लिमों की हत्या का आह्वान किया जा रहा है। नई दिल्ली जिला के डीसीपी दीपक यादव ने बताया, ‘हम सभी वीडियो क्लिप की सत्यता की पुष्टि कर रहे हैं।’ सोमवार सुबह एनएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक़, दिल्ली पुलिस ने भड़काऊ भाषण देने के आरोप में अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की है। इस कार्यक्रम के दौरान ‘नेशनल दस्तक’ नाम के एक यूट्यूब चैनल के एक रिपोर्टर को कथित तौर पर भीड़ ने घेर लिया और भीड़ ने उन्हें जय श्रीराम का नारा लगाने के लिए मजबूर किया। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में रिपोर्टर अनमोल प्रीतम को भीड़ का विरोध कर यह कहते सुना जा सकता है कि वह जब चाहेंगे केवल तभी जय श्रीराम का नारा लगाएंगे। प्रताड़ित करने से वह नारा नहीं लगाएंगे। इस दौरान भीड़ में कुछ लोग उसे ‘जेहादी’ भी कहते हैं। कुछ राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह पहली बार नहीं हुआ है कि जब बीजेपी के नेता और कट्टरपंथी हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ता खुले आम मुसलमानों के ख़िलाफ़ इस तरह के विवादित बयान और नारे लगा रहे हैं। टीकाकारों के अनुसार भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के चुनाव नज़दीक हैं जिसको देखते हुए कट्टरपंथी विचारधारा के संगंठन चुनावों में मतदातों का ध्रुवीकरण करने के लिए इस तरह की साज़िश करते हैं जिसकी शुरुआत दिल्ली के जंतर मंतर से हो गई है। (RZ)
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