2000 के नोटों को बंद करने का फैसला थूक कर चाटने जैसाः बघेल
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भूपेश बघेल ने 2000 रुपए के नोटों को बंद करने के फैसले को थूक कर चाटने वाला बताया है। 
(last modified 2023-05-21T04:33:58+00:00 )
May २१, २०२३ ०९:५८ Asia/Kolkata
  • 2000 के नोटों को बंद करने का फैसला थूक कर चाटने जैसाः बघेल

भूपेश बघेल ने 2000 रुपए के नोटों को बंद करने के फैसले को थूक कर चाटने वाला बताया है। 

छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि दो हज़ार के नोटों को सर्कुलेशन से बाहर करना, थूक कर चाटने जैसा काम है। 

उन्होंने कहा कि 2000 के नोटों को अचानक बंद क्यों कर दिया गया।  इसका क्या कारण है।  हम आरबीआई से पूछता चाहते हैं कि एसा क्यों किया जा रहा है? भूपेश बघेल के अनुसार 2016 में इन नोटों को सरकार ने लागू किया और अब सात वर्षों के बाद स्वयं ही इनको बंद करने की घोषणा कर दी।  यह तो बिल्कुल थूक कर चाटने जैसा है।

छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री ने कहा की मीडिया को आरबीआई के गवर्नर से पूछना चाहिए कि क्यों धन का इस प्रकार से दुरूपयोग किया जा रहा है।  उन्होंने कहा कि एक लेख के अनुसार इन नोटों को छापने के लिए 16 से 17 सौ करोड़ रुपये ख़र्च किये गए।  अब आप इसे एकदम से चलन से बाहर कर रहे हैं।  यह क्या बात है जब आप चाहें चालू करें और जब चाहें उसे बंद कर दें। 

उल्लेखनीय है कि 8 नवंबर 2016 की रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीवी पर अपने संबोधन में नोटबंदी की घोषणा करते हुए कहा था कि अब 500 और 1000 रुपए के नोट नहीं चलेंगे। 

इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा था कि इससे काले धन को समाप्त करने और आतंकवाद पर क़ाबू पाने में मदद मिलेगी। 

याद रहे कि 19 मई को भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक बयान जारी करके कहा है कि 2000 के नोट सर्कुलेशन से बाहर हो रहे हैं।  30 सितंबर 2023 तक इनको बैंकों में जमा कराया जा सकता है।  इस बयान में कहा गया है कि लोग, 2000 के नोट अपने बैंक खाते में जमा कर सकते हैं या किसी भी बैंक की शाख़ा में जाकर अपने नोट बदल सकते हैं।