क़तर, पूर्व नौसेना अधिकारियों की सज़ाए मौत, जेल की सज़ा में तबदील
भारत के पूर्व आठ नौसेना अधिकारियों की सज़ाए मौत कारावास में बदल गयी है।
मौत की सज़ा सुनाने के दो महीने बाद क़तर की अपील अदालत ने गुरुवार 28 दिसम्बर को उनकी मौत की सजा को अलग-अलग अवधि के कारावास में बदल दिया।
भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में दहरा ग्लोबल केस में कतर की अपील अदालत के फैसले का ज़िक्र किया गया जिसमें सज़ा कम कर दी गई है।
विदेशमंत्रालय ने कहा कि कतर में भारतीय राजदूत विपुल के साथ पूर्व नौसेना अधिकारियों के परिवार के सदस्य भी उस समय अपील अदालत में मौजूद थे, जब आदेश जारी किया गया।
यह कहते हुए कि विस्तृत फ़ैसले की अभी प्रतीक्षा है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह अगले कदम पर निर्णय लेने के लिए कानूनी टीम के साथ-साथ परिवार के सदस्यों के साथ निकट संपर्क में है।
इस बार भी हमेशा की तरह मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि वह इस मामले की कार्यवाही की गोपनीय और संवेदनशील प्रकृति के कारण’ इस समय कोई और टिप्पणी नहीं करेगा।
बयान में कहा गया है कि हम मामले की शुरुआत से ही उनके साथ खड़े हैं और हम सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे. हम कतरी अधिकारियों के साथ भी इस मामले को उठाना जारी रखेंगे।
इस बात का कोई ज़िक्र नहीं किया गया है कि पूर्व भारतीय सैन्य अधिकारियों की सज़ा किस सीमा तक कम की गई है लेकिन समझा जा रहा है कि उन्हें अलग-अलग अवधि की जेल की सज़ा सुनाई गई है।
भारत के इन पूर्व नौसेना अधिकारियों पर इस्राईल के लिए जासूसी करने का आरोप लगा है। (AK)
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