सीएए और एनआरसी का मामला फिर गरमाया, प्रदर्शनों में आई तेज़ी
असम में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर नए सिरे से शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों के बीच सीएम हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा है कि अगर एनआरसी के लिए आवेदन न करने वाले किसी एक व्यक्ति को भी भारत की नागरिकता मिली, तो वे इस्तीफ़ा दे देंगे।
केंद्र सरकार के सीएए के नियम अधिसूचित करने के साथ ही राज्य में विपक्षी दलों समेत स्थानीय संगठनों द्वारा इस कानून का कड़ा विरोध किया जा रहा है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, शर्मा ने सीएए से नाराज लोगों को आश्वासन देते हुए कहा है कि अगर राजय में हुई एनआरसी के लिए आवेदन नहीं करने वाले किसी भी व्यक्ति को नागरिकता दी गई तो वह अपने पद से हटने वाले पहले व्यक्ति होंगे।
मालूम हो कि प्रदर्शनकारियों को चिंता है कि सीएए लागू होने से राज्य में लोगों की आमद बढ़ जाएगी।
साथ ही, वे मानते हैं कि सीएए असम समझौते के खिलाफ है, जो इस राज्य में अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए 25 मार्च, 1971 की समय सीमा तय करता है।
सोमवार को केंद्र के फैसले की सूचना आने के बाद ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन और 30 इंडिजिनस संगठनों ने गुवाहाटी, बारपेटा, लखीमपुर, नलबाड़ी, डिब्रूगढ़ और तेजपुर सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में सीएए की प्रतियां जलाई थीं (AK)
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