रोहिग्या मुसलमान, कश्मीर से निकाले जाएंगेः जीतेन्द्र सिंह
(last modified Sat, 04 Jan 2020 09:46:26 GMT )
Jan ०४, २०२० १५:१६ Asia/Kolkata
  • रोहिग्या मुसलमान, कश्मीर से निकाले जाएंगेः जीतेन्द्र सिंह

भारत के केन्द्रीय मंत्री जीतेन्द्र सिंह ने कहा है कि जम्मू व कश्मीर से रोहिंग्या मुसलमानों को अवश्य निकाला जाएगा। 

जीतेंद्र सिंह ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि जिस दिन भारतीय संसद में CAA कानून पास हुआ था उसी दिन यह क़ानून, जम्मू व कश्मीर में भी लागू हो गया था।

भारतीय संचार माध्यमों के अनुसार उन्होंने कहा कि अब सरकार का अगला क़दम रोहिंग्या शरणार्थियों के निर्वासन के संबंध में होगा ताकि वे नागरिकता क़ानून के अन्तर्गत स्वंय को सुरक्षित न कर सकें।  भारतीय मंत्री जीतेन्द्र सिंह ने इस बात की जांच कराने की मांग की है कि किस प्रकार से रोहिग्या मुसलमान, विभिन्न क्षेत्रों से होते हुए जम्मू के उत्तरी इलाकों में आकर बस गए।  उन्होंने कहा कि इस कानून को लेकर कोई अगर-मगर जैसी बात नहीं है।  जीतेन्द्र सिहं ने कहा कि हमारी सरकार का अगला क़दम रोहिंग्या शरणार्थियों के निर्वासन को लेकर रहेगा।  भारत के इस केंद्रीय मंत्री ने बताया कि तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों ने माना कि जम्मू के कई इलाकों में बड़ी संख्या में रोहिंग्या शरणार्थी रहते हैं।  रोहिंग्या शरणार्थियों के निर्वासन की योजना पर बात करते हुए जीतेंद्र सिंह ने कहा कि इस बारे में केंद्र में मामला विचाराधीन है।  उन्होंने बताया कि जम्मू में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों की सूची तैयार की जा रही है।  जीतेन्द्र सिंह का कहना था कि अगर जरूरत हुई तो बॉयोमेट्रिक पहचानपत्र दिए जाएंगे क्योंकि सीएए रोहिंग्या को किसी भी तरह का कोई भी लाभ प्रदान नहीं करता।  केंद्रीय मंत्री जीतेन्द्र सिंह ने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थी न तो उन 6 धार्मिक अल्पसंख्यकों से संबन्धित नहीं हैं जिन्हें नए क़ानून के तहत नागरिकता दी जाएगी और न ही उन 3 पड़ोसी देशों में से हैं जिन्हें नागरिकता देने का प्रावधान है।  उन्होंने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थी म्यांमार से यहां आए हैं इसलिए उन्हें वापस जाना ही होगा।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार जम्मू और सांबा जिलों में 13700 से अधिक रोहिंग्या मुसलमान बसे हुए हैं।  सन 2008 से 2016 के बीच उनकी जनसंख्या 6000 से अधिक हो गई है।  ज्ञात रहे कि 11 दिसंबर 2019 को भारतीय संसद में पारित किए गए नागरिता संशोधन कानून के विरोध में भारत में व्यापक स्तर पर प्रदर्शन किये जा रहे हैं।  केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी, जम्मू और कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी, विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ रोहिंग्याओं को भारत से बाहर निकालने की मांग करते आ रहे हैं।