भारत के विश्व विख्यात धर्मगुरू स्वर्गीय क़ल्बे सादिक़ किए गए याद
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रविवार को लखनऊ के ग़ुफ़रानमाब इमामबाड़े में भारत के विख्यात धर्मगुरू डाक्टर मौलाना कल्बे सादिक़ नक़वी के लिए एक मजलिस का आयोजन किया गया।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Feb २८, २०२१ २३:०३ Asia/Kolkata
  • भारत के विश्व विख्यात धर्मगुरू स्वर्गीय क़ल्बे सादिक़ किए गए याद

रविवार को लखनऊ के ग़ुफ़रानमाब इमामबाड़े में भारत के विख्यात धर्मगुरू डाक्टर मौलाना कल्बे सादिक़ नक़वी के लिए एक मजलिस का आयोजन किया गया।

पदमश्री से सम्मानित स्वर्गीय मौलाना कल्बे सादिक़ के लिए आयोजित इस मजलिस का आरंभ पवित्र क़ुरआन की तिलावत से किया गया।  इस मजलिस को भारत के वरिष्ठ शिया धर्मगुरू मौलाना कल्बे जवाद नक़वी ने संबोधित किया। इमामे जुमा लखनऊ कल्बे जवाद नक़वी ने कहा कि इंसान की सबसे बड़ी दौलत उसका ज्ञान होती है जो उसे उसके मरने के बाद भी ज़िंदा रखती है। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय डॉक्टर कल्बे सादिक़ ने शिक्षा के क्षेत्र में जो काम किया है उसने उन्हें अमर कर दिया है और अब जब तक यह दुनिया रहेगी उनका नाम बाक़ी रहेगा।

अपने संबोधन में मौलाना कल्बे जवाद ने स्वर्गीय मौलाना कल्बे सादिक़ नक़वी की ज़िन्दगी और उनकी सेवाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि स्वर्गीय मौलाना कल्बे सादिक़ को ज्ञान से बहुत लगाव था।  यही कारण है कि उन्होंने अपने पूरा जीवन ज्ञान के प्रचार-प्रसार में गुज़ारा।  वे अपने जीवन के अन्तिम समय तक ज्ञान का प्रचार और जनसेवा करते रहे। मजलिसे ओलमाए हिन्द के महासचिव ने कहा कि स्वर्गीय डॉक्टर कल्बे सादिक़ ने शिक्षा के साथ-साथ एकता के लिए भी काम किया है। उन्होंने कहा कि वह हमेशा आपसी भाईचारे और एकता पर ज़ोल देते थे। ग़ौरतलब रहे कि, रविवार 28 फरवरी 2021 को ग़ुफ़रानमाब इमामबाड़े में आयोजित इस मजलिस में बहुत बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया जिनमें धर्मगुरू और बुद्धिजीवी के साथ साथ बड़ी संख्या में आम लोगों ने भाग लिया। (RZ)

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