ईरान के नए राष्ट्रपति के बारे में अधिक जानिए
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ईरान में 18 जून को 13वें राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान हुआ। मतगणना के शुरूआती आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक़, सैय्यद इब्राहीम रईसी सबसे ज़्यादा 62.23 मत हासिल करके आठवें राष्ट्रपति बन गए हैं।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Jun १९, २०२१ १५:५८ Asia/Kolkata
  • ईरान के नए राष्ट्रपति के बारे में अधिक जानिए

ईरान में 18 जून को 13वें राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान हुआ। मतगणना के शुरूआती आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक़, सैय्यद इब्राहीम रईसी सबसे ज़्यादा 62.23 मत हासिल करके आठवें राष्ट्रपति बन गए हैं।

60 वर्षीय धर्मगुरु हुज्जतुल इस्लाम इब्राहीम रईसी का जन्म 1960 में मशहद में हुआ था। उन्होंने शुरूआती तालीम मशहद स्थित जवादिया स्कूल में हासिल की और उसके बाद धार्मिक शिक्षा के लिए नव्वाब मदरसे में दाख़िला लिया। 1975 में उच्च धार्मिक शिक्षा हासिल करने के लिए उन्होंने क़ुम के धार्मिक शिक्षा केन्द्र का रुख़ किया।

रईसी ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई के शिष्यों में से हैं।  

उन्होंने ईरान के पूर्व शाही शासन के ख़िलाफ़ होने वाली इस्लामी क्रांति के आंदोलन में भाग लिया और इमाम ख़ुमैनी के नेतृत्व में सफल होने वाली क्रांति के बाद, विभिन्न सामाजिक व सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लिया।

1980 में करज शहर में उनकी पब्लिक प्रासीक्यूटर के सहायक के रूप में नियुक्ति हुई और थोड़े ही समय बाद वे प्रासीक्यूटर बन गए। उनकी कुशल कार्यशैली और सक्रियता की वजह से उन्हें हमदान शहर के अटॉर्नी का भी चार्ज सौंप दिया गया। 1982 से तीन साल के लिए वे हमदान प्रांत के अटॉर्नी के पद पर रहे।

1983 में मशहद के वर्तमान इमामे जुमा आयतुल्लाह अलमुल हुदा की बेटी जमीला सादात से उनका विवाह हुआ। उनकी दो बेटियां हैं।

1986 में रईसी तेहरान के सहायक प्रासीक्यूटर नियुक्त हुए। 1990 में वे तेहरान के प्रासीक्यूटर बन गए और पांच साल तक इस पद पर रहे। 1995 में उन्हें पूरे देश की निरीक्षण संस्था का प्रमुख बना दिया गया और 10 साल तक उन्होंने यह ज़िम्मेदारी संभाली।

2004 में वे न्यायपालिका के पहले डिप्टी चीफ़ नियुक्त हुए। 2014 में एक साल के लिए ईरान के अटॉर्नी जनरल के पद पर रहे। 2015 में सुप्रीम लीडर ने उन्हें अपनी सीधे आदेश से मशहद स्थित इमाम रज़ा (अ) के रौज़े का मुतवल्ली नियुक्त किया।

2006 में ख़ुरासाने जुनूबी प्रांत से वे वरिष्ठ नेता का चयन करने वाली विशेषज्ञों की असेम्बली के सदस्य चुने गए।

2017 में रईसी ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ा, लेकिन राष्ट्रपति हसन रूहानी के मुक़ाबले में वह चुनाव हार गए। उसके बाद सुप्रीम लीडर ने उन्हें न्यायपालिका प्रमुख नियुक्त किया, जिस पद पर वे आज तक अपनी ज़िम्मेदारियां अंजाम दे रहे हैं। msm