किस चीज़ में हर समाज और देश का विकास नीहित है?
(last modified Tue, 11 Jan 2022 10:27:40 GMT )
Jan ११, २०२२ १५:५७ Asia/Kolkata

ईरान के विदेशमंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान कई उद्देश्यों से क़तर और ओमान की यात्रा पर हैं।

विदेशमंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ सबसे पहले ओमान की यात्रा पर गये जहां से वह क़तर की राजधानी दोहा जायेंगे।

यह यात्रा ऐसी स्थिति में अंजाम पा रही है जब वियना में ईरान के खिलाफ ग़ैर कानूनी और अत्याचारपूर्ण प्रतिबंधों को समाप्त करने के लिए वार्ता हो रही है और दबावों के बावजूद इस वार्ता में प्रगति होने के समाचार हैं।

अभी हाल ही में तुर्कमनिस्तान और ताजिकिस्तान सहित ईरान के पड़ोसी देशों ने ईरानी अधिकारियों से विचार- विमर्श किया है। इसी प्रकार फार्स की खाड़ी के देशों ने संदेश भेजकर ईरान से अपने संबंधों को मज़बूत बनाये जान का आह्वान किया है।

इसी परिप्रेक्ष्य में ईरान और सऊदी अधिकारियों के बीच विचारों का आदान - प्रदान हुआ है और दोनों देशों के बीच मौजूद भ्रांतियां काफी सीमा तक दूर हो गयी हैं।

ईरानी विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता सईद ख़तीबज़ादे ने सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेन्स में कहा कि इराक की मेज़बानी में ईरान और सऊदी अरब के बीच वार्ता का पांचवां दौर होने वाला है और दोनों देशों के बीच मतभेद के विषयों के होने के बावजूद स्थाई संबंधों के लिए प्रयास जारी रहेंगे।

इस बात में कोई संदेह नहीं है कि क्षेत्र से बाहर के तत्व इस बात को बिल्कुल पसंद नहीं करते हैं कि पड़ोसी देशों के साथ ईरान के संबंध मधुर और घनिष्ठ हों। यही नहीं न केवल यह कि पसंद नहीं करते हैं कि पड़ोसी देशों के साथ ईरान के संबंध अच्छे हों बल्कि इन संबंधों को अधिक से अधिक तनावग्रस्त बनाने के लिए प्रयास भी करते रहते हैं। अमेरिका और इस्राईल की नीति क्षेत्रीय देशों को ईरान से डराना और क्षेत्रीय व पड़ोसी देशों से ईरान के मतभेदों को हवा देना है।

इस कार्य से अमेरिका और इस्राईल का एक लक्ष्य हथियार बेचने की मंडी को रौनक प्रदान करना है।

सीधी सी बात है कि इस्लामी गणतंत्र ईरान समस्त विशेषकर क्षेत्रीय और पड़ीसी देशों के साथ अच्छे संबंधों का इच्छुक है। ईरान के विदेशमंत्री की ओमान और क़तर यात्रा को इसी प्ररिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है।

बहुत से मामलों में ईरान, कतर और ओमान के दृष्टिकोण एक दूसरे से बहुत निकट हैं। परमाणु समझौते के बारे में भी क़तर और ओमान के दृष्टिकोण अब तक समान रहे हैं और दोनों देशों के अधिकारियों ने ईरानी अधिकारियों से भेंटवार्ता में समस्त पक्षों द्वारा परमाणु समझौते पर अमल करने का आह्वान किया है।

ईरान और ओमान के संबंध दिन- प्रतिदिन घनिष्ठ हो रहे हैं। दोनों देशों के अधिकारियों ने सदैव द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों के बारे में विचारों का आदान- प्रदान किया है। ओमान नरेश के सहायक व सलाहकार फहद बिन आले सईद के वक्तव्यों को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है।

बहरहाल ईरानी विदेशमंत्री की ओमान और क़तर यात्रा से न केवल इन्हीं देखों को लाभ पहुंचेगा बल्कि इसका लाभ और सकारात्मक संदेश पूरे क्षेत्र को जायेगा और शांति व सुरक्षा वह चीज़ है जिसमें हर व्यक्ति, समाज और देश का विकास नीहित है। MM

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