Apr २९, २०२२ १७:०८ Asia/Kolkata

राष्ट्रपति ने कहा है कि सरकारी आतंकवाद, सिस्टेमैटिक तरीक़े से मानवाधिकार का हनन, लोगों के खिलाफ प्रतिबंधित हथियारों का इस्तेमाल, कुद्स, जार्डन नदी के पश्चिमी किनारे के लोगों के विरुद्ध दबावों में वृद्धि और मस्जिदुल अक्सा के अनादर ने जायोनी शासन की सुरक्षा को टिकाऊ बनाने में कोई सहायता नहीं की है।

राष्ट्रपति ने गुरूवार को इस्लामी देशों के राजदूतों, प्रतिनिधियों और इस्लामी समुदाय के कुछ परिवारों व परिजनों से मुलाकात में कहा कि विश्व में जहां मुसलमानों की जनसंख्या बढ़ रही है वहीं जवानों में इस्लामी शिक्षाओं के प्रति कटिबद्ध रहने का रुझहान भी बढ़ रहा है और यह इस्लामी सभ्यता के नये दौर की शुभ सूचना दे रहा है जबकि पश्चिम की लिबरल डेमोक्रेसी ने खुद पश्चिम में अपना विदित आकर्षण खो दिया है और पश्चिमी समाजों के अंदर का जो अतिवादी राष्ट्रवाद है वह इसे चुनौती दे रहा है और यह वह चीज़ है जिसे स्वंय पश्चिमी स्वीकार रहे हैं।

राष्ट्रपति सैयद मोहम्मद इब्राहीम रईसी ने मुसलमानों के मध्य एकता पर बल देते हुए कहा कि इस स्थिति और हालात में मुसलमानों के मध्य एकता की ज़रूरत है और मुसलमानों के मध्य मतभेद से इस्लामी राष्ट्र के एक होने को कोई नुकसान नहीं पहुंचना चाहिये। इसी प्रकार राष्ट्रपति ने कहा कि इस समय तकफीरी, इस्लामी समुदाय के दुश्मनों के सैनिक बन गये हैं और वर्चस्ववादियों के हितों के परिप्रेक्ष्य में विभिन्न इस्लामी क्षेत्रों में मुसलमानों की हत्या कर रहे हैं।

राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी ने कहा कि अफगानिस्तान के मज़लूम लोग वर्षों से युद्ध, असुरक्षा और बेघर होने की समस्या का सामना रहे हैं और इस्लामी गणतंत्र ईरान चालिस साल से अधिक समय से बेघर हो जाने वाले अफगान शरणार्थियों की मेज़बानी कर रहा है। इसी प्रकार उन्होंने कहा कि लड़ाई खत्म हो जाने से उम्मीद की जा रही थी कि अब सुरक्षा स्थापित हो जायेगी, जनकल्याण  होगा और अफगान लड़कों और लड़कियों की शिक्षा बहाल हो जायेगी परंतु खेद के साथ कहना पड़ता है कि विदेशियों के दिशा- निर्देशन में हम तकफीरी हमलों व कार्यवाहियों के साक्षी हैं जो इस बार इस्लामी जगत के दूसरे क्षेत्र में युद्ध की आग भड़काने की कोशिश में हैं। इसी कारण इस्लामी गणतंत्र ईरान सदैव अफगानिस्तान में व्यापक सरकार के गठन पर बल देता है ताकि अफगानी राष्ट्र के दुश्मन कम से कम इस राष्ट्र का दुरुपयोग कर सकें और वर्षों की पीड़ा व समस्या के बाद अफगानिस्तान में शांति स्थापित हो।

राष्ट्रपति ने तकफीरी आतंकवाद से मुकाबले में इस्लामी गणतंत्र ईरान के सराहनीय प्रयासों की ओर संकेत किया और कहा कि अगर शहीद जनरल कासिम सुलैमानी और अबू मेहदी अलमोन्दिस जैसे इस्लामी जगत के महान योद्धा व नायक न होते तो आज बहुत से देशों व इलाकों में दाइश की सरकार होती और ईरान इस्लामी देशों की ओर सहयोग व सहकारिता का हाथ बढ़ा रहा है ताकि और मज़बूती के साथ तकफीरी आतंकवादियों का मुकाबला किया जा सका। राष्ट्रपति ने जायोनी शासन को पूरे क्षेत्र की सुरक्षा और इस्लामी जगत की पहचान के लिए खतरा बताया और कहा कि जायोनी शासन से संबंधों का सामान्य बनाना आस्तिन में सांप पालने जैसा है। MM 

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