ईरान की बड़ी कार्यवाही, आईएईए के कैमरों को किया बंद, लगाई शर्त
ईरान की परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख ने कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) द्वारा लगाए गए निगरानी कैमरे वर्ष 2015 में हुए परमाणु समझौते की बहाली तक बंद रहेंगे।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, ईरान के परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख मोहम्मद इस्लामी ने अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के प्रमुख राफेल ग्रोसी के हालिया बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि 2015 के परमाणु समझौते की बहाली तक, ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों में आईएईए के लगे हुए निगरानी कैमरों को बंद किया जा रहा है। मोहम्मद इस्लामी ने कहा कि तेहरान लगातार अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के साथ सहयोग करता आ रहा है, जिसका सबूत स्वयं आईएईए की रिपोर्टों के ज़रिए सामने है। लेकिन उसके बावजूद थोड़े-थोड़ समय में आईएईए के अधिकारियों द्वारा मनगढ़ंत दावे किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि ईरान पर लगे आरोपों का सिलसिला रुकना चाहिए, अगर आरोपों का यह सिलसिला जारी रहा तो इन कैमरों की ज़रूरत पूरी तरह ख़त्म हो जाएगी।
इससे पहले, अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख ने जून में संयुक्त राष्ट्र को यह सूचना दी थी कि एजेंसी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में पश्चिमी देशों द्वारा पेश किए गए एक प्रस्ताव के बाद 27 निगरानी कैमरों को बंद किया जा रहा है। ईरान के परमाणु कार्यक्रम के संबंध में उठाए जाने वाले प्रश्नों का जवाब देते हुए मोहम्मद इस्लामी ने कहा कि आईएईए द्वारा जारी की गई गाइडलाइनों के विपरीत जाकर तेहरान ने कभी भी यूरेनियम संवर्धन नहीं किया है और इस तरह के आरोप निराधार हैं। इस बीच ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनआनी ने ग्रोसी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि ईरान कई वर्षों से आईएईए और एनपीटी का सदस्य रहा है और हमने अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी के प्रतिनिधियों को अपने प्रतिष्ठानों का निरीक्षण करने की अनुमति दे रखी है, लेकिन खेद के साथ यह कहना पड़ रहा है कि आईएईए के प्रमुख राफेल ग्रोसी ने ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम को लेकर पक्षपात से काम लिया है। (RZ)
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