परमाणु समझौता एक क़दम दूर, अमेरिका कशमकश में, इस्राईल की बढ़ी धड़कनें!
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ईरान की परमाणु वार्ताकार टीम ने कहा है कि यह तो हम अभी नहीं कह सकते कि समझौता हो जाएगा, लेकिन निश्चित रूप से हम एक समझौते के क़रीब हैं।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Aug १६, २०२२ ११:०० Asia/Kolkata
  • परमाणु समझौता एक क़दम दूर, अमेरिका कशमकश में, इस्राईल की बढ़ी धड़कनें!

ईरान की परमाणु वार्ताकार टीम ने कहा है कि यह तो हम अभी नहीं कह सकते कि समझौता हो जाएगा, लेकिन निश्चित रूप से हम एक समझौते के क़रीब हैं।

समाचार एजेंसी इर्ना की रिपोर्ट के मुताबिक़, ईरान ने यूरोप के प्रस्तावित मसौदे के जवाब में कहा है कि अगर अमेरिका यथार्थवाद और लचीलापन दिखाता है तो एक समझौता संभव है। बता दें कि इस्लामी गणतंत्र ईरान ने यूरोप द्वारा प्रस्तुत परमाणु वार्ता के प्रस्तावित मसौदे के जवाब में अपनी प्रतिक्रिया और प्रस्ताव लिखित रूप में पेश कर दिया है। ईरान की वार्ताकार टीम के बयानों से यह समझा जा सकता है कि तीन मुद्दे हैं जिन पर मतभेद हैं और इन तीनों में से दो के संबंध में अमेरिकी पक्ष ने अपना मौखिक लचीलापन दिखाया है, लेकिन उसे समझौते के मसौदे में जोड़ने की अभी ज़रूरत है। तीसरा विषय व्यापक परमाणु समझौते के स्थायी क्रियान्वयन की गारंटी है, जिसमें अमेरिका को अपना दृढ़ संकल्प दिखाना है।

ईरान के वार्ता प्रतिनिधिमंडल के सलाहकार मोहम्मद मरंदी

इन तीन मुद्दों पर सोमवार को ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक में चर्चा की गई  और अंत में, ईरान ने वार्ता के समन्वयक के रूप में कार्य कर रहे यूरोप को अपनी स्थिति के बारे में लिखित तौर पर सूचित कर दिया। ईरान के वार्ता प्रतिनिधिमंडल के सलाहकार मोहम्मद मरंदी ने एक ट्वीट में लिखा है कि ईरान ने दूसरे पक्षों को अपनी चिंता से अवगत करा दिया है, लेकिन बाक़ी मुद्दों को सुलझाना कोई आसान काम नहीं है। उन्होंने कहा कि ईरान की चिंता का मुख्य कारण व्यापक परमाणु समझौते के संबंध में पश्चिम द्वारा की गई वादा ख़िलाफ़ी है। मरंदी ने आगे कहा कि मैं अभी यह नहीं कह सकता कि समझौता हो जाएगा, लेकिन यह तय है कि हम पहले की तुलना में अब समझौते पर पहुंचने के क़रीब हैं। ग़ौरतलब है कि ईरान पर लगाए गए अवैध प्रतिबंधों को समाप्त करने के उद्देश्य से बातचीत का सिलसिला रुक-रुक कर चल रहा है। लेकिन अब तक अमेरिका की जो बाइडन सरकार की ओर से कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं होने के कारण वह किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाया है। (RZ)

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