इस्लामी जगत में अद्वितीय है अहलेबैत की लोकप्रियताः वरिष्ठ नेता
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने "विश्व अहलेबैत परिषद" के सम्मेलन मेंं भाग लेने वाले धर्मगुरूओं और बुद्धिजीवियों के साथ मुलाक़ात की।
विश्व अहलेबैत परिषद के सातवें सम्मेलन मेंं भाग लेने वालों को संबोधित करते हुए इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान ने "अहलेबैत" अर्थात पैग़म्बरे इस्लाम (स) के पवित्र परिजनों से प्रेरणा लेते हुए सात सिर वाले घमण्डी ड्रैगन को पीछे ढकेलते हुए प्रगति की है।
बुधवार को तेहरान में आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने पूरे विश्व में अहलेबैत की लोकप्रियता और उनके महत्व को अद्वितीय बताया। उन्होंने कहा कि वर्चस्ववादी व्यवस्था के मुक़ाबले में अहलेबैत के ध्वजवाहक के रूप में इस्लामी गणतंत्र ईरान का यह मानना है कि इस्लामी जगत में धार्मिक, राष्ट्रीय, पंथीय या जातिवादी आधार पर विभाजित करने वाली कोई भी रेखा नहीं है। वरिष्ठ नेता का कहना था कि वर्चस्ववादी मोर्चे और इस्लाम के बीच वास्तविक सीमारेखा है।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि वर्तमान समय में इस्लामी गणतंत्र ईरान ने एक आदर्श और वास्तविकता के रूप में हर प्रकार की शत्रुता और आक्रमणों का सामना करते हुए ताज़ा पौधे को सशक्त वृक्ष के रूप में बदल दिया। उन्होंने कहा कि आदर्श से तातपर्य स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी के सिद्धातों का पालन करना है। वे वर्चस्ववादियों के मुक़ाबले में राष्ट्रों को प्रतिरोध के लिए प्रेरित करने वाले काम को वर्चस्ववाद से दुश्मनी का कारण बताते हैं।
वरिष्ठ नेता ने कहा कि विभिन्न देशों में अमरीका की षडयंत्रकारी योजनाओं को प्रभावहीन बनाने, जिसका एक उदाहरण दाइश है, के कारण ईरानोफ़ोबिया और शिया फ़ोबिया के प्रचार एवं प्रसार के साथ ईरान पर अन्य देशों में हस्तक्षेप करने का भी आरोप लगाया जा रहा है।
आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान किसी भी देश में हस्तक्षेप नहीं करता। उनका कहना था कि यह सब इस्लामी शासन व्यवस्था की प्रगति को रोकने में अक्षम रहने के कारण वर्चवस्ववादियों के निराधार आरोप हैं।
उन्होंने कहा कि वर्चस्ववादियों के षडयंत्रों के मुक़ाबले में सबको होशियार रहते हुए उनके साथ सहयोग नहीं करना चाहिए। इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहा कि शियों और सुन्नियों के बीच मतभेद फैलाने, अरब और अजम का मुद्दा उठाने, शियों के बीच मतभेद फैलाने, सुन्नियों को आपस में लड़वाने जैसे कामों को वर्तमान में कुछ देशों में देखा जा सकता है।
वरिष्ठ नेता का कहना है कि यह काम बड़े शैतान अर्थात अमरीकी षडयंत्र का हिस्सा हैं जिसके मुक़ाबले में बहुत ही होशियार रहने की ज़रूरत है। वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस्लामी जगत का भविष्य उज्जवल है जिसमे शिया मुसलमान, महान भूमिका निभा सकते हैं।
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