ईरान के ख़िलाफ़ अमेरिका और ब्रिटेन की बड़ी साज़िश, गिरफ़्तार किए गए दंगाईयों ने खोली पोल
ईरान के गृह मंत्रालय ने कहा कि देश में हुए हालिया दंगों और गड़बड़ी के लिए सीधे तौर पर अमेरिका और ब्रिटेन ज़िम्मेदार हैं। गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि पिछले कुछ दिनों के दंगों के दौरान इस्राईली और इस्लामी क्रांति के विरोधी कुछ गुटों के कई आतंकवादियों को गिरफ़्तार किया गया है, जिसमें यह बात सामने आई है कि सीधे तौर पर अमेरिका और ब्रिटेन ईरान को अशांत बनाने की साज़िश रच रहे हैं।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, इस्लामी गणराज्य ईरान के गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी करके हालिया दिनों में देश में होने वाले दंगों के दौरान पर्दे के पीछे की कुछ घटनाओं को उजागर किया है। बता दें कि 22 वर्षीय लड़की महसा अमीनी द्वारा क़ानून का उल्लंघन करने, सुरक्षा हिरासत में बीमार पड़ने और बाद में इलाज के दौरान उसकी मृत्यु के बाद, झूठी ख़बरों को फैलाने के बाद महसी अमीनी की मौत के बहाने ईरान के कई शहरों में दंगे भड़काए गए। इस दौरान पेड दंगाइयों द्वारा सार्वजनिक और निजी प्रतिष्ठानों, पुलिस कारों और एम्बुलेंस पर हमला किया गया। इस दौरान जब पुलिस ने दंगाईयों की पहचान करके उन्हें गिरफ़्तार करना आरंभ किया तो पकड़े गए दंगाईयों ने जांच के दौरान कुछ हैरान करने वाले राज़ खोले हैं। इस बीच ईरान के गृह मंत्रालय के बयान के अनुसार, कुछ विदेशी नागरिकों के साथ-साथ कुछ अन्य आतंकी गुटों के आतंकवादी, जिनमें मुनाफ़ेक़ीने ख़ल्क़ नामक आतंकवादी गुट के आतंकवादी भी शामिल है, उन्होंने पश्चिमी देशों के इशारे पर इन दंगों को भड़काने का काम किया है।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है कि हाल के दिनों में हुए दंगों में देश की सुरक्षा एजेंसियों के हाथ ऐसे सबूत लगे हैं जो यह पूरी तरह स्पष्ट कर देते हैं कि हालिया दंगों में इस्राईल समर्थित आतंकी गुटों के साथ-साथ विदेशी ख़ुफ़िया एजेंसियों के एजेंट, अमेरिकी और ब्रिटिश सरकारों के पेड दंगाई और साथ ही सऊदी अरब के पैसों से चलने वाले चैनलों और सोशल मीडिया एकाउंटों की मुख्य भूमिका रही है। बता दें कि अब तक आतंकवादी गुट मुनाफ़ेक़ीने ख़ल्क़ के 49 आतंकवादियों को दंगा भड़काने में सीधे तौर पर शामिल होने के आरोप में हिरासत में लिया जा चुका है। इसी तरह एक अन्य तकफ़ीरी आतंकी गुट के पांच आतंकियों को 36 किलो विस्फोटक पदार्थ के साथ गिरफ़्तार किया गया है। पकड़े गए आतंकियों ने पूछताछ में इस बात को स्वीकार किया है कि वह विस्फोटक पदार्थों को सार्वजनिक स्थानों पर धमाके के लिए इस्तेमाल करने वाले थे। इसके अलावा ईरान के पूर्व तानाशाह पहलवी शासन के समर्थक 92 एजेंटों को भी गिरफ़्तार किया गया है। जिनकी हालिया दंगों में प्रमुख भूमिका रही है। ईरान के गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि हिरासत में लिए गए विदेशी नागरिकों में जर्मनी, पोलैंड, इटली, फ्रांस, नीदरलैंड और स्वीडन के नौ नागरिक शामिल हैं। (RZ)
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