पार्स टूडे- सन 1880 और 1920 के बीच, भारत में ब्रिटेन की साम्राज्यवादी नीतियों के कारण मारे गये लोगों की संख्या,सोवियत संघ, माओवादी चीन और उत्तरी कोरिया में अकाल से मारे गए लोगों की कुल संख्या से अधिक हो गयी।
पार्सटुडेः इस्राईल के ख़िलाफ़ ईरान के जवाब हमले की समाप्ति के बाद सैन्य विश्लेषकों ने इस युद्ध के आयामों और उसके नतीजों पर रोशनी डाली है।
पार्सटुडे- ब्रिटेन के पूर्व विदेशमंत्री डेविड मिलिबैंड ने कहा है कि ब्रिक्स के बाद ब्रिटेन का प्रभाव खत्म हो गया है और वह केवल विश्व की दसियों मिडियम शक्तियों में से एक हो गया है।
जापान ने ईरान के प्रतिरक्षा के अधिकार के प्रयोग की निंदा की है।
पार्स टुडे- दुनिया तब तक चैन की सांस नहीं ले पाएगी जब तब साम्राज्यवादी क़ब्ज़ों की कहानी ख़त्म नहीं हो जाती। इस संदर्भ में ज़रूरी है कि मालवीनास, दक्षिणी जार्जियस और दक्षिणी सैंडविच आईलैंड्स इसी तरह उनके आस पास के समुद्री इलाक़ों को अर्जेंटीना का अटूट हिस्सा मानते हुए इस देश की अखंडता पर दुनिया के देश ज़ोर दें।
पार्सटुडे- जापान और ईरान के संबन्ध विच्छेद होने की ऐतिहासिक घटना में तेहरान में ब्रिटेन के दूतावास की मुख्य भूमिका रही।
ब्रितानी पत्रकार रिचर्ड मेधर्स्ट ने एक ट्वीट में ग़ज्जा में जायोनी सरकार के अपराधों के संबंध में पश्चिमी राजनेता के दोहरे मापदंड की आलोचना की है।
अब्दुल मलिक अलहूसी कहते हैं कि अगला साल, यमन की सेना की ओर से वर्चस्ववादियों के विरुद्ध चमत्कार का साल होगा
चीन में प्राचीन काल से ही अफ़ीम का उपयोग दवाओं के रूप में किया जाता रहा है।
अमरीका, फ्रांस और जर्मनी की ओर से पश्चिमी एशिया के लिए हथियारों के निर्यात में वृद्धि हो गई है।