तीनो द्वीप ईरान का अटूट अंग थे, हैं और रहेंगेः आयतुल्लाह ख़ातेमी
तेहरान के इमामे जुमा ने तीनो द्वीपों को ईरान का अटूट अंग बताते हुए कहा कि इस बारे में निर्णायक व्यवहार करेंगे।
आयतुल्लाह सैयद अहमद ख़ातेमी ने जुमे के ख़ुत्मे में फ़ार्स खाड़ी में स्थित तीन द्वीपों तुंबे कूचक, तुंबे बुज़ुर्ग और अबूमूसा को ईरान का अटूट अंग बताते हुए चीन के राष्ट्रपति की सऊदी अरब की यात्रा और इन तीन द्वीपों के बारे में उनके अनुचति बयान का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि ईरान की संप्रभुता के बारे में हम किसी से कोई कोई सौदा नहीं करते और इस बारे में हम निर्णायक रूप में व्यवहार करेंगे।
महिलाओं से जुड़ें संयुक्त राष्ट्रसंघ के वैश्विक निकाय से ईरान की सदस्यता को रद्द कराए जाने के बारे में अमरीकी प्रयासों की ओर संकेत करते हुए आयतुल्लाह ख़ातेमी ने कहा कि यह भी अमरीका की काली करतूत का हिस्सा है। इस प्रकार के कामों के कारण लोगों में उसके विरुद्ध घृणा पाई जाती है।
उन्होंने महिलाओं के महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान में महिलाओं को अधिक सम्मान दिया जाता है। वास्तविक आज़ादी यहां पर है। उन्होंने कहा कि अमरीका आपसे जिस आज़ादी की बात करता है वह वास्तव में ग़ुलामी है आज़ादी नहीं। अमरीका वास्तव में बिना पहचान वाली गु़लाम महिला चाहता है। केवल इस्लामी व्यवस्था में ही महिलाओं के लिए सम्मानीय जीवन उपलब्ध है।
आयतुल्लाह सैयद अहमद ख़ातेमी ने यूरोपीय संघ के काले करतूतों की ओर संकेत करते हुए कहा कि पिछले एक दशक से यह संघ, अमरीकी उपनिवेश के रूप में काम करना आ रहा है। अमरीका जो भी कहता है वह उसको करने लगता है। उन्होंने कहा कि जो अत्याचारी अवैध ज़ायोनी शासन का समर्थन करता हो वह मानवाधिकारों के हनन कर्ताओं की सूचि में सबसे ऊपर है।
उल्लेखनीय है कि ईरानी विदेश मंत्रालय की ओर से तीन ईरानी द्वीपों के संबंध में पहले ही कहा जा चुका हैं कि फ़ार्स की खाड़ी में स्थित तीनों द्वीप तुंबे कूचक, तुंबे बुज़ुर्ग और अबूमूसा हमेशा से ही ईरान के थे और हमेशा ईरान के ही रहेंगे।
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