आईएईए के बर्ताव की ईरान ने कड़ी आलोचना की, बताई इसकी वजह
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ईरान की परमाणु ऊर्जा संस्था के प्रमुख ने तेहरान की शांतिपूर्ण परमाणु गतिविधियों के संबंध में आईएईए के महानिदेशक के ग़ैर पेशेवराना व्यवहार की कड़ी आलोचना की है।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Feb ०५, २०२३ ०८:२६ Asia/Kolkata
  • आईएईए के बर्ताव की ईरान ने कड़ी आलोचना की, बताई इसकी वजह

ईरान की परमाणु ऊर्जा संस्था के प्रमुख ने तेहरान की शांतिपूर्ण परमाणु गतिविधियों के संबंध में आईएईए के महानिदेशक के ग़ैर पेशेवराना व्यवहार की कड़ी आलोचना की है।

ईरान के परमाणु ऊर्जा एजेन्सी के प्रमुख मोहम्मद इस्लामी ने ईरानी टीवी चैनल पर कहा कि अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रतिनिधि ने ईरान की परमाणु सुविधाओं का निरीक्षण करने के बाद तथ्यों से रहित एक रिपोर्ट पेश की और आईएईए के प्रमुख ने इसे तुरंत मीडिया में प्रसारित करने का भी फ़ैसला किया जबकि उनका बर्ताव पूरी तरह से ग़ैर पेशेवराना है।

ईरान की परमाणु संस्था के प्रमुख मोहम्मद इस्लामी ने कहा कि ईरान के पास दुनिया की परमाणु क्षमता का केवल तीन प्रतिशत है जबकि उसकी परमाणु सुविधाओं की निरीक्षण प्रक्रिया पच्चीस प्रतिशत के बराबर है और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस तरह की कोई भी घटना, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम में कोई दिशाभेद देखा गया है।

ईरान की परमाणु ऊर्जा संस्था के प्रमुख ने कहा कि आईएई का कर्तव्य, सदस्य देशों को शांतिपूर्ण तकनीक प्रदान करना और इस संबंध में अपने पूर्ण समर्थन की घोषणा करना है लेकिन ईरान के मामले में आईएईए, राजनीतिक कार्रवाई से प्रेरित व्यवहार अपनाता है और वह वह भी सिर्फ़ दुश्मनी के कारण है।

उन्होंने कहा कि पश्चिम नहीं चाहता कि ईरान की शांतिपूर्ण परमाणु तकनीक तक पहुंच हो जबकि जिन केंद्रों के बारे में ईरान पर आरोप लगाए जा रहे हैं, उनके निरीक्षण की प्रक्रिया पिछले बीस वर्षों से चल रही है और इन आरोपों के परिणाम का सबसे बड़ा दस्तावेज़, अंतरराष्ट्रीय परमाणु समझौता रहा है जिसके अनुसार ईरान के ख़िलाफ़ दमनकारी प्रतिबंधों को हटाने और आरोपों को समाप्त करने के बदले में एक सीमित अवधि के लिए अपनी शांतिपूर्ण परमाणु गतिविधियों को सीमित करने पर तेहरान सहमत हुआ है और यूरेनियम संवर्धन को भी कम करेगा ताकि विश्वास बहाली की प्रक्रिया हो सके।

ईरान की परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2231 द्वारा अंतर्राष्ट्रीय परमाणु समझौते की पुष्टि की गई थी और यह निर्णय लिया गया था कि अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी को हर तीन महीने में परमाणु समझौते के अंतर्गत की गयी कार्रवाईयों की रिपोर्ट बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में और हर छह महीने में एक बार संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद को एक रिपोर्ट दी जाती है।

मोहम्मद इस्लामी ने कहा कि सेफ गार्ड प्रक्रिया में कोई समस्या नहीं है लेकिन पश्चिमी देश परमाणु कार्यक्रम के संभावित सैन्य पहलू की समस्या उठाते हैं और इसके बारे में रिपोर्ट तैयार करते हैं जबकि परमाणु तकनीक प्रत्येक देश का विकास और प्रगति है कि जिसकी इस समय हर विकासशील देश को ज़रूरत है। (AK)

 

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