Apr २३, २०२३ १५:१६ Asia/Kolkata

तेहरान के मुसल्ला-ए-इमाम ख़ुमैनी में शनिवार को इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर की इमामत में लाखों लोगों ने ईदुल फ़ित्र की नमाज़ अदा की।

आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने नमाज़े ईद के पहले ख़ुतबे में इस्लामी उम्मत और ईरान के महान राष्ट्र को ईद की मुबारकबाद पेश करते हुए इस साल के रमज़ानुल मुबारक को बहुत अच्छा, मूल्यवान और अल्लाह की रहमतों से मालामाल महीना क़रार दिया और इस महीने में ख़ास तौर पर शबे क़द्र में लोगों की इबादत और ईश्वर से दुआएं मांगने की ओर इशारा करते हुए कहा कि लोगों की इबादत से सुसज्जित मनमोहक रात और जवानों का अल्लाह के दरबार में रोना व गिड़गिड़ाना और दुआएं करना पहले से ज़्यादा स्पष्ट था और ख़ास तौर पर क़ुरआने मजीद की सभाओं में, अंजुमनों में, अध्यात्मिक सभाओं में, यतीमों और ज़रूरतमंदों की मोमिनाना मदद में भागीदारी से इस साल के रमज़ानुल मुबारक की शान में चार चाँद लग गए।

उन्होंने विश्व क़ुद्स दिवस की रैलियों में ईरानी राष्ट्र की शानदार भागीदारी को सराहते हुए कहा कि बड़ी तादाद में लोगों की भागीदारी से निकलने वाली शानदार रैलियां, हक़ीक़त में अल्लाह की कृपा और उसकी ओर से मिलने वाली कृपादृष्टि की निशानी थी।

सुप्रीम लीडर ने रमज़ानुल मुबारक को अल्लाह के अनुसरण और उससे डर के अलावा, जेहाद और संघर्ष का महीना बताया और कहा कि विश्व क़ुद्स दिवस ईरानी राष्ट्र का संघर्ष है जो इस साल अलहम्दो लिल्लाह दूसरे राष्ट्रों की बड़े पैमाने पर भागीदारी के साथ आयोजित हुआ।

इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर नेता ने ईद की नमाज़ के दूसरे ख़ुतबे में इरादे की मज़बूती को रोज़े की विशेषताओं में बताते हुए कहा कि मज़बूत इरादा, मुश्किलों को हल करने और रास्ता खोलने वाला है और अधिकारियों को चाहिए कि इस साधन को तरक़्क़ी व विकास की राह और दिशा में आगे बढ़ने के लिए इस्तेमाल करें जो अल्लाह ने तय की हैं।

आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने देश की मुश्किलों के हल और तरक़्क़ी के लिए सरकार, संसद और न्यायपालिका के बीच सहयोग, समन्वय और आपसी मदद को बहुत अहम और मूल रणनीति क़रार दिया और तीनों पालिकाओं के गठन के बारे में संविधान में तय किए गए फ़्रेमवर्क की ओर इशारा करते हुए कहा कि विधिपालिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका पूरी तरह एक दूसरे से सहयोग करें तो कभी भी किसी काम में गतिरोध पैदा नहीं होगा।

उन्होंने राष्ट्रीय एकता पर इमाम ख़ुमैनी की ओर से हमेशा बल दिए जाने का ज़िक्र करते हुए कहा कि वह सहृदयता और एकता जिसके ज़रिए देश कठिन से कठिन राहों और वादियों से गुज़र गया, उसे बरक़रार रखना और उसे मज़बूत बनाना चाहिए।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि फूट डालना दुश्मन की स्ट्रैटेजी है और दुश्मन कोशिश कर रहा है कि लोग अपनी आस्थाओं और नज़रिये की विविधता की वजह से एक दूसरे से टकरा जाएं लेकिन विभिन्न मुद्दों के बारे में लोगों के विचार अलग होने में कोई बुराई और रुकावट नहीं है मगर इसे फूट व टकराव का कारण नहीं बनना चाहिए बल्कि लोगों और इसी तरह अधिकारियों को एक दूसरे से बदगुमानी में डालने के लिए दुश्मन के बहकावों से बचते हुए आपस में प्यार व मोहब्बत से ज़िन्दगी गुज़ारनी चाहिए।

उन्होंने क्षेत्र में दुश्मन की स्ट्रैटेजी के नाकाम होने की ओर इशारा करते हुए कहा कि दुश्मन ने धोखे, फ़ैक्ट्स में फेरबदल, झूठ, उकसावे, अपमान और राष्ट्र को अपनी क्षमताओं की ओर से बदगुमानीं में उलझाने की नीति अपना रखी है और उसकी चालों, टैक्टिक्स, हथकंडों और कार्यशैली की पहचान में अपटूडेट रहना चाहिए और उन्हें नाकाम बनाना चाहिए।

इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने नमाज़े ईद के ख़ुतबों के आख़िर में बल दिया कि ईरान का बुद्धिमान व प्रतिभावान राष्ट्र, जिसने आज तक अपने दुश्मनों की साज़िश को हमेशा नाकाम बनाया है, अल्लाह की मदद से आगे भी नाकाम बनाता और शिकस्त देता रहेगा। (AK)

 

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