इस्लामी क्रांति से प्रभावित रहा है फ़िलिस्तीनः क़ूदमी
हमास के नेता का कहना है कि ईरान की इस्लामी क्रांति का प्रभाव, फ़िलिस्तीन पर बहुत ही स्पष्ट दिखाई देता है।
ईरान में हमास के प्रतिनिधि ख़ालिद क़दूमी ने कहा कि इस्लामी क्रांति की सफलता के बाद ईरान/फ़िलिस्तीन, इराक़ और सीरिया का दोस्त हो गया जबकि वह अमरीका और इस्राईल का दुश्मन बन गया।
उन्होंने स्वर्गीय इमाम इमाम ख़ुमैनी का वह कथन उद्दरित किया जिसमें उन्होंने कहा था कि ईरान से ज़ायोनी शासन का दूतावास बंद कर दिया जाए और यहां पर फ़िलिस्तीन का दूतावास होना चाहिए।
हमास के नेता का कहना था कि इसके अतिरिक्त स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी ने विश्व क़ुद्स दिवस की घोषणा करके भी फ़िलिस्तीनियों के प्रति इस्लामी गणतंत्र ईरान के समर्थन को दर्शाया। ज्ञात रहे कि फ़िलिस्तीनियों की आकांक्षाओं के समर्थन को इस्ल्मी गणतंत्र ईरान की विदेश नीति में वरीयता प्राप्त है।
ख़ालिद क़दूमी के अनुसार फ़िलिस्तीनी युवा, ज़ायोनी अत्याचारियों के विरुद्ध इस प्रकार से व्यक्तिगत कार्यवाहिंया करते हैं जैसे उन्होंने कोई सैन्य ट्रेनिंग ली है। वे कहते हैं कि एसा कुछ नहीं है बल्कि वे इस काम को अपनी आस्था के भरोसे कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले सत्तर से भी अधिक वर्षों से फ़िलिस्तीन की अत्याचार ग्रस्त जनता के अधिकारों को ज़ायोनियों को रौंदा जा रहा है। इन ज़ायोनी कार्यवाहियों पर विश्व समुदाय की चुप्पी ने इस अवैध शासन को दुस्साहसी बना दिया है।
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