दुश्मन से मुक़ाबले के दो कारक हैं, प्रतिरोध और तक़वाः आयतुल्लाह ख़ातमी
(last modified Fri, 02 Jun 2023 10:49:22 GMT )
Jun ०२, २०२३ १६:१९ Asia/Kolkata
  • दुश्मन से मुक़ाबले के दो कारक हैं, प्रतिरोध और तक़वाः आयतुल्लाह ख़ातमी

तेहरान के इमामे जुमा ने कहा है कि शत्रु से मुक़ाबले के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक कड़ा प्रतिरोध और तक़वा है।

आयतुल्लाह सैयद अहमद ख़ातेमी ने जुमे के ख़ुत्बे में कहा कि प्रतिरोध और ईश्वरीय भय जैसे दो कारकों से शत्रु की कमर तोड़ी जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस्लामी क्रांति की सफलता को अब 44 वर्षों का समय हो रहा है।

आयतुल्ला ख़ातमी ने कहा कि इसी दौरान ईरान ने 8 वर्षों तक कड़ा प्रतिरोध किया जिसके कारण शत्रु, झुकने पर मजबूर हुआ। उन्होंने इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता की ओर से कूटनीतिक आंदोलन के आह्वान की ओर संकेत करते हुए कहा कि हालिया कुछ महीनों के दौरान जो डिप्लोमेसी देखने में आई वह वास्तव में प्रशंसनीय रही। 

तेहरान के इमामे जुमा ने इस्लामी क्रांति के संस्थापक स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी की बरसी के संदर्भ में कहा कि ईरान की इस्लामी शासन व्यवस्था, स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी की धरोहर है।  उनको जनता पर पूरा विश्वास था और यही कारण है कि जनता ने भ्रष्ट सरकार को हटाकर उसके स्थान पर इस्लामी व्यवस्था को जगह दी। 

आयतुल्ला ख़ातमी ने इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने पूरी दूरदर्शिता से स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी के मार्ग पर आगे बढ़ते हुए शत्रुओं के सारे ही षडयंत्रों को विफल बना दिया।

उन्होंने "पंद्रह ख़ुरदाद" की एतिहासिक घटना की ओर संकेत करते हुए कहा कि "विलायत" की रक्षा के लिए यह आनंदोलन अस्तित्व में आया था।  यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटना थी।

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