Oct ०६, २०२३ १७:३२ Asia/Kolkata

इस्लामी गणतंत्र ईरान के संसद सभापति मुहम्मद बाक़र क़ालीबाफ़ द्विपक्षीय संबंधों को विकसित करने के उद्देश्य से दो दिवसीय यात्रा पर गुरुवार को अबू धाबी पहुंचे और उन्होंने संयुक्त अरब इमारात के प्रमुख मोहम्मद बिन ज़ायद आले नहयान से भेंटवार्ता की।

संसद सभापति ने विदेश नीति के क्षेत्र में ईरान की पहली प्राथमिकता के रूप में पड़ोसियों के साथ संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि पड़ोसी देशों विशेषकर फ़ार्स की खाड़ी के देशों साथ स्थाई सुरक्षा की स्थापना तथा आर्थिक व राजनीतिक विकास बहुत ही महत्वपूर्ण है।

1971  में संयुक्त अरब इमारात की स्थापना के बाद से इस्लामी गणतंत्र ईरान और यूएई के बीच राजनीतिक और आर्थिक संबंधों में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं। देखने में यह आता है कि संयुक्त अरब इमारात ने जो मुख्य रूप से राजनीतिक दृष्टिकोण पर आर्थिक निवेश और फ़ायदों को ही प्राथमिकता देता है, ईरान के संबंध में उसी आर्थिक नीति का ही पालन किया है।

संयुक्त अरब अमीरात की संघीय प्रणाली और तेहरान तथा अबू धाबी के बीच आर्थिक परस्पर निर्भरता, वे कारण हैं जिनकी वजह से क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों में मतभेद और ईरान के तीनों द्वीपों के बारे में संयुक्त अरब इमारात के स्वामित्व के दावे और इस्राईल के साथ संबंधों की बहाली के बावजूद दोनों देशों के बीच संबंधों में उतार-चढ़ाव तो दिखे लेकिन कभी भी दोनों देशों के संबंध टूटे नहीं।

दिसम्बर 2015 में रियाज़ द्वारा तेहरान के साथ संबंध तोड़ने के बाद, संयुक्त अरब इमारात ने सऊदी अरब की तरह की नीति अपनाई लेकिन ईरान के साथ अपने राजनीतिक संबंधों को पूरी तरह नहीं तोड़ा और इन संबंधों के स्तर को राजदूत से चार्ज डी एफ़ेयर तक कम करने को ही पर्याप्त समझा।

दरअसल विवादास्पद राजनीतिक और क्षेत्रीय मुद्दों के बावजूद, ईरान और यूएई हमेशा संबंधों को इस तरह से पेश करना चाहते थे ताकि तनाव को बढ़ने से रोका जा सके और दोनों देशों की मौजूदा क्षमताओं विशेषकर व्यापार और आर्थिक क्षेत्र में उपयोग किया जा सके।

ईरान में राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी के सत्ता संभालने के बाद तेहरान और अबू धाबी ने अपने राजनीतिक और आर्थिक संबंधों को बहाल करने के लिए क़दम उठाए।

संयुक्त अरब इमारात के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने अपनी ईरान यात्रा के दौरान राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी को अबू धाबी की यात्रा के लिए आमंत्रित किया और साथ ही संयुक्त अरब इमीरात के विदेश मंत्री ने तेहरान के साथ तनाव कम करने के लिए कदम उठाने की भी बात कही।

संयुक्त अरब इमारात के प्रमुख मुहम्मद बिन ज़ायद बिन सुल्तान आले नहयान ने पिछले वर्ष तेहरान और रियाज़ के बीच हुए हालिया समझौते को क्षेत्रीय देशों के तालमेल और एकता में एक निर्णायक क़दम क़रार दिया था और उम्मीद जताई थी कि ईरान और यूएई के संबंधों में एक नया अध्याय खुलेगा।

इस संबंध में, ईरान और संयुक्त अरब इमारात ने संबंधों को विस्तृत करके राजदूत स्तर तक ले जाने की बात कही और अंततः तेहरान और अबू धाबी ने अपने नए राजदूत एक दूसरे देश में तैनात कर दिए। (AK)

 

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