ज़ायोनी समस्त ग़ज़्ज़ा वासियों का नरसंहार कर देना चाहते हैं" ईरान
विदेशमंत्री ने कहा है कि पश्चिम एशिया में मूल संकट उस समय आरंभ हुआ जब फिलिस्तीनियों की मातृभूमि में अवैध जायोनी शासन की बुनियाद रखी गयी।
हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने गज्ज़ा पट्टी के वर्तमान संकट की ओर संकेत किया और कहा कि हालिया दिनों में विश्व हृदय विदारक घटनाओं का साक्षी रहा है जो इस बात का सूचक है कि जायोनी शासन गज्जा के निहत्थे और आम लोगों की हत्या करना चाहता है और शायद ही कोई न जानता हो कि पश्चिम एशिया में संकट की शुरूआत उस समय हुई जब जायोनी शासन ने फिलिस्तीनियों की मातृभूमि पर कब्ज़ा करना आरंभ किया।
विदेशमंत्री ने बल देकर कहा कि यह शासन अब तक लाखों फिलिस्तीनियों को शहीद कर चुका है और अंतरराष्ट्रीय आंकड़ों के अनुसार अब तक जायोनी केवल 33 हज़ार फिलिस्तीनी बच्चों को शहीद कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि आज नेतनयाहू के जंगी अपराध और गज्जा के खिलाफ जायोनियों के अपराध से बिजली, पानी काट देने और खाने पीने की ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है कि जायोनी गज्जा पट्टी के समस्त लोगों का नरसंहार करना चाहते हैं।
इसी प्रकार उन्होंने कहा कि आज गज्जा पट्टी में हम जिस युद्ध के साक्षी हैं वह किसी एक गुट के खिलाफ जंग नहीं है बल्कि जायोनी समस्त फिलिस्तीनियों से जंग लड़ रहे हैं। इसी प्रकार विदेशमंत्री ने कहा कि हमास की कार्यवाही के बारे में ईरान का दृष्टिकोण पूरी तरह स्पष्ट है और फिलिस्तीनियों की स्वेच्छा से की जाने वाली कार्यवाही नेतेनयाहू और इस्राईल के जारी अपराधों का एक जवाब है।
ज्ञात रहे कि वर्ष 1948 में फिलिस्तीनियों की मातृभूमि में अवैध जायोनी शासन की बुनियाद रखी थी और तब से लेकर आज तक फिलिस्तीनी अपनी मातृभूमि की आज़ादी के लिए लड़ रहे हैं और कितने खेद की बात है कि आज दूसरे की मातृभूमि पर कब्ज़े करने वालों के समर्थन में कहा जाता है कि इस्राईल को अपनी रक्षा का अधिकार है जबकि इसका उल्टा कहा जाना चाहिये और अतिग्रहणकारी की भर्त्सना की जानी चाहिये। MM
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