हमले में हमारा कोई हाथ नहीं हैः ईरान
संयुक्त राष्ट्रसंघ में ईरानी राजदूत ने कहा है कि इराक और सीरिया में अमेरिकी सैनिकों पर होने वाले हमले में हमारी कोई भूमिका या हस्तक्षेप नहीं है।
समाचार एजेन्सी इर्ना की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्र संघ में ईरानी राजदूत अमीर सईद इरवानी ने अमेरिका के उस दावे को रद्द कर दिया जिसमें उसने कहा था कि सीरिया और इराक में अमेरिकी सैनिकों पर होने वाले हमलों में ईरान का हाथ है।
अमेरिका ने 30 अक्तूबर को सुरक्षा परिषद में एक पत्र दिया था जिसमें किसी प्रमाण के बिना दावा किया गया था कि इराक और सीरिया में अमेरिकी सैनिकों पर जो हमले किये गये हैं उसमें ईरान का हाथ है। अमेरिका के निराधार आरोप के जवाब में राष्ट्रसंघ में ईरानी राजदूत ने राष्ट्रसंघ के महासचिव और सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के नाम पत्र में लिखा है कि अमेरिका ने जो दावा किया है वह निराधार और उसका कोई प्रमाण नहीं है।
राष्ट्रसंघ में ईरानी राजदूत ने कहा कि सीरिया में अमेरिका की उपस्थिति गैर कानूनी है और वह राष्ट्रसंघ के घोषणा पत्र के अनुसार सीरिया में आम नागरिकों और आधारभूत संरचना के खिलाफ अपनी गैर कानूनी कार्यवाही को वैध दर्शाने की चेष्टा में है। उन्होंने कहा कि स्पष्ट है कि इस प्रकार के निराधार दावे का लक्ष्य अमेरिका द्वारा सीरिया में अंतरराष्ट्रीय कानून और राष्ट्रसंघ के घोषणा पत्र के उल्लंघन का औचित्य दर्शाना है।
अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार अतिग्रहणकारी देश को आत्म रक्षा का अधिकार नहीं है कि वह आत्म रक्षा का नाम देकर अपनी गैर कानूनी कार्यवाहियों का औचित्य दर्शाये। इसी प्रकार राष्ट्रसंघ में ईरानी राजदूत ने सीरिया में अमेरिका की गैर कानूनी उपस्थिति का बारमबार विरोध किया और उस पर आपत्ति जताई है और उसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों की उपेक्षा और सीरिया की राष्ट्रीय संप्रभुता का उल्लंघन बताया है।
सीरिया ने बारमबार अमेरिका द्वारा अतिग्रहण और उसकी गैर कानूनी उपस्थिति को समाप्त किये जाने पर बल दिया है। राष्ट्रसंघ में ईरानी राजदूत ने बल देकर कहा है कि अमेरिका को चाहिये कि वह अपनी गैर कानूनी कार्यवाहियों और अतिग्रहण को समाप्त करे और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों सहित अंतरराष्ट्रीय समझौतों व कानूनों का पालन करे और यह चीज़ क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति व सुरक्षा स्थापित करने में मदद करेगी।
इसी प्रकार इरवानी ने कहा कि सीरिया में इस्लामी गणतंत्र ईरान की उपस्थिति पूर्णतः कानूनी है क्योंकि वह आधारिक तौर दमिश्क सरकार के आह्वान पर आतंकवाद से मुकाबले के लिए सीरिया गया है। ईरान ने एक बार फिर सीरिया की संप्रभुता, एकता और राजनीतिक स्वतंत्रता के सम्मान पर बल दिया है। MM
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