ईरानी समाज में सुविचार व उपदेश का महत्व
पार्स टुडे – ईरानी साहित्य और प्राचीन ज्ञान की अमूल्य धरोहर में एक गहरी और मानवीय सीख छिपी है: बुरे गुमान से किसी का दिल मत तोड़ो।
यह छोटा-सा वाक्य बुद्धि, नैतिकता और मानव संबंधों की एक बड़ी शिक्षा अपने भीतर समेटे हुए है। यह ऐसा आचरण मार्गदर्शक है जो इंसानी रिश्तों को मज़बूत और समाज को अधिक स्वस्थ बना सकता है।
ईरानी उपदेश "बुरे गुमान से किसी का दिल मत तोड़ो" सबसे पहले हमें जल्दबाज़ी में निर्णय लेने और आधारहीन शक के आधार पर कदम उठाने से रोकता है। मनुष्य का मन कभी-कभी बीते अनुभवों, भय या ग़लत सुनी बातों के कारण बदगुमानी की ओर झुक जाता है।
पार्स टुडे के अनुसार यदि हम इन्हीं नकारात्मक धारणाओं को अपने व्यवहार का आधार बना लें तो अनजाने में, बिना किसी दोष के प्रमाण के, किसी इंसान का दिल तोड़ सकते हैं। और दिल का टूटना केवल एक व्यक्ति को नहीं, बल्कि समाज में मौजूद विश्वास, अपनत्व और आपसी संबंधों को भी कमजोर करता है।
ईरानी संस्कृति, जो धार्मिक और नैतिक शिक्षाओं से प्रभावित है हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने पर बल देती है जब तक कि उसका विपरीत स्पष्ट रूप से सिद्ध न हो जाए। यह मूर्खता नहीं, बल्कि न्याय, सावधानी और बात को समझने-समझाने का अवसर देने का सिद्धांत है। कितनी ही मित्रताएँ गलतफहमियों के कारण टूट गईं, और कितने दिल केवल एक सरल और सम्मानजनक प्रश्न से टूटने से बच सकते थे।
सामाजिक व्यवहारों में हम सभी कभी-कभी पूर्वाग्रह के शिकार हो जाते हैं और बाद में पता चलता है कि हमारा अनुमान गलत था। यह आदत व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव छोड़ती है और समय के साथ हृदय को कठोर बना देती है।
बदगुमानी से बचने का महत्व इतना है कि अल्लाह ने सूरह हुजुरात की आयत 12 में याद दिलाया है:
ऐ ईमान वालों! बहुत-से गुमानों से बचो, क्योंकि कुछ गुमान पाप होते हैं।
विस्तृत रूप से देखा जाए तो इस उपदेश का पालन समाज में विश्वास, क्षमा और समझ-बूझ की बुनियाद रखता है। जब लोग नकारात्मक निष्कर्ष निकालने के बजाय एक-दूसरे को समझने और स्पष्टता का अवसर देते हैं, तो व्यक्तिगत और सामूहिक विकास के लिए एक शांत और सुरक्षित वातावरण बनता है।
इसलिए यह प्राचीन ईरानी सीख केवल व्यक्तिगत नैतिक सलाह नहीं, बल्कि सामंजस्यपूर्ण सामाजिक जीवन का एक मार्ग है। इसे परिवार में, मित्रताओं में और दैनिक व्यवहार में अपनाना चाहिए ताकि कोई दिल आहत न हो और मनुष्यों के संबंध मजबूत और स्थायी बने रहें। MM