किसी राष्ट्र के अमर रहने के लिए शहादत ज़रूरी हैः सलामी
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जनरल हुसैन सलामी का कहना है कि शहादत, किसी राष्ट्र के अमर होने की निशानी है। 
(last modified 2023-12-17T09:15:27+00:00 )
Dec १७, २०२३ १४:४५ Asia/Kolkata
  • किसी राष्ट्र के अमर रहने के लिए शहादत ज़रूरी हैः सलामी

जनरल हुसैन सलामी का कहना है कि शहादत, किसी राष्ट्र के अमर होने की निशानी है। 

ईरान की इस्लामी क्रांति के संरक्षक बल आईआरजीसी के कमांडर मेजर जनरल हुसैन सलामी ने शहादत को अमरता का प्रतीक बताते हुए कहा कि इसके बिना कोई भी राष्ट्र जीवित नहीं रह सकता।

पवित्र प्रतिरक्षा और रास्क नगर में होने वाली आतंकी घटना के दौरान शहीद होने वालों के विदाई कार्यक्रम में उन्होंने रविवार को भाग लिया।  इस अवसर पर जनरल हुसैन सलामी का कहना था कि इन्ही शहीदों ने देश के लिए गरिमा, सम्मान, शांति, प्रगति एवं आसानी को उपलब्ध करवाया। 

आईआरजीसी के कमांडर का कहना था कि आज हम शहीदों की बदौलत पूरी दुनिया में एक शक्ति के रूप में स्थापित हो चुके हैं।  अब कोई भी शक्ति, इस राष्ट्र पर हमला करने का साहस नहीं कर सकती। 

याद रहे कि ईरान में पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा (स) की सुपुत्री हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्ला अलैहा की शहादत के दिन को, रोज़े शहीदे गुमनाम" अर्थात गुमनाम शहीद दिवस का नाम दिया गया है। 

इसी दुखद अवसर पर आज पवित्र प्रतिरक्षा के दौरान और पिछले दिनों रास्क नगर में होने वाली आतंकवादी कार्यवाही में शहीद होने वाले शहीदों की अंतिम विदाई का कार्यक्रम आयोजित किया गया।  यह वे शहीद हैं जिन्होंने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया।

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