Feb ०८, २०२४ २०:२३ Asia/Kolkata
  • ग़ज़ा में जातीय सफ़ाए का ज़िम्मेदार अमरीका

पश्चिमी ताक़तें विशेष रूप से अमरीका ज़ायोनी शासन की हर ज़रूरी मदद करके व्यवहारिक रूप से ग़ज़ा की जंग रोके जाने और फ़िलिस्तीनियों के जनसंहार का सिलसिला रुकवाने में रुकावट बन रहा है।

ज़ायोनी शासन ने अपनी सारी जंगों में चाहे वो अरब देशों से रही हों या फ़िलिस्तीनी और लेबनानी संगठनों से लड़ी गई हों पश्चिमी देशों से भरपूर समर्थन और मदद हासिल की है। इस समय ग़ज़ा की लड़ाई में भी अवैध ज़ायोनी शासन को पश्चिम का भरपूर समर्थन हासिल है।

गत वर्ष 7 अक्तूबर को फ़िलिस्तीनियों के तूफ़ान अलअक़सा आप्रेशन के बाद ज़ायोनी शासन ने ग़ज़ा पट्टी पर बड़े भयानक रूप से बमबारी की और उसके बाद ज़मीनी आप्रेशन किया जिसके नतीजे में अब तक लगभग 30 हज़ार फ़िलिस्तीनी ग़ज़ा में शहीद हो चुके हैं जबकि घायलों की संख्या लगभग 68 हज़ार है।

इस दौरान ईरान सहित कुछ देशों ने ग़ज़ा में जारी नस्लीय सफ़ाए को रुकवाने की बड़ी कोशिशें कीं लेकिन अमरीका, ब्रिटेन और फ़्रांस जैसे पश्चिमी देशों ने ग़ैर क़ानूनी ज़ायोनी शासन की राजनैतिक, सामरिक और आर्थिक मदद करके इसी तरह सुरक्षा परिषद में कूटनैतिक समर्थन देकर ग़ज़ा पट्टी में जातीय सफ़ाए के अपराध के लिए रास्ता हमवार किया है।

ग़ज़ा पट्टी पर ज़ायोनी शासन के हमले शुरू होने के साथ ही अमरीकी सरकार ने ज़ायोनी शासन को अलग अलग प्रकार के हथियारों और सैन्य उपकरणों की सप्लाई शुरू कर दी। अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने जंग के शुरुआती दिनों में तेल अबीब का दौर किया और ज़ायोनी अधिकारियों को मदद का आश्वासन दिया।

हर बार यही होता है कि जब ज़ायोनी शासन की तरफ़ से फ़िलिस्तीनियों का दमन किया जाता है तो अमरीका  की  तरफ़ से ज़ायोनी शासन की मदद बढ़ा दी जाती है। अमरीकी संसद में ज़ायोनी शासन की मदद के लिए 17 अरब 60 करोड़ डालर का एक बिल विचाराधीन है।

इस प्रक्रिया के जारी रहने से पता चलता है कि जिस तरह ज़ायोनी शासन की ग़ैर क़ानूनी स्थापना इलाक़े के बारे में पश्चिम की साज़िश पर आधारित नीतियां का नतीजा थी इस समय फ़िलिस्तीनियों का जातीय सफ़ाया भी पश्चिमी ताक़तों विशेष रूप से अमरीका के समर्थन का नतीजा है और यह सब कुछ साम्राज्यवादी ताक़तों के विस्तारवादी कार्यक्रम के अंतर्गत हो रहा है।

ईरान की इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने गुरुवार को अपने भाषण में ग़ज़ा जारी ज़ायोनी शासन के अपराधों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह मुसीबत पूरे इस्लामी जगत बल्कि पूरी इंसानियत की है। और इससे साबित होता है कि वर्तमान विश्व व्यवस्था ग़लत व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि इस समय अमरीका और ब्रिटेन और दूसरे बहुत से यूरोपीय देश तथा इलाक़े में उनके पिट्ठू देश ज़ायोनी शासन के ख़ून में डूबे हुए हाथों की मदद कर रहे हैं। इसी से समझा जा सकता है कि वर्तमान विश्व व्यवस्था कितनी ग़लत है।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता का कहना था कि ग़ज़ा संकट का समाधान यह है कि पश्चिमी  देश और दुनिया की बड़ी ताक़तें ज़ायोनी शासन की मदद बंद करें। फ़िलिस्तीनी संघर्षक्रता जंग के मैदान को संभालने में पूरी तरह सक्षम हैं। वे अब तक मज़बूती से लड़े हैं और उनकी ताक़त को कोई बड़ा नुक़सान नहीं पहुंचा है।

हमारा व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए क्लिक कीजिए

हमारा टेलीग्राम चैनल ज्वाइन कीजिए

हमारा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब कीजिए!

ट्वीटर पर हमें फ़ालो कीजिए 

फेसबुक पर हमारे पेज को लाइक करें।  

टैग्स