ईरान अमेरिकी शैली की वार्ता को स्वीकार नहीं करता
(last modified Tue, 01 Jul 2025 09:48:05 GMT )
Jul ०१, २०२५ १५:१८ Asia/Kolkata
  • व्हाइट हाउस की नज़र में वार्ता का मतलब, बिना किसी शर्त  आत्मसमर्पण
    व्हाइट हाउस की नज़र में वार्ता का मतलब, बिना किसी शर्त  आत्मसमर्पण

पार्स टुडे – इस्लामी गणराज्य ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि अमेरिका और इज़राइली शासन की कार्रवाइयों ने कूटनीति को नष्ट कर दिया है।

इस्लामी गणराज्य ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माईल बक़ाई ने रूस के रशा टुडे से बातचीत में, जो सोमवार को प्रकाशित हुई, कहा: किसी अन्य देश के वरिष्ठ अधिकारियों और नेताओं के बारे में अपमानजनक और अशिष्ट भाषा का प्रयोग करना अत्यंत निंदनीय और अस्वीकार्य है। इस प्रकार का व्यवहार अमेरिका या उसके अधिकारियों के लिए कोई सम्मान नहीं लाता और पूरी तरह अस्वीकार्य है।

 

पार्स टुडे की रिपोर्ट के अनुसार बक़ाई ने स्पष्ट किया: हम एक वार्ता प्रक्रिया के बीच में थे और अमेरिकी प्रतिनिधियों से मिलने वाले थे लेकिन अचानक, ज़ायोनी शासन ने, अमेरिका के समर्थन और हरी झंडी के साथ, उस वार्ता के छठे दौर से केवल दो दिन पहले, जो मस्कट में होने वाला था, ईरान पर हमला कर दिया।

 

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह बताते हुए कि ईरान ने कभी वार्ता की मेज़ नहीं छोड़ी, कहा कि हमने हमेशा कूटनीति का समर्थन किया है लेकिन अमेरिका और इज़राइल की कार्रवाइयों ने कूटनीति को नष्ट कर दिया और यह वास्तव में कूटनीति के साथ विश्वासघात था।

 

बिना शर्त आत्मसमर्पण, वार्ता नहीं है

 

इसी संदर्भ में, संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत अमीर सईद इरवानी ने रविवार को सीबीएस न्यूज़ से बातचीत में इस सवाल के जवाब में कि तेहरान अब तक ईरान और तेल-अवीव के बीच संघर्ष के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के कूटनीतिक समाधान के दबाव को क्यों नहीं मानता, कहा: "बिना शर्त आत्मसमर्पण, वार्ता नहीं है; यह उनकी नीतियों को हम पर थोपना है।

 

इरवानी ने आगे कहा कि अगर वे वार्ता के लिए तैयार हैं तो हम भी तैयार हैं लेकिन अगर उनका उद्देश्य अपनी शर्तें थोपना है, तो उनसे किसी भी प्रकार की वार्ता संभव नहीं है।

 

तख़्त-रवांची: अमेरिकियों के साथ हमारी कोई तयशुदा मुलाक़ात नहीं है।

 

ईरान के उप विदेश मंत्री मजीद तख़्त-रवांची ने भी ईरान की संसद मजलिसे शुराये इस्लामी की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति आयोग में शामिल होने के बाद अमेरिका और ईरान के बीच संभावित वार्ता को लेकर अमेरिकी अधिकारियों के दावों पर कहा: जिन विषयों की बात की जा रही है उनके बारे में कोई तयशुदा योजना नहीं है और जो बातें वे कर रहे हैं वे सही नहीं हैं। mm